लखनऊः कृष्णा नगर कोतवाली क्षेत्र के इंद्रलोक विद्युत मध्यांचल में कार्यरत एक लेखाकार बाबू को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों पांच हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. गिरफ्त में आए बाबू के खिलाफ एंटी करप्शन ने थाना कृष्णा नगर कोतवाली में कार्रवाई की है.
गोमती नगर निवासी रमाकांत यादव जनपद रायबरेली से वर्ष 2022 में 31 दिसंबर को विद्युत वितरण मंडल प्रथम से स्टेनोग्राफर पद से रिटायर्ड हुए हैं. पीड़ित के मुताबिक वह विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने जीपीएफ फंड भुगतान व पेंशन के लिए लखनऊ इंद्रलोक के चक्कर काट रहे थे, जो लगभग 60-65 लाख रुपये है.
वहीं, अपने प्रपत्र दो जनवरी को इंद्रलोक में सहायक लेखाकार पद पर कार्यरत बंगला बाजार आशियाना निवासी विक्रम भोला पुत्र विजय को सौपे थे और महीनो से चक्कर काट रहे थे. लेखाकार उनकी फाइल को पास कराने के लिए पांच हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था और उसका कहना था पैसा मिलने पर उनकी फाइल को पास करवाएगा.
सहायक लेखाकार की इस अवैध मांग से त्रस्त होकर पीड़ित ने 4 फरवरी को एंटी करप्शन में शिकायत की थी. शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने बुधवार को छापेमारी की. एंटी करप्शन टीम ने पैसे का अवैध रूप से लेनदेन करते समय सहायक लेखाकार को रंगे हाथ पकड़ लिया और कृष्णा नगर थाने ले गई. कृष्णा नगर कोतवाली प्रभारी विक्रम सिंह के मुताबिक बिजली विभाग में कार्यरत कर्मचारी को एंटी करप्शन की टीम ने घूस लेते हुए पकड़ा था, जिसे गिरफ्तार करके कृष्णा नगर थाने लाया गया है. कर्मचारी से पूछताछ जारी है. पूछताछ के बाद जेल भेजा जाएगा.
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