लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार के रूप में अवनीश अवस्थी का कार्यकाल 1 साल के लिए बढ़ाया गया है. 28 फरवरी को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था, अब उन्हें 1 साल का कार्यकाल और दिया गया है. 29 फरवरी 2024 तक अवनीश अवस्थी मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में काम करेंगे. नियुक्ति विभाग की तरफ से 1 साल कार्यकाल बढ़ाए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है. इससे पहले 16 सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सलाहकार सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी को बनाया गया था. कार्यकाल समाप्त होने के बाद आज उन्हें फिर 1 साल के लिए नियुक्त किया गया है.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके प्रशासनिक कार्यों में सलाह देने के लिए अवनीश अवस्थी को सलाहकार बनाया गया है. योगी सरकार में अपर मुख्य सचिव गृह के पद पर तैनात रहे अवनीश कुमार अवस्थी को राज्य सरकार का सलाहकार बनाया गया है. यह भी उल्लेखनीय है कि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अवनीश अवस्थी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफी भरोसेमंद और सबसे ताकतवर अफसर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराधी माफियाओं पर बुलडोजर चलाकर विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका के निर्वहन के रूप में भी अवनीश अवस्थी को देखा जाता है. पिछले साल यह कवायद भी शुरू हुई थी कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें 1 साल या 6 महीने का सेवा विस्तार केंद्र सरकार दे सकती है. इसको लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा गया था, लेकिन केंद्र ने उन्हें सेवा विस्तार नहीं दिया और उनकी 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गए. इसके बाद 16 सितम्बर को उन्हें मुख्यमंत्री का सलाहकार बनाया गया था. मुख्यमंत्री के विश्वस्त और भरोसेमंद होने के कारण उन्हें एक बार फिर सलाहकार बनाया गया है.
यूपी का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अवनीश अवस्थी के बीच 20 साल पुराना रिश्ता है. वर्ष 2002-2003 में जब अवनीश कुमार अवस्थी गोरखपुर के जिलाधिकारी बने थे तब योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद थे तभी से दोनों के बीच प्रगाढ़ रिश्ता है. यही कारण है जब 2017 में योगी मुख्यमंत्री ने बने तो केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर गए अवनीश अवस्थी को बुलाकर यूपी सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी दी. योगी के हर प्रशासनिक कार्यों में अवनीश की विशेष भूमिका रहती है. बताया जाता है कि अवनीश को प्रशासनिक दांव पेंच में महारत हासिल है और वे प्रशासनिक अफसरों से काम निकलवाने के साथ उन्हें दायरे में रखना अच्छी तरह जानते हैं.