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पुलिस पर लगा व्यापारी से मारपीट करने का आरोप, वीडियो वायरल कर सुनाई आपबीती

राजधानी लखनऊ की आशियाना थाना पुलिस पर एक व्यापारी के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है. व्यापारी ने वीडियो वायरल कर आशियाना थाने के एक दारोगा और सिपाहियों पर मारपीट का आरोप लगाया है.

कॉन्सेप्ट इमेज.
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Published : Aug 8, 2021, 4:09 PM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद से पुलिस महकमे की कार्यशैली पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. अधिकारी भले ही अपराध पर नियंत्रण रखने और जनता और पुलिस के बीच अच्छे सामंजस्य की बात करते हैं, लेकिन उनके मातहतों की कार्यशैली इनके दावों की पोल खोल देती है. ताजा मामला आशियाना थाना क्षेत्र का, जहां एक व्यापारी के साथ मारपीट करने का आरोप पुलिस पर लगा है.

देखें वीडियो.

दरअसल, सत्यपाल सिंह नाम के एक व्यक्ति ने रविवार को अपना एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए आशियाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. सत्यपाल सिंह ने आशियाना पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है. आरोप है कि राजधानी लखनऊ के आशियाना थाना क्षेत्र में शनिवार की रात दुकान बंद पर सत्यपाल सिंह अपने घर की ओर जा रहे थे. इसी बीच आशियाना थाने में तैनात दारोगा सुनील कुमार सिंह ने उनको रास्ते में रोक कर पूछताछ की. आरोप है कि दारोगा सुनील कुमार सिंह ने सिपाहियों के साथ मिलकर पहले तो सत्यपाल सिंह की पिटाई की और उसके बाद जबरन जीप में बैठाकर थाने पर ले गए.

वायरल वीडियो में पीड़ित सत्यपाल सिंह ने बताया कि जब काफी समय तक वह घर नहीं पहुंचे तो उनके परिजन को चिंता हुई. परिजन उनकी जानकारी जुटाते हुए थाने तक पहुंच गए. इसी बीच उनके परिजनों के साथ-साथ सिख समुदाय के व्यपारियों का भी थाने पर जमावड़ा लग गया. सिख समुदाय के व्यपारियों ने सत्यपाल सिंह को छोड़ने की मांग की. मामला तूल पकड़ता देख अधिकारियों ने इस मामले में हस्ताक्षेप किया. अधिकारियों के हस्ताक्षेप के बाद सत्यपाल सिंह को देर रात छोड़ दिया गया.

इसे भी पढ़ें:- मोहर्रम सर्कुलर पर विवाद: शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने नई गाइडलाइन जारी करने की मांग की

वहीं इस मामले पर आशियाना थाने के कोतवाल बृजेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि सत्यपाल सिंह जो आरोप लगा रहे हैं, वह निराधार हैं. राजधानी लखनऊ में शनिवार को लॉकडाउन रहता है. इसके बावजूद सत्यपाल सिंह द्वारा खजाना चौराहा पर अपना रेस्टोरेंट, जिसका नाम 'नॉनवेज प्वाइंट बल्ले-बल्ले' है, उसको देर रात तक खोला गया था. कोतवाल ने बताया कि शनिवार की रात 10 से 11 बजे के बीच ग्राहकों की भीड़ लगी हुई थी. इस बात की सूचना पाकर चौकी इंचार्ज ने मौके पर पहुंचकर भीड़ हटाने और दुकान बंद करने की बात कही थी, लेकिन यह बात सुनते ही आशियाना के रहने वाले सत्यपाल सिंह दारोगा से अभद्रता करने लगे. इस बीच लोगों ने भी इसका विरोध किया था. सत्यपाल सिंह को देर रात इस तरह की हरकत दोबारा न करने की हिदायत देते हुए छोड़ दिया गया.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद से पुलिस महकमे की कार्यशैली पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. अधिकारी भले ही अपराध पर नियंत्रण रखने और जनता और पुलिस के बीच अच्छे सामंजस्य की बात करते हैं, लेकिन उनके मातहतों की कार्यशैली इनके दावों की पोल खोल देती है. ताजा मामला आशियाना थाना क्षेत्र का, जहां एक व्यापारी के साथ मारपीट करने का आरोप पुलिस पर लगा है.

देखें वीडियो.

दरअसल, सत्यपाल सिंह नाम के एक व्यक्ति ने रविवार को अपना एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए आशियाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. सत्यपाल सिंह ने आशियाना पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है. आरोप है कि राजधानी लखनऊ के आशियाना थाना क्षेत्र में शनिवार की रात दुकान बंद पर सत्यपाल सिंह अपने घर की ओर जा रहे थे. इसी बीच आशियाना थाने में तैनात दारोगा सुनील कुमार सिंह ने उनको रास्ते में रोक कर पूछताछ की. आरोप है कि दारोगा सुनील कुमार सिंह ने सिपाहियों के साथ मिलकर पहले तो सत्यपाल सिंह की पिटाई की और उसके बाद जबरन जीप में बैठाकर थाने पर ले गए.

वायरल वीडियो में पीड़ित सत्यपाल सिंह ने बताया कि जब काफी समय तक वह घर नहीं पहुंचे तो उनके परिजन को चिंता हुई. परिजन उनकी जानकारी जुटाते हुए थाने तक पहुंच गए. इसी बीच उनके परिजनों के साथ-साथ सिख समुदाय के व्यपारियों का भी थाने पर जमावड़ा लग गया. सिख समुदाय के व्यपारियों ने सत्यपाल सिंह को छोड़ने की मांग की. मामला तूल पकड़ता देख अधिकारियों ने इस मामले में हस्ताक्षेप किया. अधिकारियों के हस्ताक्षेप के बाद सत्यपाल सिंह को देर रात छोड़ दिया गया.

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वहीं इस मामले पर आशियाना थाने के कोतवाल बृजेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि सत्यपाल सिंह जो आरोप लगा रहे हैं, वह निराधार हैं. राजधानी लखनऊ में शनिवार को लॉकडाउन रहता है. इसके बावजूद सत्यपाल सिंह द्वारा खजाना चौराहा पर अपना रेस्टोरेंट, जिसका नाम 'नॉनवेज प्वाइंट बल्ले-बल्ले' है, उसको देर रात तक खोला गया था. कोतवाल ने बताया कि शनिवार की रात 10 से 11 बजे के बीच ग्राहकों की भीड़ लगी हुई थी. इस बात की सूचना पाकर चौकी इंचार्ज ने मौके पर पहुंचकर भीड़ हटाने और दुकान बंद करने की बात कही थी, लेकिन यह बात सुनते ही आशियाना के रहने वाले सत्यपाल सिंह दारोगा से अभद्रता करने लगे. इस बीच लोगों ने भी इसका विरोध किया था. सत्यपाल सिंह को देर रात इस तरह की हरकत दोबारा न करने की हिदायत देते हुए छोड़ दिया गया.

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