लखनऊ: गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में माफिया मुख्तार अंसारी पर जानलेवा हमला करने के साथ-साथ उसके दो बॉडीगार्ड की हत्या करने के आरोप में बृजेश सिंह के खिलाफ चल रहे मामले में गवाह सरफराज की गवाही एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण की अदालत में दर्ज की गई. अदालत ने बचाव पक्ष की जिरह के लिए 15 नवम्बर की तिथि नियत की है.
कोर्ट में मामले की सुनवाई के समय आरोपी बृजेश सिंह को पेश किया गया. जबकि अन्य आरोपी त्रिभुवन सिंह जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश हुआ. अभियोजन द्वारा मामले के गवाह सरफराज को कोर्ट में पेश किया और उसकी गवाही दर्ज की. बृजेश सिंह के वकील वरुण चंद्रा और अवधेश सिंह सूर्यवंशी के अनुसार मामले की रिपोर्ट वादी मुख्तार अंसारी ने गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज कराया था कि 15 जुलाई 2001 को दिन के करीब साढ़े 12 बजे वादी अपने भाई गौस मोहम्मद उर्फ तन्नू, सरफराज अंसारी उर्फ मुन्नी, ड्राइवर रमेश, सुरेंद्र, शाहिद और इसराइल के साथ था. तभी, आरोपी बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर साजिश के तहत उसरी चट्टी पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर जानलेवा हमला किया.
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अदालत को बताया गया कि इस हमले में वादी का अंगरक्षक रामचंद्र प्रदीप और बाबू की मौत हो गई है. जबकि हमले में वादी की दो सफारी गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई थी. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने विवेचना की और आरोपी बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ गाजीपुर की कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी. गाजीपुर के तत्कालीन एडीजे अनुपति राम यादव ने आरोपियों पर 11जनवरी 2013 को आरोप तय किए थे. जिसके बाद से मामले में गवाहों की गवाही चल रही थी. इसी बीच मामले को सुनवाई के लिए राजधानी की एमपी-एमएलए कोर्ट में भेज दिया गया.
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