लखनऊ: विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सपना त्रिपाठी ने म्यामांर निवासी रोहिंग्या समुदाय के साहिल की चार दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली है. कस्टडी रिमांड की यह अवधि 3 मार्च की सुबह 10 बजे से शुरू होगी. उन्होंने यह आदेश इस मामले के विवेचक वसुदेव राणा की अर्जी पर दिया है. बता दें कि यह रिमांड एटीएस ने मांगी थी.
दरअसल, बीती एक जनवरी को एटीएस ने अभियुक्त को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया था. इसके खिलाफ आईपीसी की धारा 121ए, 120बी, 419, 420, 467, 468, 471 व 120बी तथा 14 व 14सी विदेशी अधिनियम के तहत थाना एटीएस, गोमतीनगर में मुकदमा दर्ज किया गया है. विवेचक का कहना था कि अभियुक्त ने बताया है कि वो म्यामांर का रहने वाला रोहिंग्या समुदाय से है. वहां दंगा होने के चलते परिवार सहित बांग्लादेश आ गया. बांग्लादेश बार्डर से वह अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर गया. फिर खुद को भारतीय नागरिक स्थापित कराने के लिए कूटरचित दस्तावेज तैयार कराए.
यह भी बताया है कि उसने बांग्लादेशी व म्यांमार के अनेक निवासियों को भारत की सीमा में अवैध तरीके से प्रवेश कराया है. उन्हें उनकी पहचान छिपाकर उन्नाव व अलीगढ़ की मीट फैक्ट्रियों में काम पर रखवाया है, जिसके एवज में उनसे अपने बैंक खाते में कमीशन प्राप्त करता है.
विवेचक का कहना था कि अभियुक्त से कूटरचित दस्तावेजों की बरामदगी करानी है. यूएनएचआरसी से निर्गत शरणार्थी पंजीकरण प्रमाण पत्र भी बरामद करना है. अब तक किन-किन लोगों को भारत में प्रवेश करा के काम पर लगा रखा है, उनकी शिनाख्त करानी है. साथ ही मोबाइल का डाटा एफएसएल से निकलवाकर तथ्यों की जानकारी करनी है. इसके बैंक खातों में हुए लेन-देन के संदर्भ में भी पूछताछ करनी है व इसकी निशानदेही पर गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करना है.