लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश से निकलकर राष्ट्रीय लोक दल अब देश के अन्य राज्यों में भी पैर पसारने को तैयार है. जी हां आने वाले दिनों में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. उन सभी में राष्ट्रीय लोक दल भी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है. इन राज्यों में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ शामिल हैं. इसके अलावा पार्टी के नेता बताते हैं कि अब राष्ट्रीय लोक दल जम्मू कश्मीर तक अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी. जैसे पहले पूरे भारत में लोकदल हुआ करता था. उसी तरह अब एक बार फिर से देश भर में राष्ट्रीय लोकदल नजर आएगा.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल को अभी तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ही पार्टी माना जाता है. 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अपने उम्मीदवार भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ही मैदान में उतारे. इससे एक बार फिर यह साबित हो गया था कि पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बाहर अपने पैर भी पसारने का प्रयास नहीं कर रही है. पार्टी ने कुल 33 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें आठ को जीत मिली थी, यह सभी विधायक पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही बने थे. अन्य किसी भी इलाके से रालोद ने प्रत्याशी उतारने का कोई निर्णय ही नहीं लिया था.
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यूपी में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था, लेकिन अन्य राज्यों में समाजवादी पार्टी भी नहीं है. ऐसे में रालोद मुखिया अन्य राज्यों में चुनाव की तैयारी कर रहे दलों के नेताओं से बातचीत में जुट गए हैं. अब उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पार्टी उत्तर प्रदेश से बाहर निकलकर इन राज्यों में भी अपने पैर जमाने की कोशिश करेगी.
राजस्थान की बात करें तो आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के साथ रालोद मुखिया चुनाव मैदान में जा सकते हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी पार्टी ने रणनीति बनाना शुरू कर दी है. गुजरात में भी पार्टी चाहती है कि अपनी उम्मीदवारी पेश करें. हालांकि इसके लिए अभी तक पार्टी की तरफ से विशेष तौर पर कोई भी तैयारी शुरू नहीं की गई है. पार्टी के सूत्र बताते हैं कि राजस्थान में राष्ट्रीय लोकदल मुखिया कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने से भी परहेज नहीं करेंगे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस से गठबंधन हो सकता है. हालांकि किन राज्य में किन पार्टियों से राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष गठबंधन करके चुनाव लड़ेंगे. इसके बारे में अभी पार्टी के नेता खुलकर कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं.
विशेष रूप से पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोग चौधरी जयंत सिंह में उनके बाबा किसान के मसीहा चौधरी चरण सिंह की छवि देखते हैं. जब चौधरी चरण सिंह थे तो उस समय पूरा इंडिया लोकदल था. चाहे वह बिहार हो, कर्नाटक हो, उड़ीसा हो, केरल या फिर उत्तर प्रदेश. चारों तरफ लोकदल ही लोकदल था तो अब हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के भी अंदर वही, क्षमता देखने को मिल रही है. आरएलडी पश्चिम उत्तर प्रदेश की पार्टी न हो करके यह पूरे उत्तर प्रदेश और उसके बाद हम राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात में चुनाव के साथ छत्तीसगढ़ में भी तैयारी कर रहे हैं. जम्मू कश्मीर तक राष्ट्रीय लोकदल रह चुका है.
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