लखनऊ : संस्कृति विभाग, उप्र द्वारा भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के महा परिनिर्वाण दिवस (6 दिसंबर) के मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों आयोजित होंगे. इन्हीं कार्यक्रमों की शृंखला के तहत राज्य ललित कला अकादमी, उप्र द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के जीवन दर्शन पर आधारित चित्रकार शिविर एवं कार्यशाला का आयोजन उप्र संगीत नाटक अकादमी परिसर, गोमतीनगर में 3 से 5 दिसंबर तक किया गया. कलाकारों ने बताया कि अभी वह स्क्रैच कर रहे हैं. इसके बाद पेंटिंग बनाने शुरू करेंगे. इसमें बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के बचपन से लेकर सभी पहलुओं को पेंटिंग के जरिए दर्शाएंगे.
इस शिविर के प्रतिभागी पांच वरिष्ठ कलाकारों प्रभाकर राय, मदन, मनोज कुमार हंसराज, फौजदार एवं कृति केसी सक्सेना द्वारा निदेशक, उप्र संगीत नाटक अकादमी, तरुण राज एवं सहायक निदेशक, संस्कृति निदेशालय उप्र की उपस्थिति में दीप प्रज्जवलित कर किया गया. अन्य कलाकारों में रवि कुमार, अभिलाषा चौधरी, आरती सिंह, दीक्षा गोयल, अनिल कुमार, निखिलेश प्रजापति, प्रियंका देवी, बसन्त लाल, आजाद एवं प्रियतम कुमार भी इस शिविर में प्रतिभाग कर रहे हैं. शिविर में प्रदेश के विभिन्न जिलों के जिन 15 वरिष्ठ कलाकारों को आमंत्रित किया गया है उनके द्वारा 36x42 इंच के कैनवास पर बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के जीवन दर्शन पर आधारित अपनी-अपनी शैली में चित्रांकन कर रहे हैं.
वरिष्ठ कलाकारों के साथ ही 35 प्रतिभागी छात्र कलाकार यथा-कला एवं शिल्प महाविद्यालय, गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज, टैक्नो इंस्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज, डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्व विद्यालय, लखनऊ एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के बीएफए (अंतिम वर्ष)/एमएफए के प्रतिभाग कर रहे हैं. इन छात्र-छात्राओं द्वारा भी वरिष्ठ कलाकारों के सानिध्य में एवं उनसे विचार-विमर्श कर 30x36 इंच के कैनवास पर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के जीवन दर्शन को चित्रांकित कर रहे हैं. सहायक निदेशक, संस्कृति निदेशालय उप्र रीनू रंगभारती ने बताया कि इस शिविर में सृजित चित्रों की प्रदर्शनी की जाएगी. इसके लिए इन चित्रों को भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर प्रतिष्ठान, ऐशबाग, लखनऊ में स्थायी रूप से प्रदर्शित किया जाएगा.
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