लखनऊ : राजधानी में चल रहे भारत हस्तशिल्प महोत्सव में सोमवार शाम को सूफियाना कथक व भरतनाट्यम ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. महोत्सव का उद्घाटन रमाबाई अम्बेडकर मैदान के प्रबंधक व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. आशीष कुमार ने किया. इस मौके पर प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और उपाध्यक्ष नरेंद्र बहादुर सिंह ने डॉ. आशीष कुमार को अंग वस्त्र, पुष्प गुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया.
मनमोह लेने वाली इस प्रस्तुति के बाद शिवम अवस्थी ने 'शान्ताकारम भुजगशैनम' की धुन पर आकर्षक शिव स्तुति की प्रस्तुति दी. इसी अनुशरण के अगले सोपान में श्रेया बैनर्जी और प्रीति मिश्रा ने संयुक्त रूप से भरतनाट्यम नृत्य शैली में पुष्पंजलि कर लोगों की तारीफें बटोरीं.
संगीत से सजे कार्यक्रम के अगले प्रसून में ध्रुव शुक्ला के नृत्य निर्देशन में अनुपम, वैष्णवी, स्वाति, अनन्या, कनिश्का, सृष्टि, नयोनिका, आन्या त्रिपाठी और ध्रुव ने संयुक्त रूप से लखनऊ की अदा शान ए लखनऊ पर भवाभिनय नृत्य द्वारा शहर ए अवध लखनऊ की रवायत को उजागर किया. वहीं स्वर्ण हंस कला मन्दिर के कलाकारों ने शमशुर रहमान नवेद के नृत्य निर्देशन मे भरतनाट्यम नृत्य की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी.
इस प्रस्तुति के बाद श्रीजाग्या श्रीवास्तव ने हम न मारब नजरिया, साक्षी श्रीवास्तव ने गोविंदा आला रे, तेजस्वी पोरवाल ने 52 गज का और भूमिका ने साकी साकी गीत पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों की तालियां बटोरीं. इस मौके पर मां दुर्गा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था एवं नवोदय साहित्यिक संस्था द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया.
जिसमें गीतकार अजय प्रसून, डॉ शोभा दीक्षित, डॉ अर्चना प्रकाश, धर्मवीर सिंह, सरोज आर्य, रूपा पांडे, मनमोहन बारकोटी, शरद पांडे शशांक, अलका अस्थाना, प्रतिभा गुप्ता, चंद्र देव दीक्षित, हरि प्रकाश हरि, नरेंद्र भूषण डॉ कुसुम सिंह शीला मीरा वर्मा विभा प्रकाश प्रेम शंकर शास्त्री महेश अस्थाना श्रीकांत सहित अन्य कवियों ने अपनी-अपनी कविताओं से श्रोताओं को अपने आकर्षण के जाल में देर तक बांधे रखा.
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