लखनऊ : थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय ने 'ए क्रॉनिकल ऑफ सेंट्रल कमांड-सावधान' का विमोचन किया. जनरल पांडेय ने उत्कृष्ट संकलन के लिए मध्य कमान की सराहना की, जो एक रचनात्मक प्रस्तुति के साथ गहन शोध को जोड़ता है. क्रॉनिकल ने गौरवशाली विरासत और परिभाषित बदलावों का दस्तावेजीकरण किया है. जिन्होंने मध्य कमान (जिसे सूर्य कमांड के रूप में भी जाना जाता है) के विकास को आकार दिया है.
इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने क्रॉनिकल को अतीत और वर्तमान के सूर्य कमान के सभी वीर योद्धाओं के लिए एक विनम्र श्रद्धांजलि के रूप में वर्णित किया. जिन्होंने मध्य कमान की महिमा और कमान के एक गहन और पेशेवर लड़ाकू बल के रूप में वर्तमान कद को स्थापित करने में योगदान दिया है. मध्य कमान के जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह ने बताया कि मई 1963 में इसकी स्थापना के बाद से कमान की संचालन संबंधी जिम्मेदारियां महत्वपूर्ण रूप से बढ़ गई हैं. आज सूर्य कमान उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में सीमा रेखा पर निरंतर निगरानी सुनिश्चित करता है.
यह भारत के केंद्रीय क्षेत्र के आठ राज्यों में फैले जिम्मेदारी के क्षेत्र को शामिल करता है. कमान ने खुद को भारतीय सेना की प्राथमिकताओं के साथ फिर से परिभाषित और संरेखित किया है और हर समय परिचालन तैयारियों के उच्चतम मानकों को बनाए रखता है. यह कमान क्षमता वृद्धि और बल आधुनिकीकरण में सबसे आगे रहा है. उन्होंने बताया कि क्रॉनिकल पिछले 60 वर्षों में भारतीय सेना में मध्य कमान की अद्वितीय स्थिति, भूमिका और बढ़ते महत्व पर प्रकाश डालता है. पूर्व सैनिकों और वीर नारियों के सबसे बड़े समुदाय के अभिभावक कमान और घर के रूप में, उनके कल्याण को बढ़ावा देना कमान की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है.
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