लखनऊ: विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए आज भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे को भाजपा की तरफ से नितिन अग्रवाल ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद का नामांकन पत्र सौंपा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, कानून मंत्री बृजेश पाठक, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन सहित कई मंत्री और विधायक उपस्थित रहे. इससे पहले समाजवादी पार्टी के विधायक नरेंद्र वर्मा ने सपा की तरफ से विधानसभा उपाध्यक्ष पद का नामांकन पत्र दाखिल किया. अब 18 अक्टूबर सोमवार को विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी होगी.
बीजेपी की तरफ से नितिन अग्रवाल के नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी संसदीय परंपराओं का पालन कर रही है. विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के लिए रिजर्व होता है. विपक्ष की तरफ से कोई उम्मीदवार नहीं लाया जा सका. सबसे बड़े विपक्षी दल से ही प्रत्याशी नितिन अग्रवाल आए हैं तो उन्हीं को हमने प्रत्याशी माना है और उनका हम समर्थन कर रहे हैं. सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का हम समर्थन कर रहे हैं. हम संसदीय परंपराओं का सम्मान करने वाले लोग हैं.
उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी नितिन अग्रवाल ने कहा कि हम नेता सदन और विधानसभा अध्यक्ष का आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने संसदीय नियमों और परंपराओं के अनुसार उपाध्यक्ष पद पर चुनाव कराने का फैसला किया है और हमें समर्थन दिया है. जहां तक विपक्ष में समाजवादी पार्टी की बात है तो उसने नियमों व परंपराओं का पालन नहीं किया है और अब इन बातों का कोई मतलब नहीं है.
भारतीय जनता पार्टी विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को लड़ा रही है. वहीं विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष का होने का दावा करते हुए समाजवादी पार्टी ने पार्टी विधायक नरेंद्र वर्मा से नामांकन कराया है. समाजवादी पार्टी में पार्टी के वरिष्ठ नेता सीतापुर से विधायक नरेंद्र वर्मा को उपाध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित किया और आज उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है.
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समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र और परंपराओं की हत्या कर रही है. नियमों के अनुसार विधानसभा में उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिए जाने की परंपरा रही है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी चुनाव से पहले सदन में चर्चा कराने के बजाय अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए उपाध्यक्ष का चुनाव करा रही है और खुद उम्मीदवार उतार रही है. उन्होंने कहा कि हमने सपा प्रत्याशी नरेंद्र वर्मा का पर्चा दाखिल कराया है. हम अपने उम्मीदवार को जिताने का काम करेंगे.
समाजवादी पार्टी के विधायक नरेंद्र वर्मा ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने मुझे उपाध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है. भाजपा अजब-गजब पार्टी है. उसे नियमों और परंपरा से कोई लेना-देना नहीं है. हमें उम्मीद है कि हम चुनाव में जीतेंगे.
कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विधानसभा के विशेष सत्र के कार्यक्रम को दिया गया अंतिम रूप
18 अक्टूबर यानी सोमवार को प्रस्तावित विधानसभा के विशेष सत्र के कार्यक्रम को लेकर, रविवार को कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में अन्तिम रूप दिया गया. कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि आज आयोजित बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष का निवार्चन स्वीकार हुआ है. बैठक में नियम-301व नियम-51की सूचनाएं लिए जाने की सहमति बनी है. 18 अक्टूबर सोमवार को विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी होगी.
सुरक्षा समिति की बैठक में सदस्यों के लिए निर्बाध आवागमन, सुरक्षा, उपचार आदि व्यवस्था कराये जाने पर भी विचार किया गया. विधानसभा अध्यक्ष ने विश्वास किया है कि उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी विधानसभा होने के नाते संविधान के प्रति प्रतिबद्ध, परंपरा, संस्कृति और हर तरह से संविधान के प्रति निष्ठावान होकर सदन की कार्यवाही को सुगमतापूर्वक चलाया जायेगा. सदन में सारवान और गुणवत्तापूर्ण चर्चा के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है.
बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना एवं समाजवादी पार्टी से नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी, राकेश प्रताप सिंह बसपा नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली, कांग्रेस दल की नेता आराधना मिश्रा (मोना) सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से कैलाशनाथ सोनकर, मंत्री रमापति शास्त्री, चौधरी लक्ष्मीनारायण, सिद्धार्थनाथ सिंह, राज्यमंत्री गुलाब देवी, योगेन्द्र उपाध्याय, सहित विधान सभा के प्रमुख सचिव, प्रदीप कुमार दुबे एवं प्रमुख सचिव संसदीय कार्य, जेपी सिंह व अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे.