लखनऊः केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से दाखिल की गई अपील 17 वर्षों से हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में लंबित है. हत्या के एक मामले में सत्र अदालत द्वारा अजय मिश्रा को बरी किए जाने को राज्य सरकार ने इस अपील के माध्यम से चुनौती दी हुई है.
हाईकोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक यह मामला पिछली बार सुनवाई के लिए 25 फरवरी 2020 को सूचीबद्ध हुआ था. मामले में एक बार सुनवाई पूरी कर न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने 12 मार्च 2018 को फैसला सुरक्षित कर लिया था. हालांकि 25 अक्टूबर 2018 को अग्रिम सुनवाई के लिए मामले को पुनः 15 नवंबर 2018 को सूचीबद्ध करने का आदेश न्यायालय ने दिया. इसके पूर्व वर्ष 2012 मे इस मामले के शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता के द्वारा एक प्रार्थमा पत्र दाखिल करते हुए, मामले की सुनवाई मे तेजी लाने की कोर्ट से मांग की थी.
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लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थाना क्षेत्र में वर्ष 2000 में एक युवक प्रभात गुप्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ अजय मिश्रा उर्फ टेनी भी नामजद थे. मामले के विचारण के पश्चात लखीमपुर खीरी की एक सत्र अदालत ने अजय मिश्रा व अन्य को पर्याप्त साक्ष्यों के अभाव में वर्ष 2004 में बरी कर दिया था. आदेश के खिलाफ वर्ष 2004 में ही राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर दी थी.