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Covishield vaccine से नहीं बनी एंटीबॉडी, सीरम इंस्टीट्यूट, ICMR और WHO के खिलाफ की शिकायत

राजधानी निवासी प्रताप चंद्र ने तहरीर देकर सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक, ड्रग कंट्रोल डायरेक्टर, ICMR डायरेक्टर और स्वास्थ्य संयुक्त सचिव पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन के बाद जो एंटीबॉडी बननी थी, वह नहीं बनी. इसलिए कार्रवाई की मांग की है.

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Published : May 30, 2021, 7:24 PM IST

सीरम इंस्टीट्यूट और आईसीएमआर के खिलाफ की शिकायत.
सीरम इंस्टीट्यूट और आईसीएमआर के खिलाफ की शिकायत.

लखनऊ: राजधानी के रुचि खंड निवासी प्रताप चंद्र ने आशियाना थाने में शिकायत की है कि COVISHIELD VACCINE से एंटीबॉडी नहीं बन रहा है. उन्होंने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक अदार पूनावाला, ड्रग कंट्रोल डायरेक्टर, स्वास्थ्य संयुक्त सचिव लव भार्गव, ICMR डायरेक्टर बलराम भार्गव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डायरेक्टर अपर्णा उपाध्याय और WHO के डायरेक्टर विरुद्ध आशियाना एसएचओ पुरुषोत्तम गुप्ता को तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत कराने की मांग की है. प्रताप चंद्र का आरोप है कि आरोपियों ने धोखाधड़ी कर जान से मारने का षड्यंत्र रचा. थानाध्यक्ष के कहने पर एसीपी कैंट रश्मि सिंह को भी मामले से अवगत कराकर शिकायती पत्र सौंप दिया है.

सीरम इंस्टीट्यूट और आईसीएमआर के खिलाफ की शिकायत.
तहरीर में लिखा है कि मैंने सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई और सरकारी संस्थान आईसीएमआर, स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा मान्यता प्राप्त उपलब्ध कराए जाने वाला कोविडशील्ड वैक्सीन तथा विभिन्न समाचार पत्र का दूरदर्शन और वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किए जाने के लिए सरकारी विज्ञापनों से प्रेरित होकर दिनांक 8 अप्रैल 21 को आशियाना थाना रुचि खंड 2 स्थित गोविंद हॉस्पिटल में अपनी डोज लगवाई. वैक्सीन का बैच नंबर 4121Z039 था. उन्होंने कहा कि दूसरी डोज की निर्धारित तिथि 28 दिन बाद की दी गई थी, लेकिन 28 दिन बाद जाने पर बताया गया कि अब दूसरी डोज 6 हफ्ते में लगेगी और फिर सरकार द्वारा घोषणा की गई कि 6 नहीं बल्कि 12 हफ्ते बाद दूसरी डोज लगेगी.
सीरम इंस्टीट्यूट और आईसीएमआर के खिलाफ की शिकायत.
सीरम इंस्टीट्यूट और आईसीएमआर के खिलाफ की शिकायत.
वैक्सीन लगवाने के बाद स्वास्थ्य खराब

प्रताप चंद का कहना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद स्वास्थ्य खराब हो गया और आईसीएमआर तथा स्वास्थ्य मंत्रालय की 21 मई 2021 को प्रेस वार्ता दूरदर्शन पर देखा और मीडिया में पढ़ा कि आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने फिर से स्पष्ट कहा है कि "with the very first dose of covishied vaccine,good levels"of anybodies are produced in the body,but with covaxin adequate immune response is triggered only after the second dose यानी covisheild vaccine की पहली डोज के बाद अच्छे लेवेल की एंटीबॉडी बनती है, जिसकी वजह से मैंने 25 मई 2021 को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त लैब Thyrocare से अपना कोविड Antibody GT टेस्ट कराया. इसमें मालूम हुआ कि covisheild vaccine जो एंटीबॉडी बनाने के लिए लगाई गई थी, उससे एंटीबॉडी बनी या नहीं? लेकिन 27 मई 2021 को रिपोर्ट निगेटिव आई. यानी जिस एंटीबॉडी को बनाने के लिए वैक्सीन लगाई गई थी, वह नहीं बनी, बल्कि प्लेटलेट्स भी तीन लाख से घटकर डेढ़ लाख हो गईं, जो न सिर्फ मेरे साथ धोखा हुआ, बल्कि जान का बड़ा जोखिम बन गया.

पढ़ें: कोरोना कर्फ्यू को लेकर बड़ा फैसला, 55 ज़िलों में मिली छूट

यह धोखाधड़ी और हत्या के प्रयास का विषय

प्रताप चंद का आरोप है कि आईसीएमआर स्वास्थ्य विभाग ने बताया था कि इस एंटीबॉडी वैक्सीन लगाने से एंटीबॉडी डेवलप होगी, यानी पॉजीटिव होगा. भले कम या ज्यादा हो सकता है, जोकि कोरोना से बचने का सुरक्षा कवच होगा. लेकिन, मेरे केस में तो रिपोर्ट निगेटिव यानी एंटीबॉडी बनी ही नहीं, बल्कि सामान्य प्लेटलेट भी आधे से भी कम रह गई है, जिससे संक्रमण का खतरा ज्यादा हो गया. इससे मेरी किसी भी समय मृत्यु हो सकती है. यह सरासर मेरे साथ धोखाधड़ी और मैं इसे अपनी हत्या के प्रयास का विषय मानता हूं.

जिन कंपनियों पर आरोप

वैक्सीन निर्माता

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, अदार पूनावाला (सीईओ), डायरेक्टर जनरल सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन, डायरेक्टर डब्ल्यूएचओ, संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, मिनिस्ट्री आफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, डायरेक्टर आईसीएमआर, डायरेक्टर एनएचएम अपर्णा उपाध्याय

वैक्सीन सेंटर

गोविंद हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, लखनऊ

वकील ने केस दर्ज न होने पर कोर्ट जाने की दी चेतावनी

प्रताप चंद्र के वकील योगेश मिश्रा ने पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज न किए जाने पर कोर्ट जाने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों ने सहयोग का आश्वासन दिया है. यदि वह कार्रवाई नहीं करते हैं तो सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत करूंगा.

लखनऊ: राजधानी के रुचि खंड निवासी प्रताप चंद्र ने आशियाना थाने में शिकायत की है कि COVISHIELD VACCINE से एंटीबॉडी नहीं बन रहा है. उन्होंने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक अदार पूनावाला, ड्रग कंट्रोल डायरेक्टर, स्वास्थ्य संयुक्त सचिव लव भार्गव, ICMR डायरेक्टर बलराम भार्गव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डायरेक्टर अपर्णा उपाध्याय और WHO के डायरेक्टर विरुद्ध आशियाना एसएचओ पुरुषोत्तम गुप्ता को तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत कराने की मांग की है. प्रताप चंद्र का आरोप है कि आरोपियों ने धोखाधड़ी कर जान से मारने का षड्यंत्र रचा. थानाध्यक्ष के कहने पर एसीपी कैंट रश्मि सिंह को भी मामले से अवगत कराकर शिकायती पत्र सौंप दिया है.

सीरम इंस्टीट्यूट और आईसीएमआर के खिलाफ की शिकायत.
तहरीर में लिखा है कि मैंने सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई और सरकारी संस्थान आईसीएमआर, स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा मान्यता प्राप्त उपलब्ध कराए जाने वाला कोविडशील्ड वैक्सीन तथा विभिन्न समाचार पत्र का दूरदर्शन और वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किए जाने के लिए सरकारी विज्ञापनों से प्रेरित होकर दिनांक 8 अप्रैल 21 को आशियाना थाना रुचि खंड 2 स्थित गोविंद हॉस्पिटल में अपनी डोज लगवाई. वैक्सीन का बैच नंबर 4121Z039 था. उन्होंने कहा कि दूसरी डोज की निर्धारित तिथि 28 दिन बाद की दी गई थी, लेकिन 28 दिन बाद जाने पर बताया गया कि अब दूसरी डोज 6 हफ्ते में लगेगी और फिर सरकार द्वारा घोषणा की गई कि 6 नहीं बल्कि 12 हफ्ते बाद दूसरी डोज लगेगी.
सीरम इंस्टीट्यूट और आईसीएमआर के खिलाफ की शिकायत.
सीरम इंस्टीट्यूट और आईसीएमआर के खिलाफ की शिकायत.
वैक्सीन लगवाने के बाद स्वास्थ्य खराब

प्रताप चंद का कहना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद स्वास्थ्य खराब हो गया और आईसीएमआर तथा स्वास्थ्य मंत्रालय की 21 मई 2021 को प्रेस वार्ता दूरदर्शन पर देखा और मीडिया में पढ़ा कि आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने फिर से स्पष्ट कहा है कि "with the very first dose of covishied vaccine,good levels"of anybodies are produced in the body,but with covaxin adequate immune response is triggered only after the second dose यानी covisheild vaccine की पहली डोज के बाद अच्छे लेवेल की एंटीबॉडी बनती है, जिसकी वजह से मैंने 25 मई 2021 को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त लैब Thyrocare से अपना कोविड Antibody GT टेस्ट कराया. इसमें मालूम हुआ कि covisheild vaccine जो एंटीबॉडी बनाने के लिए लगाई गई थी, उससे एंटीबॉडी बनी या नहीं? लेकिन 27 मई 2021 को रिपोर्ट निगेटिव आई. यानी जिस एंटीबॉडी को बनाने के लिए वैक्सीन लगाई गई थी, वह नहीं बनी, बल्कि प्लेटलेट्स भी तीन लाख से घटकर डेढ़ लाख हो गईं, जो न सिर्फ मेरे साथ धोखा हुआ, बल्कि जान का बड़ा जोखिम बन गया.

पढ़ें: कोरोना कर्फ्यू को लेकर बड़ा फैसला, 55 ज़िलों में मिली छूट

यह धोखाधड़ी और हत्या के प्रयास का विषय

प्रताप चंद का आरोप है कि आईसीएमआर स्वास्थ्य विभाग ने बताया था कि इस एंटीबॉडी वैक्सीन लगाने से एंटीबॉडी डेवलप होगी, यानी पॉजीटिव होगा. भले कम या ज्यादा हो सकता है, जोकि कोरोना से बचने का सुरक्षा कवच होगा. लेकिन, मेरे केस में तो रिपोर्ट निगेटिव यानी एंटीबॉडी बनी ही नहीं, बल्कि सामान्य प्लेटलेट भी आधे से भी कम रह गई है, जिससे संक्रमण का खतरा ज्यादा हो गया. इससे मेरी किसी भी समय मृत्यु हो सकती है. यह सरासर मेरे साथ धोखाधड़ी और मैं इसे अपनी हत्या के प्रयास का विषय मानता हूं.

जिन कंपनियों पर आरोप

वैक्सीन निर्माता

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, अदार पूनावाला (सीईओ), डायरेक्टर जनरल सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन, डायरेक्टर डब्ल्यूएचओ, संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, मिनिस्ट्री आफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, डायरेक्टर आईसीएमआर, डायरेक्टर एनएचएम अपर्णा उपाध्याय

वैक्सीन सेंटर

गोविंद हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, लखनऊ

वकील ने केस दर्ज न होने पर कोर्ट जाने की दी चेतावनी

प्रताप चंद्र के वकील योगेश मिश्रा ने पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज न किए जाने पर कोर्ट जाने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों ने सहयोग का आश्वासन दिया है. यदि वह कार्रवाई नहीं करते हैं तो सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत करूंगा.

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