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रोडवेज बसों में लगेगी ऐसी डिवाइस जो बचाएगी यात्रियों की जान, ये है तैयारी

रोडवेज बसों से होने वाली दुर्घटनाओं से चिंतित परिवहन निगम ने अब एक बड़ा फैसला कर लिया है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए जहां बसों में कैमरे और पैनिक बटन लगेंगे, वहीं एक ऐसी खास डिवाइस (Anti slip device installed in roadways buses) लगाए जाने की तैयारी है जो यात्रियों की जान बचाने में मददगार साबित होगी.

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Published : Nov 12, 2022, 6:07 PM IST

Updated : Nov 12, 2022, 7:08 PM IST

लखनऊ : रोडवेज बसों से होने वाली दुर्घटनाओं से चिंतित परिवहन निगम ने अब एक बड़ा फैसला कर लिया है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए जहां बसों में कैमरे और पैनिक बटन लगेंगे, वहीं एक ऐसी खास डिवाइस (Anti slip device installed in roadways buses) लगाए जाने की तैयारी है जो यात्रियों की जान बचाने में मददगार साबित होगी. दरअसल, यह डिवाइस होगी एंटी स्लीप डिवाइस. एंटी स्लीप डिवाइस का काम होगा बस के ड्राइवर को जगाते रहना. जैसे ही ड्राइवर की स्टीयरिंग पर हरकत इस डिवाइस को नहीं लगेगी वैसे ही ये एक्टिव हो जाएगी. बीप बजाना शुरू कर देगी, जिससे ड्राइवर सोने की मुद्रा में नहीं जा पाएगा और अलर्ट होकर बस संचालित करेगा. इससे दुर्घटना की संभावना कम हो जाएगी.

रोडवेज के अधिकारी बताते हैं कि सर्दी के मौसम में कोहरे से होने वाली दुर्घटनाओं में इजाफा होता है. लिहाजा, अब यह फैसला लिया गया है कि बसों में एंटी स्लीप डिवाइस लगाई जाए. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है कि सभी बसों में यह डिवाइस लगाई जाए. पहले कुल पांच बसों में एंटी स्लीप डिवाइस लगाई जाएगी. ट्रायल सफल होते हुए रोडवेज की नौ हजार से ज्यादा बसों में यह डिवाइस लगा दी जाएगी. इससे सर्दी के मौसम में हादसों की संख्या में कमी आएगी. दुर्घटनाएं कम होंगी तो लोगों का सफर सुरक्षित होगा. रोडवेज की छवि जनता की नजर में और बेहतर हो सकेगी.

जानकारी देते संवाददाता अखिल पांडेय

इस तरह काम करेगी डिवाइस : रोडवेज बसों में ड्राइवर की स्टीयरिंग के पास ही यह डिवाइस लगाई जाएगी. सेंसर बेस्ड इस डिवाइस में ड्राइवर की एक्टिविटीज पर पूरी नजर होगी. स्टीयरिंग पर अगर ड्राइवर की हरकत पांच से 10 सेकंड तक नहीं होगी तो ऑटोमेटिक यह डिवाइस एक्टिव होगी और बीप बजाना शुरू कर देगी. इससे ड्राइवर अलर्ट हो जाएगा. अगर ज्यादा देर तक फिर भी स्टीयरिंग पर ड्राइवर की कोई गतिविधि नहीं होती है तो तेजी से अलार्म बजना शुरू हो जाएगा, जिससे चालक नींद से जाग जाएगा और हादसा होने से बच जाएगा.

ये प्रयोग नहीं हुआ था सफल : बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के ड्राइवरों को इससे पहले सर्दी में परिवहन निगम की तरफ से थर्मस वितरित किए गए थे. उद्देश्य था कि अगर रात में सफर के दौरान ड्राइवर को सुस्ती आती है तो वे थर्मस से चाय निकालकर पी ले, जिससे सुस्ती दूर हो जाए और कोई घटना न होने पाए, लेकिन इसका कोई फायदा परिवहन निगम को नहीं मिला. लिहाजा, अब एंटी स्लीप डिवाइस लगाने पर ही पूरा फोकस होगा.

एंटी स्लीप डिवाइस के अलावा परिवहन निगम प्रशासन बसों में एंटी कॉलेजन डिवाइस लगाने पर भी मंथन कर रहा है. इस डिवाइस का काम ये है कि आगे चल रहे वाहन से जब रोडवेज बस 15 फीट की दूरी पर रह जाएगी और ड्राइवर की हरकत नहीं होगी तो ऑटोमेटिक ही ब्रेक लग जाएगी. इससे दुर्घटना की संभावना ही खत्म हो जाएगी, हालांकि एंटी कॉलेजन डिवाइस का ट्रायल पहले भी किया जा चुका था, लेकिन इसमें यह बड़ी समस्या आई थी कि कोई भी वाहन जो बस के पास से गुजरता था तो ऑटोमेटिक तेजी से ब्रेक लग जाते थे, जिससे और ज्यादा दिक्कत पैदा होने लगी थी. इसी वजह से एंटी कॉलेजन डिवाइस नहीं लगाई गई थी, लेकिन अब अपडेट डिवाइस लगाने पर भी परिवहन निगम के अधिकारी विचार कर रहे हैं. अगर सब कुछ सही रहा तो बसों में एंटी कॉलेजन डिवाइस भी लगाई जाएगी. रोडवेज के अधिकारी बताते हैं कि इस एक डिवाइस की कीमत तकरीबन ₹8000 है.


परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) अजीत कुमार सिंह बताते हैं कि सर्दी और कोहरे में बसों से होने वाली दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं. पिछली बार सभी ड्राइवरों को थर्मस दिया गया था, जिससे वे चाय पीकर अपनी नींद भगा सकें, लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं हुआ. एंटी स्लीप डिवाइस ड्राइवर को बराबर अलर्ट करती रहेगी, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाएगी. टेक्नोलॉजी से अब दुर्घटनाओं को रोकने पर ज्यादा जोर दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें : कूढ़ा गांव में हो रहे अवैध खनन पर एसडीएम ने की कार्रवाई, पुलिस ने छह डंपर किए सीज

लखनऊ : रोडवेज बसों से होने वाली दुर्घटनाओं से चिंतित परिवहन निगम ने अब एक बड़ा फैसला कर लिया है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए जहां बसों में कैमरे और पैनिक बटन लगेंगे, वहीं एक ऐसी खास डिवाइस (Anti slip device installed in roadways buses) लगाए जाने की तैयारी है जो यात्रियों की जान बचाने में मददगार साबित होगी. दरअसल, यह डिवाइस होगी एंटी स्लीप डिवाइस. एंटी स्लीप डिवाइस का काम होगा बस के ड्राइवर को जगाते रहना. जैसे ही ड्राइवर की स्टीयरिंग पर हरकत इस डिवाइस को नहीं लगेगी वैसे ही ये एक्टिव हो जाएगी. बीप बजाना शुरू कर देगी, जिससे ड्राइवर सोने की मुद्रा में नहीं जा पाएगा और अलर्ट होकर बस संचालित करेगा. इससे दुर्घटना की संभावना कम हो जाएगी.

रोडवेज के अधिकारी बताते हैं कि सर्दी के मौसम में कोहरे से होने वाली दुर्घटनाओं में इजाफा होता है. लिहाजा, अब यह फैसला लिया गया है कि बसों में एंटी स्लीप डिवाइस लगाई जाए. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है कि सभी बसों में यह डिवाइस लगाई जाए. पहले कुल पांच बसों में एंटी स्लीप डिवाइस लगाई जाएगी. ट्रायल सफल होते हुए रोडवेज की नौ हजार से ज्यादा बसों में यह डिवाइस लगा दी जाएगी. इससे सर्दी के मौसम में हादसों की संख्या में कमी आएगी. दुर्घटनाएं कम होंगी तो लोगों का सफर सुरक्षित होगा. रोडवेज की छवि जनता की नजर में और बेहतर हो सकेगी.

जानकारी देते संवाददाता अखिल पांडेय

इस तरह काम करेगी डिवाइस : रोडवेज बसों में ड्राइवर की स्टीयरिंग के पास ही यह डिवाइस लगाई जाएगी. सेंसर बेस्ड इस डिवाइस में ड्राइवर की एक्टिविटीज पर पूरी नजर होगी. स्टीयरिंग पर अगर ड्राइवर की हरकत पांच से 10 सेकंड तक नहीं होगी तो ऑटोमेटिक यह डिवाइस एक्टिव होगी और बीप बजाना शुरू कर देगी. इससे ड्राइवर अलर्ट हो जाएगा. अगर ज्यादा देर तक फिर भी स्टीयरिंग पर ड्राइवर की कोई गतिविधि नहीं होती है तो तेजी से अलार्म बजना शुरू हो जाएगा, जिससे चालक नींद से जाग जाएगा और हादसा होने से बच जाएगा.

ये प्रयोग नहीं हुआ था सफल : बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के ड्राइवरों को इससे पहले सर्दी में परिवहन निगम की तरफ से थर्मस वितरित किए गए थे. उद्देश्य था कि अगर रात में सफर के दौरान ड्राइवर को सुस्ती आती है तो वे थर्मस से चाय निकालकर पी ले, जिससे सुस्ती दूर हो जाए और कोई घटना न होने पाए, लेकिन इसका कोई फायदा परिवहन निगम को नहीं मिला. लिहाजा, अब एंटी स्लीप डिवाइस लगाने पर ही पूरा फोकस होगा.

एंटी स्लीप डिवाइस के अलावा परिवहन निगम प्रशासन बसों में एंटी कॉलेजन डिवाइस लगाने पर भी मंथन कर रहा है. इस डिवाइस का काम ये है कि आगे चल रहे वाहन से जब रोडवेज बस 15 फीट की दूरी पर रह जाएगी और ड्राइवर की हरकत नहीं होगी तो ऑटोमेटिक ही ब्रेक लग जाएगी. इससे दुर्घटना की संभावना ही खत्म हो जाएगी, हालांकि एंटी कॉलेजन डिवाइस का ट्रायल पहले भी किया जा चुका था, लेकिन इसमें यह बड़ी समस्या आई थी कि कोई भी वाहन जो बस के पास से गुजरता था तो ऑटोमेटिक तेजी से ब्रेक लग जाते थे, जिससे और ज्यादा दिक्कत पैदा होने लगी थी. इसी वजह से एंटी कॉलेजन डिवाइस नहीं लगाई गई थी, लेकिन अब अपडेट डिवाइस लगाने पर भी परिवहन निगम के अधिकारी विचार कर रहे हैं. अगर सब कुछ सही रहा तो बसों में एंटी कॉलेजन डिवाइस भी लगाई जाएगी. रोडवेज के अधिकारी बताते हैं कि इस एक डिवाइस की कीमत तकरीबन ₹8000 है.


परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) अजीत कुमार सिंह बताते हैं कि सर्दी और कोहरे में बसों से होने वाली दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं. पिछली बार सभी ड्राइवरों को थर्मस दिया गया था, जिससे वे चाय पीकर अपनी नींद भगा सकें, लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं हुआ. एंटी स्लीप डिवाइस ड्राइवर को बराबर अलर्ट करती रहेगी, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाएगी. टेक्नोलॉजी से अब दुर्घटनाओं को रोकने पर ज्यादा जोर दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें : कूढ़ा गांव में हो रहे अवैध खनन पर एसडीएम ने की कार्रवाई, पुलिस ने छह डंपर किए सीज

Last Updated : Nov 12, 2022, 7:08 PM IST
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