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अंसल के परियोजना प्रेसिडेंट और डिप्टी प्रेसीडेंट की जमानत अर्जी खारिज - उत्तर प्रदेश समाचार

अंसल एपीआई की लखनऊ परियोजना के प्रेसिडेंट अरुण कुमार मिश्रा और डिप्टी प्रेसिडेंट हरीश गुल्ला की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है. इन पर लोगों से रकम लेने के बावजूद प्लाट नहीं देने का आरोप है.

लखनऊ हाईकोर्ट.
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Published : Jun 29, 2019, 10:32 PM IST

लखनऊ: प्रभारी जिला जज दिनेश चंद्र सामंत ने धोखाधड़ी के मामलों में निरुद्ध अंसल एपीआई की लखनऊ परियोजना के प्रेसिडेंट अरुण कुमार मिश्रा और डिप्टी प्रेसिडेंट हरीश गुल्ला की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. उन्होंने प्रथम दृष्टया अभियुक्तों के अपराध को गंभीर करार दिया है.

फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी और शासकीय अधिवक्ता दीपक यादव के मुताबिक अभियुक्तों पर लोगों से रकम लेने के बावजूद प्लाट नहीं देने का आरोप है. इनके खिलाफ थाना हजरतगंज में करुण सिन्धु, थाना गोमतीनगर में प्रशांत विक्रम सिंह और थाना विभुति खंड में भानु प्रताप वर्मा, संजीव अग्रवाल और शुभोजित भट्टाचार्य ने एफआईआर दर्ज कराई थी.

वर्ष 2011-12 और 2014 में इन लोगों ने अंसल एपीआई में लाखों की रकम जमा कर प्लांट बुक कराया था, लेकिन इन्हें अब तक प्लाट नहीं दिया गया. उल्टे इन्हें धमकी दी गई. 06 जून 2019 को पुलिस ने इन दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था.


सरकारी वकील का कहना था कि अभियुक्तों के खिलाफ इसी तरह के 23 और मुकदमे दर्ज हैं, जिनकी विवेचना प्रचलित है. लिहाजा इनकी जमानत अर्जी खारिज की जाए.

लखनऊ: प्रभारी जिला जज दिनेश चंद्र सामंत ने धोखाधड़ी के मामलों में निरुद्ध अंसल एपीआई की लखनऊ परियोजना के प्रेसिडेंट अरुण कुमार मिश्रा और डिप्टी प्रेसिडेंट हरीश गुल्ला की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. उन्होंने प्रथम दृष्टया अभियुक्तों के अपराध को गंभीर करार दिया है.

फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी और शासकीय अधिवक्ता दीपक यादव के मुताबिक अभियुक्तों पर लोगों से रकम लेने के बावजूद प्लाट नहीं देने का आरोप है. इनके खिलाफ थाना हजरतगंज में करुण सिन्धु, थाना गोमतीनगर में प्रशांत विक्रम सिंह और थाना विभुति खंड में भानु प्रताप वर्मा, संजीव अग्रवाल और शुभोजित भट्टाचार्य ने एफआईआर दर्ज कराई थी.

वर्ष 2011-12 और 2014 में इन लोगों ने अंसल एपीआई में लाखों की रकम जमा कर प्लांट बुक कराया था, लेकिन इन्हें अब तक प्लाट नहीं दिया गया. उल्टे इन्हें धमकी दी गई. 06 जून 2019 को पुलिस ने इन दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था.


सरकारी वकील का कहना था कि अभियुक्तों के खिलाफ इसी तरह के 23 और मुकदमे दर्ज हैं, जिनकी विवेचना प्रचलित है. लिहाजा इनकी जमानत अर्जी खारिज की जाए.

अंसल के परियोजना प्रेसीडेंट व डिप्टी प्रेसीडेंट की जमानत अर्जी खारिज
लखनऊ। विधि संवाददाता
प्रभारी जिला जज दिनेश चंद्र सामन्त ने धोखाधड़ी के कई आपराधिक मामलों में निरुद्ध अंसल एपीआई की लखनऊ परियोजना के प्रेसिडंेट अरुण कुमार मिश्रा व डिप्टी प्रेसिडेंट हरीश गुल्ला की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। उन्होंने प्रथम दृष्टया अभियुक्तों के अपराध को गंभीर करार दिया है। 

फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी व शासकीय अधिवक्ता दीपक यादव के मुताबिक अभियुक्तों पर लोगों से रकम लेने के बावजूद प्लाट नहीं देने का आरोप है। इनके खिलाफ थाना हजरतगंज में करुण सिन्धु, थाना गोमतीनगर में प्रशांत विक्रम सिंह व थाना विभुति खंड में भानु प्रताप वर्मा, संजीव अग्रवाल व शुभोजित भट्टाचार्य ने एफआईआर दर्ज कराई थी। वर्ष 2011-12 व 14 में इन लोगों ने अंसल एपीआई में लाखों की रकम जमा कर प्लाट बुक कराया था। लेकिन इन्हें अब तक प्लाट का कब्जा का नहीं दिया गया। बल्कि उल्टे इन्हें धमकी दी गई। छःह जून, 2019 को पुलिस ने इन दोनांे अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। 

सरकारी वकील का कहना था कि अभियुक्तों के खिलाफ इसी तरह के 23 और मुकदमे दर्ज हैं। जिनकी विवेचना प्रचलित है। लिहाजा इनकी जमानत अर्जी खारिज की जाए।

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