लखनऊ : चिकित्सा सेवा के साथ-साथ शोध के क्षेत्र में भी एसजीपीजीआई संस्थान अपना परचम लहरा रहा है. इंडियन सोसाइटी ऑफ़ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ने संजय गांधी पीजीआई, लखनऊ के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आकाश माथुर (Assistant Professor Dr. Akash Mathur Honored) को डीएम/डीएनबी के दौरान किए गए शोध की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ शोध (Award for Best Research) के पुरस्कार से सम्मानित किया है. यह पुरस्कार पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ शोध के लिए दिया गया है.
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आकाश माथुर (Assistant Professor Dr. Akash Mathur Honored) को यह पुरस्कार हाल ही में सोसाइटी के जयपुर में हुए सम्मेलन के दौरान सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. महेश गोयनका और पद्मश्री डॉ. योगेश चावला ने प्रदान किया. डॉ. आकाश माथुर को पुरस्कार स्वरूप 20 हजार रुपये नगद व एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आकाश माथुर ने अपने शोध में कोविड रोगियों (Research on digestive system of covid patients) के पर पाचन तंत्र, विशेषकर आंतों संबंधी दूरगामी दुष्परिणामों का अध्ययन किया था.
इस दौरान डॉ. आकाश माथुर (Dr. Akash Mathur, Assistant Professor, SGPGI) ने पाया कि इससे 'इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम' व अपच (डायसपेस्पिया) जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आकाश माथुर को इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सर्वश्रेष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में पुरस्कृत किया जा चुका है. इंडियन सोसाइटी ऑफ़ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी भारत में गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्टस और हेपिटोलॉजिस्टस की सबसे बड़ी संस्था है.