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रेलवे में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला, सीएमएस डॉक्टर उत्कर्ष बंसल की अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर

सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने करोड़ों के भ्रष्टाचार के एक मामले में रेलवे डिवीजन अस्पताल उत्तर रेलवे, लखनऊ के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर उत्कर्ष बंसल की अग्रिम जमानत अर्जी सशर्त मंजूर कर ली है.

रेलवे में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला
रेलवे में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला
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Published : Oct 1, 2021, 10:33 PM IST

लखनऊः सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने करोड़ों के भ्रष्टाचार के एक मामले में रेलवे डिवीजनल अस्पताल उत्तर रेलवे, लखनऊ के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर उत्कर्ष बंसल की अग्रिम जमानत अर्जी सशर्त मंजूर कर ली है. कोर्ट ने अभियुक्त को एक-एक लाख की दो जमानते और इतनी ही धनराशि का निजी मुचलका दाखिल करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही अन्य शर्तों के अलावा उसे बगैर अदालत की अनुमति के भारत की सीमा से बाहर जाने पर रोक लगा दी है.

कोर्ट ने उसे अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करने का भी आदेश दिया है. सीबीआई के मुताबिक इस मामले की शिकायत डिप्टी सीवीओ/मैकेनिकल/उत्तर रेलवे विनोद कुमार ने दर्ज कराई थी. सीबीआई ने उनकी शिकायत पर अभियुक्त के साथ ही तत्कालीन सहायक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और इंचार्ज स्टोर डॉक्टर राकेश गुप्ता, तत्कालीन सीनियर डीएमओ डॉक्टर सुनीता गुप्ता, तत्कालीन फार्मासिस्ट एसएस मिश्रा और अन्य प्राइवेट व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और साजिश और भ्रष्टाचार की गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु की.

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विवेचना में पाया गया कि साल 2012-14 के दौरान रेलवे हास्पिटल में लोकल दवाइयों और इन्जेक्शन की खरीद में भारी वित्तीय गड़बड़ी की गई है. अभियुक्त डॉक्टर उत्कर्ष बंसल को एक दिन में सिर्फ 20 हजार तक की दवा और इन्जेक्शन की खरीद को मंजूरी देने की वित्तीय अधिकारिता थी. लेकिन अन्य अभियुक्तों की मिलीभगत से डॉक्टर उत्कर्ष बंसल अपनी अधिकारिता से अधिक कीमत की दवा और इन्जेक्शनों की खरीदारी की मंजूरी देते थे. इस तरह अभियुक्तों द्वारा तीन करोड़ 66 लाख 93 हजार 695 रुपए की भारी क्षति रेलवे को पहुंचाई गई. 24 दिसंबर, 2020 को सीबीआई ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था.

इसे भी पढ़ें- हाईकोर्ट से पूर्व गवर्नर अजीज कुरैशी को मिली बड़ी राहत, देशद्रोह के मामले में गिरफ्तारी पर रोक

लखनऊः सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने करोड़ों के भ्रष्टाचार के एक मामले में रेलवे डिवीजनल अस्पताल उत्तर रेलवे, लखनऊ के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर उत्कर्ष बंसल की अग्रिम जमानत अर्जी सशर्त मंजूर कर ली है. कोर्ट ने अभियुक्त को एक-एक लाख की दो जमानते और इतनी ही धनराशि का निजी मुचलका दाखिल करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही अन्य शर्तों के अलावा उसे बगैर अदालत की अनुमति के भारत की सीमा से बाहर जाने पर रोक लगा दी है.

कोर्ट ने उसे अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करने का भी आदेश दिया है. सीबीआई के मुताबिक इस मामले की शिकायत डिप्टी सीवीओ/मैकेनिकल/उत्तर रेलवे विनोद कुमार ने दर्ज कराई थी. सीबीआई ने उनकी शिकायत पर अभियुक्त के साथ ही तत्कालीन सहायक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और इंचार्ज स्टोर डॉक्टर राकेश गुप्ता, तत्कालीन सीनियर डीएमओ डॉक्टर सुनीता गुप्ता, तत्कालीन फार्मासिस्ट एसएस मिश्रा और अन्य प्राइवेट व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और साजिश और भ्रष्टाचार की गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु की.

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विवेचना में पाया गया कि साल 2012-14 के दौरान रेलवे हास्पिटल में लोकल दवाइयों और इन्जेक्शन की खरीद में भारी वित्तीय गड़बड़ी की गई है. अभियुक्त डॉक्टर उत्कर्ष बंसल को एक दिन में सिर्फ 20 हजार तक की दवा और इन्जेक्शन की खरीद को मंजूरी देने की वित्तीय अधिकारिता थी. लेकिन अन्य अभियुक्तों की मिलीभगत से डॉक्टर उत्कर्ष बंसल अपनी अधिकारिता से अधिक कीमत की दवा और इन्जेक्शनों की खरीदारी की मंजूरी देते थे. इस तरह अभियुक्तों द्वारा तीन करोड़ 66 लाख 93 हजार 695 रुपए की भारी क्षति रेलवे को पहुंचाई गई. 24 दिसंबर, 2020 को सीबीआई ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था.

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