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जितेंद्र त्यागी को मारने का फतवा जारी करने वाले इस्लामिक स्कॉलर को नहीं मिली अग्रिम जमानत - हाईकोर्ट लखनऊ बेंच

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र त्यागी को मारने का फतवा जारी करने वाले इस्लामिक स्कॉलर को जमानत नहीं मिल पाई. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत देने से इंकार कर दिया.

जितेंद्र त्यागी
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Published : Jun 6, 2023, 10:04 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को मारने के लिए कथित फतवा जारी करने के अभियुक्त मौलाना सैयद मोहम्मद शबीबुल हुसैनी को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त पर लगे आरोप गंभीर हैं. न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने अग्रिम जमानत याचिका पर आदेश पारित किया.

अभियुक्त पर आरोप है कि उसने एक यूट्यूब चैनल पर बयान दिया कि वसीम रिजवी का 'कत्ल वाजिब है'. मामले की एफआईआर वसीम रिजवी ने 18 मार्च 2023 को दर्ज कराई थी. आरोप लगाया गया था कि आरोपी मोहम्मद शबीबुल हुसैनी ने अपने बयान में कहा कि 'जिस तरह लेखक सलमान रुश्दी की हत्या जरूरी है, उसी तरह रिजवी की हत्या भी जरूरी है'. यह भी आरोप लगाया गया कि मौलाना हुसैनी द्वारा वादी के खिलाफ फतवा जारी कर मुसलमानों को उनके खिलाफ भड़का कर उनकी हत्या की साजिश रची गई है, क्योंकि उन्होंने सनातन धर्म को स्वीकार कर लिया था. अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि उसने जो कुछ भी बयान दिया वह इस्लामिक कानूनों के तहत दिया.

न्यायालय ने अभियुक्त की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह अधिक परेशान करने वाली बात है कि अभियुक्त अपने कथित बयान को अपने शपथ पत्र में औचित्यपूर्ण ठहराने की कोशिश कर रहा है. न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त पर लगे आरोप बहुत ही गम्भीर प्रवृत्ति के हैं, लिहाजा उसे अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती.

यह भी पढ़ें : लखनऊ विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद के सदस्य से हटाये गये सौरभ मिश्रा

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को मारने के लिए कथित फतवा जारी करने के अभियुक्त मौलाना सैयद मोहम्मद शबीबुल हुसैनी को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त पर लगे आरोप गंभीर हैं. न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने अग्रिम जमानत याचिका पर आदेश पारित किया.

अभियुक्त पर आरोप है कि उसने एक यूट्यूब चैनल पर बयान दिया कि वसीम रिजवी का 'कत्ल वाजिब है'. मामले की एफआईआर वसीम रिजवी ने 18 मार्च 2023 को दर्ज कराई थी. आरोप लगाया गया था कि आरोपी मोहम्मद शबीबुल हुसैनी ने अपने बयान में कहा कि 'जिस तरह लेखक सलमान रुश्दी की हत्या जरूरी है, उसी तरह रिजवी की हत्या भी जरूरी है'. यह भी आरोप लगाया गया कि मौलाना हुसैनी द्वारा वादी के खिलाफ फतवा जारी कर मुसलमानों को उनके खिलाफ भड़का कर उनकी हत्या की साजिश रची गई है, क्योंकि उन्होंने सनातन धर्म को स्वीकार कर लिया था. अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि उसने जो कुछ भी बयान दिया वह इस्लामिक कानूनों के तहत दिया.

न्यायालय ने अभियुक्त की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह अधिक परेशान करने वाली बात है कि अभियुक्त अपने कथित बयान को अपने शपथ पत्र में औचित्यपूर्ण ठहराने की कोशिश कर रहा है. न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त पर लगे आरोप बहुत ही गम्भीर प्रवृत्ति के हैं, लिहाजा उसे अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती.

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