लखनऊ: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने वाहन प्रदूषण जांच केंद्र के लिए ऑनलाइन आवेदन की योजना बनाई है. इस योजना में प्रदूषण जांच केंद्रों के लिए विभिन्न श्रेणी की कोई भी एजेंसी निर्धारित शर्तों की पूर्ति के बाद अधिकृत होगी. एजेंसी के तहत कोई भी व्यक्ति एनजीओ ट्रस्ट सभी प्रकार के फर्म कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, पब्लिक लिमिटेड, पार्टनरशिप, प्रोपराइटरशिप, प्रदूषण जांच उपकरण फिटेड वाहन के मालिक ही वर्कशॉप और मान्यता प्राप्त गैराज (प्रदूषण जांच केंद्र) के लिए अधिकृत होंगे.
दस्तावेजों को जमा करना होगा अनिवार्य
परिवहन विभाग द्वारा बनाई गई योजना में बताया गया है कि योजना में अधिकृत किए जाने के लिए आवेदन द्वारा परिवहन विभाग के पोर्टल पर आवेदन पत्र अपलोड किया जाएगा. आवेदन पत्र में पेट्रोल और डीजल दोनों प्रकार के वाहन की जांच के लिए केंद्र का उल्लेख किया जाना आवश्यक होगा. आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेजों को जमा करना अनिवार्य होगा.
देना होगा 5 हजार शुल्क
प्रदूषण जांच केंद्र बनाने के लिए आवेदन कर्ता को पोर्टल पर ऑनलाइन पर आवेदन करना होगा. प्रदूषण जांच केंद्र के निरीक्षण व सत्यापन के बाद पोर्टल पर अपलोड करते हुए आवेदन की संस्तुति की जाएगी. इसके लिए प्रति मशीन ₹5000 का शुल्क भी देना होगा. निरीक्षक की संस्तुति के बाद आवेदन परिवहन आयुक्त कार्यालय सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी की भी संस्तुति जरूरी होगी. अन्य जांचों की संस्तुति के बाद असहमति होने पर आवेदन पत्र निरस्त कर दिया जाएगा. अपर परिवहन आयुक्त व उप परिवहन आयुक्त के परीक्षण के बाद अप्रूवल किया जाएगा.
3 वर्ष के लिए होगा मान्य
वहीं प्रदूषण जांच केंद्र के लिए जारी किया गया प्राधिकार पत्र 3 वर्ष के लिए मान्य होगा. 3 वर्ष के बाद प्राधिकृत अधिकारी द्वारा नवीनीकरण किया जाएगा. नवीनीकरण के लिए ₹5000 की फीस देनी होगी. नवीनीकरण के लिए आवेदन पत्र फीस के साथ 45 दिन के अंदर प्रस्तुत करना होगा. समय अवधि समाप्त होने के बाद प्राधिकार पत्र स्वत: समाप्त हो जाएगा.