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आजम खान ने दाखिल किया जमानत प्रार्थना पत्र, निचली अदालत से खारिज होने के बाद ली सत्र अदालत की शरण

निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की ओर से एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण की अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की गई है.

आजम खान.
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Published : Feb 14, 2022, 11:00 PM IST

लखनऊ: निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की ओर से एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण की अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की गई है. एमपी-एमएलए कोर्ट में मंगलवार को आजम की उक्त जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी.

सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की जमानत अर्जी गत 27 जनवरी को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दी गई थी कि आरोपी ने ऐसे तथ्यों को प्रकाशित किया जो लोकभय उत्पन्न करते हैं. जिससे कोई व्यक्ति या समुदाय लोक शांति को भंग करने के लिए उत्प्रेरित हो सकता है. ऐसी स्थिति में जमानत पर रिहा किए जाने का कोई औचित्य नहीं है. जबकि बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि आजम खान काफी समय से जेल में हैं तथा उनके विरुद्ध लगाया गया आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षण योग्य है.

इसे भी पढ़ें-सीतापुर जेल में बंद आजम खान ने 19 मुकदमों की नकल रिसीव की

पत्रावली के अनुसार आजम खान के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया है कि घटना वर्ष 2014 से संबंधित है लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है. अपनी शिकायत सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भेज कर आरोप लगाया है कि आजम खान सरकारी लेटर हेड एवं सरकारी मोहर का दुरुपयोग करके भाजपा, आरएसएस एवं मौलाना सैयद कल्बे जावाद नकवी को बदनाम कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचा रहे हैं.

लखनऊ: निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की ओर से एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण की अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की गई है. एमपी-एमएलए कोर्ट में मंगलवार को आजम की उक्त जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी.

सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की जमानत अर्जी गत 27 जनवरी को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दी गई थी कि आरोपी ने ऐसे तथ्यों को प्रकाशित किया जो लोकभय उत्पन्न करते हैं. जिससे कोई व्यक्ति या समुदाय लोक शांति को भंग करने के लिए उत्प्रेरित हो सकता है. ऐसी स्थिति में जमानत पर रिहा किए जाने का कोई औचित्य नहीं है. जबकि बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि आजम खान काफी समय से जेल में हैं तथा उनके विरुद्ध लगाया गया आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षण योग्य है.

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पत्रावली के अनुसार आजम खान के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया है कि घटना वर्ष 2014 से संबंधित है लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है. अपनी शिकायत सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भेज कर आरोप लगाया है कि आजम खान सरकारी लेटर हेड एवं सरकारी मोहर का दुरुपयोग करके भाजपा, आरएसएस एवं मौलाना सैयद कल्बे जावाद नकवी को बदनाम कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचा रहे हैं.

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