लखनऊः राजधानी के मिनी पीजीआई कहे जाने वाले डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में इन दिनों कर्मचारियों की ड्यूटी में जमकर तानाशाही दिख रही है. संस्थान के अधिकारी ड्यूटी में जमकर पक्षपात का खेल, खेल रहे हैं. संस्थान के इमरजेंसी वार्ड के नर्सिंग स्टाफ की कमान बिना अनुभवी और बिना ग्रेड वाले व्यक्ति को सौंपी जा रही है.
पहले नर्स के पद पर तैनात थी महिला
संस्थान के अधिकारी कम पसंदीदा कर्मचारी को उसके पद से हटा देते हैं और लोवर ग्रेड के कर्मचारी को कार्यभार सौंप देते हैं. जो सरासर गलत है. इस संबंध में इमरजेंसी वार्ड में नर्सिंग इंचार्ज के पद पर तैनात नयी नर्स को लेकर नर्सिंग स्टाफ ने संस्थान के अधिकारियों को लिखित सूचना दी. इसमें बताया गया कि इमरजेंसी वार्ड में नर्सिंग इंचार्ज पद पर तैनात महिला पद के मानकों के लिए उपयुक्त नहीं है. बावजूद इसके अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है.
केके गर्ग को सौंपा साधारण ड्यूटी का कार्यभार
लोहिया संस्थान में कई वर्षों से इमरजेंसी वार्ड के नर्सिंग प्रभारी का पद संभाल रहे कृष्ण कुमार गर्ग को अनायास छह अक्टूबर को पद से हटा दिया गया. इसके बाद उन्हें इमरजेंसी में ही साधारण ड्यूटी का कार्यभार सौंप दिया गया. वहीं नर्सिंग प्रभारी रहते समय केके गर्ग के अधीन काम कर रही एक महिला नर्स को इस पद का प्रभार दे दिया गया.
नर्सिंग स्टाफ ने मिलकर सीएमएस को लिखा पत्र
प्रभार पाने वाली महिला द्वारा पद न सम्भाल पाने की बात कहते हुए संस्थान के सीएमएस डॉ. राजन भटनागर को इस बाबत पत्र भी लिखा गया, लेकिन सीएमएस पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. वहीं इमरजेंसी में तैनात नर्सिंग स्टाफ का आरोप है कि पहले नर्सिंग प्रभारी का पद सम्भाल रहे केके गर्ग फर्स्ट ग्रेड के नर्सिंग प्रभारी थे. लेकिन नवीन तैनाती वाली महिला नर्सिंग स्टाफ सेकेंड ग्रेड की नर्सिंग स्टाफ है, जिन्हें इस पद का जरा भी अनुभव नहीं है.
बहस होने पर सौंपा कम अनुभव वाली महिला को पद
इसके बावजूद संस्थान के अधिकारी ने बहस होने पर सेकेंड ग्रेड की नर्सिंग स्टाफ को इमरजेंसी का प्रभारी बनाया है. इमरजेंसी के नर्सिंग स्टाफ ने यह भी बताया कि उन्हें न चाहते हुए भी उस नवीन नर्सिंग स्टाफ प्रभारी के अधीन काम करना पड़ रहा है.
नर्सिंग स्टाफ पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं डाला गया है. उनकी सहमती से उसे यह पद दिया गया है. हम इसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं कर रहे हैं.
डॉ. राजन भटनागर, सीएमएस, लोहिया संस्थान.