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बांग्लादेशी भाइयों की ATS ने मांगी रिमांड, 19 को होगी सुनवाई

सहारनपुर से गिरफ्तार दो बांग्लादेशी भाइयों से पूछताछ के लिए एंटी टेररिस्ट स्क्वाएड (एटीएस) ने कोर्ट में 5 दिन की रिमांड मांगी है. इस पर एटीएस की विशेष कोर्ट ने 19 नवंबर को सुनवाई की तारीख दी है.

बांग्लादेशी भाइयों की ATS ने मांगी रिमांड.
बांग्लादेशी भाइयों की ATS ने मांगी रिमांड.
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Published : Nov 18, 2020, 9:13 PM IST

लखनऊ: सहारनपुर से गिरफ्तार दो बांग्लादेशी नागरिकों से पूछताछ के लिए एंटी टेररिस्ट स्क्वाएड (एटीएस) ने कोर्ट में 5 दिन की रिमांड मांगी है. जांच एजेंसी के अनुरोध पर सुनवाई के लिए एटीएस की विशेष कोर्ट ने 19 नवंबर की तिथि तय की है.

मोहम्मद इकबाल और मोहम्मद फारुख नाम के दो सगे भाइयों को गिरफ्तार करके 10 नवंबर को कोर्ट में पेश किया गया था. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. फिलहाल दोनों विदेशी नागरिक न्यायिक हिरासत में हैं.

एटीएस को है गहरी साजिश की आशंका

एटीएस को शक है कि वे किसी खास मकसद से पिछले पांच सालों से फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में रह रहे थे. एटीएस उनके मददगारों का पता लगा रही है. जांच एजेंसी ने कोर्ट में दलील दी है कि बिना स्थानीय मदद के नकली पासपोर्ट और अन्य फर्जी दस्तावेज बनवाना संभव नहीं है.

इन धाराओं में दर्ज किया है मुकदमा

विशेष अदालत ने एटीएस की अर्जी पर सुनवाई के दौरान जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोनों अभियुक्तों को उपस्थित रहने का आदेश दिया है. इन दोनों अभियुक्त भाइयों पर वर्ष 2015 से फर्जी दस्तावेज व पासपोर्ट के जरिए सहारनपुर में रहने का आरोप है. पिछले मंगलवार को इन दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 तथा विदेशी और पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

इसे भी पढ़ें- नेचुरोपैथी डेः मिट्टी लेपन कर किए कई रोग दूर, जानें महत्व

लखनऊ: सहारनपुर से गिरफ्तार दो बांग्लादेशी नागरिकों से पूछताछ के लिए एंटी टेररिस्ट स्क्वाएड (एटीएस) ने कोर्ट में 5 दिन की रिमांड मांगी है. जांच एजेंसी के अनुरोध पर सुनवाई के लिए एटीएस की विशेष कोर्ट ने 19 नवंबर की तिथि तय की है.

मोहम्मद इकबाल और मोहम्मद फारुख नाम के दो सगे भाइयों को गिरफ्तार करके 10 नवंबर को कोर्ट में पेश किया गया था. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. फिलहाल दोनों विदेशी नागरिक न्यायिक हिरासत में हैं.

एटीएस को है गहरी साजिश की आशंका

एटीएस को शक है कि वे किसी खास मकसद से पिछले पांच सालों से फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में रह रहे थे. एटीएस उनके मददगारों का पता लगा रही है. जांच एजेंसी ने कोर्ट में दलील दी है कि बिना स्थानीय मदद के नकली पासपोर्ट और अन्य फर्जी दस्तावेज बनवाना संभव नहीं है.

इन धाराओं में दर्ज किया है मुकदमा

विशेष अदालत ने एटीएस की अर्जी पर सुनवाई के दौरान जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोनों अभियुक्तों को उपस्थित रहने का आदेश दिया है. इन दोनों अभियुक्त भाइयों पर वर्ष 2015 से फर्जी दस्तावेज व पासपोर्ट के जरिए सहारनपुर में रहने का आरोप है. पिछले मंगलवार को इन दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 तथा विदेशी और पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

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