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CM Yogi का ऐलान, उत्तर प्रदेश में होगा 'आयुष बोर्ड' का गठन

सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में 'आयुष बोर्ड' का गठन (Ayush Board) करने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि 'बदलते समय के साथ युवाओं के बीच योग एवं नेचुरोपैथी में कॅरियर बनाने की चाह बढ़ी है.'

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 29, 2023, 11:04 PM IST

लखनऊ : यूपी में चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार प्रदेश सरकार काम करती है. इसी के तहत प्रदेश में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, सिद्धा, प्राकृतिक चिकित्सा और योग पद्धति से जुड़े संस्थानों के संचालन और संबंधित विधा के चिकित्सकों के पंजीयन के लिए एकीकृत 'आयुष बोर्ड' का गठन होगा. शुक्रवार को आयुष विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने दिशा-निर्देश दिए हैं.

उत्तर प्रदेश में होगा 'आयुष बोर्ड' का गठन
उत्तर प्रदेश में होगा 'आयुष बोर्ड' का गठन

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'वर्तमान में तीन अलग-अलग बोर्ड संचालित हैं. अब इन सभी को एक बोर्ड के अधीन समाहित करने की आवश्यकता है. इससे न केवल नए संस्थानों की स्थापना व विकास में प्रक्रियागत सहजता होगी, बल्कि उपाधि प्राप्त चिकित्सकों के पंजीयन में भी आसानी होगी. सीएम योगी ने कहा कि बदलते समय के साथ युवाओं के बीच योग एवं नेचुरोपैथी में कॅरियर बनाने की चाह बढ़ी है. ऐसे में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, सिद्धा, प्राकृतिक चिकित्सा और योग पद्धति से जुड़े संस्थानों के विनियमन और चिकित्सकों के पंजीयन की कार्यवाही की जानी चाहिए.'

उत्तर प्रदेश में होगा 'आयुष बोर्ड' का गठन
उत्तर प्रदेश में होगा 'आयुष बोर्ड' का गठन

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'प्रस्तावित आयुष बोर्ड का मुखिया महानिदेशक होगा, जबकि आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, सिद्धा, प्राकृतिक चिकित्सा और योग पद्धति के अलग-अलग निदेशक स्तर के अधिकारी इस व्यवस्था को संचालित करेंगे. मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के उपरांत शीघ्र ही उत्तर प्रदेश का आयुष अधिनियम तैयार किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा है कि व्यापक दृष्टिकोण के साथ नए अधिनियम में इन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के प्रोत्साहन के लिए अनुकूल अवसरों के सृजन हेतु सभी आवश्यक प्रबंध रखे जाएं. उन्होंने यह भी कहा कि संस्थानों के लिए तय मानकों को व्यवहारिक बनाया जाना चाहिए.'

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश तेजी से हेल्थ टूरिज्म के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है. योग एवं नेचुरोपैथी जैसी भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहित करना इस दिशा में अत्यंत उपयोगी होगा. प्रदेश में स्थापित होने वाले नए संस्थानों में शोध-अध्ययन और पेटेंट को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है.'

यह भी पढ़ें : CM Yogi का तोहफा, यूपी के 57 जिलों में 'मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों' की होगी स्थापना

यह भी पढ़ें : Ayushman Bharat Digital Mission में उत्तर प्रदेश की ऊंची छलांग, देश में बना नंबर वन

लखनऊ : यूपी में चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार प्रदेश सरकार काम करती है. इसी के तहत प्रदेश में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, सिद्धा, प्राकृतिक चिकित्सा और योग पद्धति से जुड़े संस्थानों के संचालन और संबंधित विधा के चिकित्सकों के पंजीयन के लिए एकीकृत 'आयुष बोर्ड' का गठन होगा. शुक्रवार को आयुष विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने दिशा-निर्देश दिए हैं.

उत्तर प्रदेश में होगा 'आयुष बोर्ड' का गठन
उत्तर प्रदेश में होगा 'आयुष बोर्ड' का गठन

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'वर्तमान में तीन अलग-अलग बोर्ड संचालित हैं. अब इन सभी को एक बोर्ड के अधीन समाहित करने की आवश्यकता है. इससे न केवल नए संस्थानों की स्थापना व विकास में प्रक्रियागत सहजता होगी, बल्कि उपाधि प्राप्त चिकित्सकों के पंजीयन में भी आसानी होगी. सीएम योगी ने कहा कि बदलते समय के साथ युवाओं के बीच योग एवं नेचुरोपैथी में कॅरियर बनाने की चाह बढ़ी है. ऐसे में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, सिद्धा, प्राकृतिक चिकित्सा और योग पद्धति से जुड़े संस्थानों के विनियमन और चिकित्सकों के पंजीयन की कार्यवाही की जानी चाहिए.'

उत्तर प्रदेश में होगा 'आयुष बोर्ड' का गठन
उत्तर प्रदेश में होगा 'आयुष बोर्ड' का गठन

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'प्रस्तावित आयुष बोर्ड का मुखिया महानिदेशक होगा, जबकि आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, सिद्धा, प्राकृतिक चिकित्सा और योग पद्धति के अलग-अलग निदेशक स्तर के अधिकारी इस व्यवस्था को संचालित करेंगे. मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के उपरांत शीघ्र ही उत्तर प्रदेश का आयुष अधिनियम तैयार किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा है कि व्यापक दृष्टिकोण के साथ नए अधिनियम में इन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के प्रोत्साहन के लिए अनुकूल अवसरों के सृजन हेतु सभी आवश्यक प्रबंध रखे जाएं. उन्होंने यह भी कहा कि संस्थानों के लिए तय मानकों को व्यवहारिक बनाया जाना चाहिए.'

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश तेजी से हेल्थ टूरिज्म के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है. योग एवं नेचुरोपैथी जैसी भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहित करना इस दिशा में अत्यंत उपयोगी होगा. प्रदेश में स्थापित होने वाले नए संस्थानों में शोध-अध्ययन और पेटेंट को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है.'

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