लखनऊः भाभी के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने के साथ-साथ परिवार के अन्य लोगों के साथ मिलकर उसे प्रताड़ित करने के अभियुक्त देवर संदीप कुमार की जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश प्रफुल्ल कमल ने खारिज कर दिया है. अदालत के समक्ष तर्क प्रस्तुत करते हुए एडीजीसी दुष्यंत मिश्रा व अरुण पांडे का तर्क था कि पीड़िता ने इस मामले की रिपोर्ट 24 अगस्त 2019 को मड़ियांव थाने में दर्ज कराई थी. जिसमें उसने पति ललित, ससुर छोटेलाल, सास ऊषा, ननद नेहा व देवर संदीप पर दहेज मांगने व मारपीट करने का आरोप लगाया. साथ ही कहा था कि उक्त देवर जबरदस्ती उसके साथ दुराचार करता था तथा अन्य लोगों के साथ उसे सोने के लिए मजबूर करता था.
वहीं, अदालत ने दहेज हत्या के एक मामले में अभियुक्त पति रोहित की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी वकीलों ने कहा था कि मामले की रिपोर्ट पीजीआई थाने में 26 मई 2022 को दर्ज कराई गई थी. जिसमें वादिनी ने कहा था कि उसने अपनी भांजी की शादी आरोपी रोहित के साथ की थी.
शादी के बाद भांजी का पति रोहित, जेठ रामचंद्र व गजराज तथा सास और ससुर दहेज में मोटर साइकिल तथा नगद 50 हजार रुपए की मांग को लेकर मारपीट करते थे व प्रताड़ित करते थे. 18 मई 2022 को रोहित ने फोन करके बताया कि उसने पत्नी को गला दबाकर मार डाला है. उसकी लाश उठा ले जाओ वरना पेट्रोल डालकर जला देंगे. विवेचना के दौरान यह मामला थाना पीजीआई से स्थानांतरित होकर थाना माल आया था.
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