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गेहूं और जौ से दूरी सीलिएक बीमारी से बचाएगी, जानिए कैसे? - एसजीपीजीआई गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग

लखनऊ के एसजीपीजीआई में सीलिएक रोग पर कार्यक्रम का आयोजन कर मरीजों को जागरूक किया गया. साथ ही मोटे अनाज को भोजन में शामिल करने के लिए लोगों को प्ररित किया गया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 8:53 PM IST

लखनऊः एसजीपीजीआई में पीडियाट्रिक गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग की ओर से राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर सीलिएक रोग के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर बीमारी पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया गया. इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन ने मरीजों को बताया कि इस बीमारी में गेहूं और जौ से बनी चीजों का परहेज कर पूरी तरह स्वस्थ रहा जा सकता है. शारीरिक और मानसिक विकास में कोई भी रुकावट नहीं आती. इस दौरान प्रो. एलके भारती व डायटीशियन नीलू की सीलिएक बीमारी पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया गया.

यह भी पढ़ें- यूपी के जिला अस्पतालों में नहीं हैं गैस्ट्रो के डॉक्टर, केजीएमयू में उमड़ रही मरीजों की भीड़


प्रो. उज्जल पोद्दार ने कहा कि सीलिएक बीमारी की जानकारी तीन दशक पहले तक बहुत कम थी. मगर अब जागरूकता आई है. मुख्या चिकित्सा अधीक्षक प्रो.संजय धीराज ने कहा कि मोटे अनाज को लोगों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए. प्रो. वीके पालीवाल ने पीडियाट्रिक गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के इस प्रयास की प्रशंसा की. प्रो अंशु श्रीवास्तव ने बताया कि ग्लूटेन फ्री भोजन सीलिएक रोग का एकमात्र इलाज है. प्रो प्रवीर राय ने कहा कि यह पुस्तक सीलिएक मरीजों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी. डॉ. मोयनक सेन शर्मा ने सीलिएक मरीजों के द्वारा ग्लूटेन फ्री डाइट का अच्छे से अनुपालन करने के लिए उनकी प्रशंशा की.

कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजय धीराज, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. वीके पालीवाल, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो. यूसी घोषाल, प्रो. प्रवीर राय, प्रो. समीर मोहिंद्रा तथा पीडियाट्रिक गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रोफसर उज्जल पोद्दार, प्रो. अंशु श्रीवास्तव और डॉ. मोइनक सेन शर्मा समेत अन्य लोग मौजूद रहे.

लखनऊः एसजीपीजीआई में पीडियाट्रिक गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग की ओर से राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर सीलिएक रोग के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर बीमारी पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया गया. इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन ने मरीजों को बताया कि इस बीमारी में गेहूं और जौ से बनी चीजों का परहेज कर पूरी तरह स्वस्थ रहा जा सकता है. शारीरिक और मानसिक विकास में कोई भी रुकावट नहीं आती. इस दौरान प्रो. एलके भारती व डायटीशियन नीलू की सीलिएक बीमारी पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया गया.

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प्रो. उज्जल पोद्दार ने कहा कि सीलिएक बीमारी की जानकारी तीन दशक पहले तक बहुत कम थी. मगर अब जागरूकता आई है. मुख्या चिकित्सा अधीक्षक प्रो.संजय धीराज ने कहा कि मोटे अनाज को लोगों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए. प्रो. वीके पालीवाल ने पीडियाट्रिक गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के इस प्रयास की प्रशंसा की. प्रो अंशु श्रीवास्तव ने बताया कि ग्लूटेन फ्री भोजन सीलिएक रोग का एकमात्र इलाज है. प्रो प्रवीर राय ने कहा कि यह पुस्तक सीलिएक मरीजों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी. डॉ. मोयनक सेन शर्मा ने सीलिएक मरीजों के द्वारा ग्लूटेन फ्री डाइट का अच्छे से अनुपालन करने के लिए उनकी प्रशंशा की.

कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजय धीराज, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. वीके पालीवाल, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो. यूसी घोषाल, प्रो. प्रवीर राय, प्रो. समीर मोहिंद्रा तथा पीडियाट्रिक गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रोफसर उज्जल पोद्दार, प्रो. अंशु श्रीवास्तव और डॉ. मोइनक सेन शर्मा समेत अन्य लोग मौजूद रहे.

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