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प्रदेश के कई शहरों में AQI 400 के पार

उत्तर प्रदेश के कई प्रमुख शहरों का AQI फिर खराब हो गया है. गुरुवार को कई शहरों का AQI 400 के पार चला गया. नीचे देखें किस शहर का कितना रहा एयर क्वालिटी इंडेक्स.

पर्यावरण
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Published : Jan 14, 2021, 10:36 PM IST

लखनऊः प्रदेश के कई शहरों में एक्यूआई 400 के पार हो गया. कुछ दिन पहले इन शहरो की हवा ठीक थी. बुलंदशहर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नोएडा की हवा गुरुवार को सबसे ज्यादा जहरीली पाई गई. गुरुवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार आगरा का एक्यूआई 382, बुलंदशहर का 388, फरीदाबाद का 473, गाजियाबाद का 438, ग्रेटर नोएडा का 424, कानपुर का 358, लखनऊ का 356, मेरठ का 303, मुजफ्फरपुर का 370 और नोएडा का 446 दर्ज किया गया.

AQI मानक
पर्यावरणविद सुशील द्विवेदी बताते हैं यदि एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 के बीच है तो इसे अच्छा माना जाता है. 51-100 के बीच संतोषजनक होता है. 101-200 के बीच औसत, 201-300 के बीच बुरा, 301-400 के बीच में बहुत बुरा और अगर यह 401 से 500 के बीच हो तो इसे गंभीर माना जाता है.

हवा में फिर घुला जहर
इस समय प्रदेश के कई जिलों में हवा खराब हो गई है. पर्यावरणविद सुशील द्विवेदी बताते हैं कि लखनऊ में पिछले 5 दिनों से कई जगह पीएम 2.5 अपने उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया था. पीएम 2.5 हवा में तैरने वाले वह महीन कण हैं, जिन्हें हम आंख से देख नहीं पाते हैं. वायुमंडल में इनकी मात्रा जितनी कम होती है हवा उतनी ही साफ होती है. इसका हवा में सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम है. इसके अलावा पीएम 10 भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है.

लखनऊः प्रदेश के कई शहरों में एक्यूआई 400 के पार हो गया. कुछ दिन पहले इन शहरो की हवा ठीक थी. बुलंदशहर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नोएडा की हवा गुरुवार को सबसे ज्यादा जहरीली पाई गई. गुरुवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार आगरा का एक्यूआई 382, बुलंदशहर का 388, फरीदाबाद का 473, गाजियाबाद का 438, ग्रेटर नोएडा का 424, कानपुर का 358, लखनऊ का 356, मेरठ का 303, मुजफ्फरपुर का 370 और नोएडा का 446 दर्ज किया गया.

AQI मानक
पर्यावरणविद सुशील द्विवेदी बताते हैं यदि एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 के बीच है तो इसे अच्छा माना जाता है. 51-100 के बीच संतोषजनक होता है. 101-200 के बीच औसत, 201-300 के बीच बुरा, 301-400 के बीच में बहुत बुरा और अगर यह 401 से 500 के बीच हो तो इसे गंभीर माना जाता है.

हवा में फिर घुला जहर
इस समय प्रदेश के कई जिलों में हवा खराब हो गई है. पर्यावरणविद सुशील द्विवेदी बताते हैं कि लखनऊ में पिछले 5 दिनों से कई जगह पीएम 2.5 अपने उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया था. पीएम 2.5 हवा में तैरने वाले वह महीन कण हैं, जिन्हें हम आंख से देख नहीं पाते हैं. वायुमंडल में इनकी मात्रा जितनी कम होती है हवा उतनी ही साफ होती है. इसका हवा में सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम है. इसके अलावा पीएम 10 भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है.

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