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मीठी-मीठी होम्योपैथिक दवा ने दिया कोरोना को 'कड़वा डोज' - लखनऊ कोरोना की दवा आर्सेनिक एल्बम 30

10 अप्रैल यानी आज वर्ल्ड होम्योपैथिक-डे है. हर साल आज के दिन दुनियाभर में वर्ल्ड होम्योपैथिक-डे मनाया जाता है. आज के दिन लोगों को होम्योपैथिक के प्रति जागरूक किया जाता है. वहीं आप को बता दें कि कोरोना से लड़ने में होम्योपैथी दवा आर्सेनिक एल्बम-30 कारगर पाई गई है. राजधानी के करीब 10,000 लोगों पर इसका प्रयोग किया गया है. इस दौरान किसी पर भी किसी तरह के साइड इफेक्ट नहीं पाए गए.

कोरोना को दूर करेगी आर्सेनिक एल्बम 30
कोरोना को दूर करेगी आर्सेनिक एल्बम 30
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Published : Apr 10, 2021, 7:56 AM IST

Updated : Apr 10, 2021, 3:28 PM IST

लखनऊ: जर्मन मूल के फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन को होमियोपैथी का जनक माना जाता है. इस दिन उनकी जयंती भी मनाई जाती है. कहा जाता है कि उन्होंने ही होमियोपैथी के भविष्य के बारे में लोगों को अवगत कराया था. आज कोरोना काल में भी होमियोपैथिक दवा आर्सेनिक एल्बम-30 अपनी अहम भूमिका निभा रही है.

कोरोना काल में होम्योपैथी दवा आर्सेनिक एल्बम 30 कोरोना रोकने में कारगर पाई गई है. राजधानी के करीब 10,000 लोगों पर इसका प्रयोग किया गया है. इस दौरान किसी पर भी किसी तरह के साइड इफेक्ट नहीं पाए गए. नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने इस संबंध में आईसीएमआर को जानकारी भेजी है. ऐसे में इस दवा को कोरोना वायरस के इलाज में नियमित प्रयोग किए जाने की मान्यता मिलने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें: राजधानी में डरावनी हुई कोरोना की रफ्तार, इलाज की व्यवस्था भी फेल

अन्य प्रदेशों में भी हुआ इसका प्रयोग

मध्य प्रदेश, गुजरात सहित अन्य प्रदेशों में कोरोना वायरस से बचाव के लिए आर्सेनिक एल्बम 30 का प्रयोग किया गया. क्वारंटीन किए गए लोगों को इस दवा की खुराक दी गई. इसके सार्थक नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में भी अप्रैल में इसका प्रयोग शुरू हुआ. नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने करीब 10 हजार लोगों को यह दवा दी. दवा देने के बाद इसके साइड इफेक्ट और प्रभावित होने वालों की स्थिति का मूल्यांकन किया गया.

यूपी में अप्रैल में शुरू हुआ इसका प्रयोग

इसके सार्थक नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में भी अप्रैल में इसका प्रयोग शुरू हुआ. नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने करीब 10 हजार लोगों को यह दवा दी. दवा देने के बाद इसके साइड इफेक्ट और प्रभावित होने वालों की स्थिति का मूल्यांकन किया गया.

पहला ट्रायल रहा सफल

कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अरविंद वर्मा ने बताया कि करीब 10,000 लोगों पर पहला ट्रायल सफल रहा है. इस दवा का कहीं पर भी कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है. इस संबंध में आईसीएमआर को रिपोर्ट भेजी गई है. इसी तरह क्वारंटीन में रहने वाले जिन लोगों ने इस दवा का प्रयोग किया था. उनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं. यह प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा है.

कोरोना होगा दूर

प्रधानाचार्य अरविंद वर्मा ने बताया कि होम्योपैथी दवा मर्ज से बचाव में कारगर रही है. विभिन्न संक्रामक और अन्य बीमारियों से बचाव के लिए इस पद्धति में कई दवाएं हैं, जिन्हें प्रीवेंशन के तौर पर प्रयोग किया जाता रहा है. कोरोना वायरस के प्रीवेंशन के रूप में आर्सेनिक एल्बम 30 कारगर साबित हुई है.

दवा न लेने वाले कोरोना संक्रमित

सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी के पूर्व असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. एके गुप्ता ने बताया कि जीआरपी चारबाग में जब 11 सिपाही संक्रमित हुए तब वहां 200 लोगों को दवा बांटी गई. उस वक्त 25 लोग अनुपस्थित थे, जो दवा नहीं ले पाए. बाद में इन्हीं 25 में पॉजिटिव के लक्षण मिले. दवा लेने वाले सभी 200 सिपाही सुरक्षित हैं.

लखनऊ: जर्मन मूल के फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन को होमियोपैथी का जनक माना जाता है. इस दिन उनकी जयंती भी मनाई जाती है. कहा जाता है कि उन्होंने ही होमियोपैथी के भविष्य के बारे में लोगों को अवगत कराया था. आज कोरोना काल में भी होमियोपैथिक दवा आर्सेनिक एल्बम-30 अपनी अहम भूमिका निभा रही है.

कोरोना काल में होम्योपैथी दवा आर्सेनिक एल्बम 30 कोरोना रोकने में कारगर पाई गई है. राजधानी के करीब 10,000 लोगों पर इसका प्रयोग किया गया है. इस दौरान किसी पर भी किसी तरह के साइड इफेक्ट नहीं पाए गए. नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने इस संबंध में आईसीएमआर को जानकारी भेजी है. ऐसे में इस दवा को कोरोना वायरस के इलाज में नियमित प्रयोग किए जाने की मान्यता मिलने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें: राजधानी में डरावनी हुई कोरोना की रफ्तार, इलाज की व्यवस्था भी फेल

अन्य प्रदेशों में भी हुआ इसका प्रयोग

मध्य प्रदेश, गुजरात सहित अन्य प्रदेशों में कोरोना वायरस से बचाव के लिए आर्सेनिक एल्बम 30 का प्रयोग किया गया. क्वारंटीन किए गए लोगों को इस दवा की खुराक दी गई. इसके सार्थक नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में भी अप्रैल में इसका प्रयोग शुरू हुआ. नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने करीब 10 हजार लोगों को यह दवा दी. दवा देने के बाद इसके साइड इफेक्ट और प्रभावित होने वालों की स्थिति का मूल्यांकन किया गया.

यूपी में अप्रैल में शुरू हुआ इसका प्रयोग

इसके सार्थक नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में भी अप्रैल में इसका प्रयोग शुरू हुआ. नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने करीब 10 हजार लोगों को यह दवा दी. दवा देने के बाद इसके साइड इफेक्ट और प्रभावित होने वालों की स्थिति का मूल्यांकन किया गया.

पहला ट्रायल रहा सफल

कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अरविंद वर्मा ने बताया कि करीब 10,000 लोगों पर पहला ट्रायल सफल रहा है. इस दवा का कहीं पर भी कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है. इस संबंध में आईसीएमआर को रिपोर्ट भेजी गई है. इसी तरह क्वारंटीन में रहने वाले जिन लोगों ने इस दवा का प्रयोग किया था. उनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं. यह प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा है.

कोरोना होगा दूर

प्रधानाचार्य अरविंद वर्मा ने बताया कि होम्योपैथी दवा मर्ज से बचाव में कारगर रही है. विभिन्न संक्रामक और अन्य बीमारियों से बचाव के लिए इस पद्धति में कई दवाएं हैं, जिन्हें प्रीवेंशन के तौर पर प्रयोग किया जाता रहा है. कोरोना वायरस के प्रीवेंशन के रूप में आर्सेनिक एल्बम 30 कारगर साबित हुई है.

दवा न लेने वाले कोरोना संक्रमित

सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी के पूर्व असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. एके गुप्ता ने बताया कि जीआरपी चारबाग में जब 11 सिपाही संक्रमित हुए तब वहां 200 लोगों को दवा बांटी गई. उस वक्त 25 लोग अनुपस्थित थे, जो दवा नहीं ले पाए. बाद में इन्हीं 25 में पॉजिटिव के लक्षण मिले. दवा लेने वाले सभी 200 सिपाही सुरक्षित हैं.

Last Updated : Apr 10, 2021, 3:28 PM IST
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