लखनऊ: अंसल बिल्डर ने 606 करोड़ की घपलेबाजी और हजारों निवेशकों के साथ धोखाधड़ी एलडीए के अधिकारियों और इंजीनियरों से मिलीभगत कर की. यही कारण है कि 15 साल तक इस बड़े घोटाले को दबाए रखा गया. एलडीए के दो पूर्व अधिकारी बीबी सिंह और पीएन मिश्र सेवानिवृत्त होने के बाद एपीआई अंसल में उच्च पदों पर जम गए. पूर्व की सरकार में बिना जमीन के एपीआई अंसल की टाउनशिप को लाइसेंस दे दिया गया.
हर स्तर पर अधिकारियों ने की मदद
कंपनी को 3300 एकड़ में विकास करने के लिए सुल्तानपुर रोड की जमीन खरीदने का लाइसेंस दिया गया था. पहले तो विकास शुरू हुआ फिर नियत खराब हो गई. रेरा के आने के बाद अकेले एपीआईं अंसल के खिलाफ 200 से ज्यादा शिकायतें की गईं. रेरा ने करीब 236 आरसी बिल्डर को जारी की. इसके बाद भी न तो लोगों को उनका पैसा मिला और न ही आशियाना. बार बार की नोटिसों का जवाब न देने पर रेरा को असंल एपीआई की दोनों परियोजनाओं को निरस्त करना पड़ा.
सीएम को लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने लिखा पत्र
अब इनका विकास एलडीए से कराए जाने की मांग की गई है इसके लिए लखनऊजनकल्याण महासमिति ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है. रेरा ने असंल एपीआई रेरा पॉकेट टू, सेक्टर पी, सुशांत गोल्प सिटी, लखनऊ यूपीआरथ्रीएपीआरजे 7122 और असंल एपीआई, पॉकेट टू, सेक्टर जे, सुशांत गोल्फ सिटी का पंजीकरण निरस्त किया है. प्राधिकरण ने इसके बाद होने वाली प्रकिया को पूरा करने के लिए राज्य सरकार से परामर्श लेने की बात कही है. बिल्डर ने आवंटियों से 606 करोड़ लेकर दूसरी योजनाओं में लगा दिया.
अंसल ने किया है आर्थिक अपराध
महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे का आरोप है कि यह गंभीर वित्तीय अनियमितता है। जो कि आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है वहीं दूसरी तरफ जनता के साथ धोखा है. हाईटेक टाउनशिप लाइसेंस भी समाप्त हो गया है. अंसल ने सरकार के हाईटेक टाउनशिप समझौता का भी उलंघन किया है. सीएम से अनुरोध किया है कि इन परिस्थितियों को देखते हुए सुशांत गोल्फ सिटी परियोजना को सरकार अपने कब्जे में लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण से विकसित कराए, जिससे निवेशकों के नुकसान की भरपाई हो सके.
सीवर पाइपलाइन की समस्या
उधर, सुशांत गोल्फ सिटी में सीवर पाइपलाइन आपस मे कनेक्ट नहीं है, जिसके कारण सीवर का डिस्पोजल नहीं हो पा रहा है. दुबे ने बताया कि अंसल के क्षेत्र में दिखाने के लिए एसटीपी बना दिए हैं, लेकिन उसमें सीवर लाइन को कनेक्ट नहीं किया गया है. बीच से ही टैंकर के माध्यम से पाइपलाइन से निकाल कर खुले में डिस्पोज कर दिए जाते हैं. आरोप लगाया कि अंसल के उच्च अधिकारियों की ओर से जनता को गुमराह करने का काम किया जा रहा है.
लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने की है शिकायत
लखनऊ जनकल्याण महासमिति की शिकायत करने पर 31 जनवरी तक का समय मांगा गया, फिर भी समाधान नहीं हुआ. अंसल के अधिकारियों ने एसटीपी में बोरिंग से पानी भरकर एसटीपी मशीन चलाकर दिखा दिया कि मशीन सही है. सीवर ही नहीं मिल रहा तो मशीन कैसे चले. महासमिति ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कमेटी से शिकायत की. सुशांत गोल्फ सिटी में सीवर डिस्पोजल व्यवस्था ध्वस्त है जो सॉलिड वेस्ट रूल का भी उल्लंघन है. ऐसे में अंसल के खिलाफ सालिड वेस्ट रूल 2016 के तहत उचित कार्रवाई की मांग की है