लखनऊ: शादी के चौथे दिन ही दहेज की मांग पूरी न होने पर जहर देकर पत्नी की हत्या करने के आरोपी मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अधिशासी अभियंता विशाल कुमार वर्मा की जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश पद्माकर मणि त्रिपाठी (Additional Sessions Judge Padmakar Mani Tripathi) ने खारिज कर दिया है.
अदालत के समक्ष जमानत अर्जी के विरोध में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दुष्यंत मिश्रा और अरुण पांडे ने दलील दी कि घटना की रिपोर्ट वादी देवेंद्र नाथ ने 20 दिसम्बर 2020 को मड़ियांव थाने में दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया है कि उसकी पुत्री स्वाति का विवाह आरोपी विशाल कुमार वर्मा के साथ 14 दिसम्बर 2020 को हुआ था.
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सरकारी वकील का यह कहना था कि शादी के अगले दिन से ही ससुराल वाले दहेज के लिए स्वाति को प्रताड़ित करने लगे. 18 दिसम्बर की रात आरोपी पति विशाल कुमार वर्मा ने वादी के दूसरे दामाद के मोबाइल पर मिसकाल दिया. इसके बाद विशाल को फोन किया गया तो पता चला कि स्वाति की तबीयत खराब है और वह अस्पताल में भर्ती है.
कहा गया है कि सूचना पर जब वादी अस्पताल पहुंचा तो देखा कि स्वाति की मृत्यु हो चुकी है. विवेचना के दौरान विसरा रिपोर्ट में जहर पाया गया तथा जहर की वजह से स्वाति की मृत्यु होना बताया गया. अदालत ने अपने विस्तृत आदेश पर कहा है कि विवाहिता की शादी के चौथे दिन दहेज की मांग को लेकर हत्या किया जाना यह दर्शाता है कि आरोपी ने उसके साथ क्रूरता की सभी हदें पार कर चुका था और एक नवविवाहिता की जहर देकर हत्या कर दी.
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