लखनऊः गंगा में लाशों वाले ट्वीट पर रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ बलिया में एक और FIR दर्ज की गई है. जबकि, बीते 13 मई को उन्नाव कोतवाली में भी एक FIR दर्ज हो चुकी है. उसी मामले में 12 मई को उन पर बलिया में भी केस दर्ज किया गया था. इसका खुलासा गुरुवार को तब हुआ जब बलिया पुलिस एसपी सिंह के पास नोटिस लेकर पहुंची. एसपी सिंह का कहना है कि पुलिस अधिकारियों को कानून की जानकारी नहीं है. एक ही मामले में दो एफआईआर संवैधानिक नहीं है.
एक मामले में दो मुकदमे कैसे ?
बलिया कोतवाली पुलिस गुरुवार दोपहर बाद एसपी सिंह के घर पहुंची. पुलिस वालों ने उन्हें बताया कि गंगा में तैरती लाशों वाले मामले में उन पर केस दर्ज किया गया है, लेकिन हैरानी की बात है कि यह एफआईआर उन्नाव में दर्ज हुई एफआईआर से एक दिन पहले की गई. एसपी सिंह का कहना है कि उन्नाव पुलिस को जब पता चला कि उनकी तरफ से किए गए ट्वीट में जो फोटो है. वह उन्नाव नहीं बलिया की है तो अपनी गलती सुधारने के चक्कर में पुलिस ने आनन-फानन में बैक डेट में बलिया में एफआईआर दर्ज करवा दी.
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कोर्ट में नहीं टिक पाएंगे पुलिस के साक्ष्य
एसपी सिंह का कहना है कि पुलिस, उन्हें फंसाने के लिए बिछाए जा रहे जाल में खुद ही फंस रही है. उनका कहना है पहले बिना जांच किए उन्नाव में केस दर्ज किया गया और अब ठीक उसी मामले में उन्ही धाराओं के साथ बलिया में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई. 13 मई की एफआईआर में उन्नाव पुलिस तीन बार पूछताछ कर चुकी और बलिया पुलिस अब बयान के लिए नोटिस दे रही है. इससे बैक डेटिंग साफ नजर आ रही है.
उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर एक ही मामले की दो एफआईआर हो ही नहीं सकती है. उनका कहना है कि पुलिस उन्हें 15 तारीख को बलिया पहुंचकर बयान दर्ज करवाने का अल्टीमेटम दे गई है, लेकिन कोर्ट में उनकी दलीलें पल भर भी नहीं टिक पाएंगी. बता दें कि अभी तक एसपी सिंह पर 7 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं.