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लर्नर लाइसेंस दे रहा परिवहन विभाग को झटका, आवेदन में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे आवेदक

परिवहन विभाग के लिए लर्नर लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों का काफी कम संख्या में आना इन दिनों चिंता का सबब बना हुआ है. लखनऊ समेत 5 जिले ऐसे हैं जहां पर लर्नर लाइसेंस आवेदकों की तादाद काफी घट गई है.

परिवहन विभाग.
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Published : Oct 30, 2021, 2:14 PM IST

लखनऊ: परिवहन विभाग के लिए लर्नर लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों का काफी कम संख्या में आना इन दिनों चिंता का सबब बना हुआ है. लखनऊ समेत 5 जिले ऐसे हैं जहां पर लर्नर लाइसेंसआवेदकों की तादाद काफी घट गई है. लखनऊ में रोजाना 450 लाइसेंस का स्लॉट है, लेकिन 150 लेकर 160 के बीच ही लोग अपना लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन कर रहे हैं. अधिकारियों के लिए ये फिक्र की बात है क्योंकि परिवहन विभाग को इससे घाटा हो रहा है. अधिकारी इसके पीछे एक बड़ा कारण ये मानते हैं कि हो सकता है भविष्य में घर बैठे लर्नर लाइसेंस बन जाने की प्रक्रिया शुरू होने की बात सोचकर आवेदक आरटीओ कार्यालय आने से दूरी बना रहे हों. उन्हें लग रहा होगा कि कुछ दिन बाद लर्नर लाइसेंस घर से जारी हो जाएगा तो इंतजार कर लिया जाए.

कोरोना के संक्रमण से लॉकडाउन लगने के बाद आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस का काम पूरी तरह से ठप हो गया. महीनों बाद जब लॉकऑन हुआ तो बड़ी संख्या में लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों ने आवेदन करना शुरू कर दिया, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के चलते परिवहन विभाग ने सभी आरटीओ कार्यालयों के लिए स्लॉट की संख्या निर्धारित कर दी. इसका नतीजा यह हुआ कि आवेदक लाइसेंस के लिए आवेदन तो कर रहे थे लेकिन उन्हें टाइम स्लॉट 2 या 3 महीने बाद तक का मिल रहा था. इसकी वजह से आवेदकों को काफी दिक्कतें आईं. इतना ही नहीं अपने टाइम स्लॉट के मुताबिक जब आवेदक आरटीओ कार्यालय पहुंच रहे थे तो कभी सर्वर डाउन रहना और कभी ठप रहने के चलते काम न हो पाने से भी उन्हें मायूसी हो रही थी. उस दिन के स्लॉट आगे के दिनों के लिए निर्धारित किए जा रहे थे. इससे लर्नर लाइसेंस बनवाने की ख्वाहिश रखने वाले आवेदकों की समस्याएं बढ़ गईं. लिहाजा, अब आवेदक अपना लाइसेंस बनवाने से ही कतराने लगे हैं.

शुरू हुआ है घर बैठे लर्नर लाइसेंस का परीक्षण

परिवहन विभाग ने आवेदकों को घर बैठे ही लर्नर लाइसेंस जारी हो जाए इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत ट्रायल शुरू किया है. बाराबंकी और उन्नाव एआरटीओ कार्यालय में यह प्रक्रिया चल रही है. हालांकि अभी तक पिछले महीने से चल रही इस प्रक्रिया में कितनी प्रोग्रेस हुई है इसके बारे में अधिकारी ही कुछ बता पाने में असमर्थ हैं, लेकिन अगर यह प्रक्रिया सफल हुई तो आवेदकों को घर बैठे शिक्षार्थी लाइसेंस का आवेदन करने के साथ ही टेस्ट देकर पास होने पर अप्रूवल मिल जाएगा. इसके बाद घर बैठे ही वे अपना लर्नर लाइसेंस स्वयं जारी कर सकेंगे. यह भी आवेदकों के इस समय लर्नर लाइसेंस के लिए आवेदन न करने की बड़ी वजह हो सकती है. यह प्रक्रिया शुरू होने के बाद आवेदकों को शिक्षार्थी लाइसेंस के लिए एक बार भी आरटीओ कार्यालय जाना ही नहीं होगा. इससे उनके समय और ईंधन दोनों की ही बचत होगी.

450 स्लॉट में बुक हुए सिर्फ 158

लखनऊ आरटीओ कार्यालय में रोजाना लर्नर लाइसेंस के लिए 450 स्लॉट बुक हो सकते हैं, लेकिन बात अगर 29 अक्टूबर की करें तो सिर्फ 158 लोगों ने ही लर्नर लाइसेंस के लिए स्लॉट बुक कराए. यानी लगभग 300 लोग लर्नर लाइसेंस के लिए ही आवेदन नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा गोरखपुर में कुल 300 टाइम स्लॉट हैं इनमें 72 लोगों ने ही अप्लाई किया. देवरिया में रोजाना 225 टाइम स्लॉट बुक हो सकते हैं, लेकिन 47 लोगों ने ही आवेदन किया. बाराबंकी में 150 लाइसेंस का टाइम स्लॉट है, लेकिन 70 लोग ही आवेदन में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. अमेठी में 150 लाइसेंस का स्लॉट है लेकिन 33 लोग ही अप्लाई कर रहे हैं. कुशीनगर में रोजाना 150 लाइसेंस के लिए स्लॉट बुक हो सकते हैं, लेकिन आवेदन करने वाले सिर्फ 47 लोग ही हैं.

इसे भी पढे़ं- कोरोना के कारण 30 सितंबर तक बढ़ाई गई डीएल और गाड़ी के लाइसेंस-परमिट की वैधता

लखनऊ: परिवहन विभाग के लिए लर्नर लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों का काफी कम संख्या में आना इन दिनों चिंता का सबब बना हुआ है. लखनऊ समेत 5 जिले ऐसे हैं जहां पर लर्नर लाइसेंसआवेदकों की तादाद काफी घट गई है. लखनऊ में रोजाना 450 लाइसेंस का स्लॉट है, लेकिन 150 लेकर 160 के बीच ही लोग अपना लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन कर रहे हैं. अधिकारियों के लिए ये फिक्र की बात है क्योंकि परिवहन विभाग को इससे घाटा हो रहा है. अधिकारी इसके पीछे एक बड़ा कारण ये मानते हैं कि हो सकता है भविष्य में घर बैठे लर्नर लाइसेंस बन जाने की प्रक्रिया शुरू होने की बात सोचकर आवेदक आरटीओ कार्यालय आने से दूरी बना रहे हों. उन्हें लग रहा होगा कि कुछ दिन बाद लर्नर लाइसेंस घर से जारी हो जाएगा तो इंतजार कर लिया जाए.

कोरोना के संक्रमण से लॉकडाउन लगने के बाद आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस का काम पूरी तरह से ठप हो गया. महीनों बाद जब लॉकऑन हुआ तो बड़ी संख्या में लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों ने आवेदन करना शुरू कर दिया, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के चलते परिवहन विभाग ने सभी आरटीओ कार्यालयों के लिए स्लॉट की संख्या निर्धारित कर दी. इसका नतीजा यह हुआ कि आवेदक लाइसेंस के लिए आवेदन तो कर रहे थे लेकिन उन्हें टाइम स्लॉट 2 या 3 महीने बाद तक का मिल रहा था. इसकी वजह से आवेदकों को काफी दिक्कतें आईं. इतना ही नहीं अपने टाइम स्लॉट के मुताबिक जब आवेदक आरटीओ कार्यालय पहुंच रहे थे तो कभी सर्वर डाउन रहना और कभी ठप रहने के चलते काम न हो पाने से भी उन्हें मायूसी हो रही थी. उस दिन के स्लॉट आगे के दिनों के लिए निर्धारित किए जा रहे थे. इससे लर्नर लाइसेंस बनवाने की ख्वाहिश रखने वाले आवेदकों की समस्याएं बढ़ गईं. लिहाजा, अब आवेदक अपना लाइसेंस बनवाने से ही कतराने लगे हैं.

शुरू हुआ है घर बैठे लर्नर लाइसेंस का परीक्षण

परिवहन विभाग ने आवेदकों को घर बैठे ही लर्नर लाइसेंस जारी हो जाए इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत ट्रायल शुरू किया है. बाराबंकी और उन्नाव एआरटीओ कार्यालय में यह प्रक्रिया चल रही है. हालांकि अभी तक पिछले महीने से चल रही इस प्रक्रिया में कितनी प्रोग्रेस हुई है इसके बारे में अधिकारी ही कुछ बता पाने में असमर्थ हैं, लेकिन अगर यह प्रक्रिया सफल हुई तो आवेदकों को घर बैठे शिक्षार्थी लाइसेंस का आवेदन करने के साथ ही टेस्ट देकर पास होने पर अप्रूवल मिल जाएगा. इसके बाद घर बैठे ही वे अपना लर्नर लाइसेंस स्वयं जारी कर सकेंगे. यह भी आवेदकों के इस समय लर्नर लाइसेंस के लिए आवेदन न करने की बड़ी वजह हो सकती है. यह प्रक्रिया शुरू होने के बाद आवेदकों को शिक्षार्थी लाइसेंस के लिए एक बार भी आरटीओ कार्यालय जाना ही नहीं होगा. इससे उनके समय और ईंधन दोनों की ही बचत होगी.

450 स्लॉट में बुक हुए सिर्फ 158

लखनऊ आरटीओ कार्यालय में रोजाना लर्नर लाइसेंस के लिए 450 स्लॉट बुक हो सकते हैं, लेकिन बात अगर 29 अक्टूबर की करें तो सिर्फ 158 लोगों ने ही लर्नर लाइसेंस के लिए स्लॉट बुक कराए. यानी लगभग 300 लोग लर्नर लाइसेंस के लिए ही आवेदन नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा गोरखपुर में कुल 300 टाइम स्लॉट हैं इनमें 72 लोगों ने ही अप्लाई किया. देवरिया में रोजाना 225 टाइम स्लॉट बुक हो सकते हैं, लेकिन 47 लोगों ने ही आवेदन किया. बाराबंकी में 150 लाइसेंस का टाइम स्लॉट है, लेकिन 70 लोग ही आवेदन में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. अमेठी में 150 लाइसेंस का स्लॉट है लेकिन 33 लोग ही अप्लाई कर रहे हैं. कुशीनगर में रोजाना 150 लाइसेंस के लिए स्लॉट बुक हो सकते हैं, लेकिन आवेदन करने वाले सिर्फ 47 लोग ही हैं.

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