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तुष्टिकरण की नीति के कारण यूपी में नहीं हो सका पर्यटन का विकास: नीलकंठ तिवारी - यूपी में नहीं हो सका पर्यटन का विकास

यूपी के पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर जिले को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने पूर्व की सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि तुष्टिकरण की नीति के कारण यूपी में पर्यटन का विकास नहीं हो सका.

ईटीवी भारत से बातचीत करते नीलकंठ तिवारी.
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Published : Sep 29, 2019, 11:16 AM IST

लखनऊ: पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नीलकंठ तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद उत्तर प्रदेश के नेतृत्वकर्ताओं को एक बीमारी लग गई. जो सत्ता में बैठे लोग थे, उनके अंदर तुष्टीकरण का रोग लग गया. अपनी परंपराएं, अपनी संस्कृति जो कि दूसरे देशों में भी स्वीकार्य हैं, उन्हें भी यह लोग दबाते गए. अपने पर्यटन स्थल भी नजर अंदाज किए गए. उत्तर प्रदेश में पर्यटन का विकास भी ठीक से नहीं हो सका.

ईटीवी भारत से बातचीत करते पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री
भगवान राम और कृष्ण की जन्मस्थली है यूपीपर्यटन राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा भगवान राम की जन्मभूमि, भगवान कृष्ण की जन्मभूमि यही है. भगवान राम और कृष्ण के विभिन्न लीला और कलाओं का स्थल है. बाबा विश्वनाथ काशी में विराजित हैं. काशी के बारे में कहा जाता है विश्व की सबसे प्राचीनतम जीवित नगरी है. यहां मां गंगा के घाट हैं. काशी के कंकड़-कंकड़ में शंकर हैं. काशी में द्वादश ज्योतिर्लिंग है. भैरव बाबा हैं. मंदिर हैं. इन मंदिरों को लेकर एक विशेष योजना बन सकती थी, लेकिन पिछली सरकारों ने इस भय के कारण काम ही नहीं किया कि कोई एक विशेष वर्ग उनसे नाराज हो जाएगा.

हर जिले में बनाया जाएगा एक पर्यटन स्थल
नीलकंठ तिवारी ने कहा कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ, लेकिन इसका विकास नहीं किया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार में आते ही अलग-अलग क्षेत्रों के विकास के लिए रणनीति तैयार की. ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए ब्रज विकास बोर्ड का गठन किया गया. काशी के विकास के लिए काशी प्राधिकरण बना. मुख्यमंत्री ने पर्यटन को विकसित करने के लिए एक विधानसभा, एक पर्यटन नीति पर काम करना शुरू किया है. हर जिले में एक पर्यटन स्थल को विकसित करने के लिए योजना तैयार की गई है. इसकी एक पुस्तिका बनाकर लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. ताकि लोग प्रकृति को लेकर जागरूक हों और लोग वहां आए.

ये भी पढ़ें: लखनऊ: दुर्गा पूजा और दशहरे पर एडीजी का निर्देश, किए जाएं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

स्वतंत्रता से जुड़े स्थलों का भी किया जाएगा विकास

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही स्वतंत्रता से जुड़े स्थलों को भी हम लोग विकसित कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी का पांच ट्रिलियन देश की इकोनॉमी करने का जो लक्ष्य है, उसमें उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन का सहयोग कैसे करे, इसकी योजना पर हम लोग काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: CM योगी ने 'एम पासपोर्ट पुलिस ऐप' का किया उद्घाटन, अब आसानी से बनेंगे पासपोर्ट

दीपोत्सव से पूरी दुनिया में गया संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की कुर्सी संभालते ही अयोध्या को वैश्विक पटल पर पहुंचाने के लिए दीपोत्सव का आयोजन करने का निर्णय लिया. पहला दीपोत्सव ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है. दुनिया भर में इससे मैसेज गया है. विभिन्न देशों के कलाकारों ने रामलीला का मंचन किया. हमारे यहां भले ही उसकी इंडस्ट्री न बनी हो, लेकिन विदेशों में रामलीला के परिधान आधारित इंडस्ट्री स्थापित हो गई है. इससे साफ जाहिर है कि हमारी संस्कृति की स्वीकार्यता पूरी दुनिया भर में है. यह उस बात का सूचक है कि अगर हमारी संस्कृति की स्वीकार्यता वहां है तो लोग यहां आ करके देखना चाहेंगे.

लखनऊ: पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नीलकंठ तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद उत्तर प्रदेश के नेतृत्वकर्ताओं को एक बीमारी लग गई. जो सत्ता में बैठे लोग थे, उनके अंदर तुष्टीकरण का रोग लग गया. अपनी परंपराएं, अपनी संस्कृति जो कि दूसरे देशों में भी स्वीकार्य हैं, उन्हें भी यह लोग दबाते गए. अपने पर्यटन स्थल भी नजर अंदाज किए गए. उत्तर प्रदेश में पर्यटन का विकास भी ठीक से नहीं हो सका.

ईटीवी भारत से बातचीत करते पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री
भगवान राम और कृष्ण की जन्मस्थली है यूपीपर्यटन राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा भगवान राम की जन्मभूमि, भगवान कृष्ण की जन्मभूमि यही है. भगवान राम और कृष्ण के विभिन्न लीला और कलाओं का स्थल है. बाबा विश्वनाथ काशी में विराजित हैं. काशी के बारे में कहा जाता है विश्व की सबसे प्राचीनतम जीवित नगरी है. यहां मां गंगा के घाट हैं. काशी के कंकड़-कंकड़ में शंकर हैं. काशी में द्वादश ज्योतिर्लिंग है. भैरव बाबा हैं. मंदिर हैं. इन मंदिरों को लेकर एक विशेष योजना बन सकती थी, लेकिन पिछली सरकारों ने इस भय के कारण काम ही नहीं किया कि कोई एक विशेष वर्ग उनसे नाराज हो जाएगा.

हर जिले में बनाया जाएगा एक पर्यटन स्थल
नीलकंठ तिवारी ने कहा कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ, लेकिन इसका विकास नहीं किया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार में आते ही अलग-अलग क्षेत्रों के विकास के लिए रणनीति तैयार की. ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए ब्रज विकास बोर्ड का गठन किया गया. काशी के विकास के लिए काशी प्राधिकरण बना. मुख्यमंत्री ने पर्यटन को विकसित करने के लिए एक विधानसभा, एक पर्यटन नीति पर काम करना शुरू किया है. हर जिले में एक पर्यटन स्थल को विकसित करने के लिए योजना तैयार की गई है. इसकी एक पुस्तिका बनाकर लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. ताकि लोग प्रकृति को लेकर जागरूक हों और लोग वहां आए.

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स्वतंत्रता से जुड़े स्थलों का भी किया जाएगा विकास

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही स्वतंत्रता से जुड़े स्थलों को भी हम लोग विकसित कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी का पांच ट्रिलियन देश की इकोनॉमी करने का जो लक्ष्य है, उसमें उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन का सहयोग कैसे करे, इसकी योजना पर हम लोग काम कर रहे हैं.

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दीपोत्सव से पूरी दुनिया में गया संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की कुर्सी संभालते ही अयोध्या को वैश्विक पटल पर पहुंचाने के लिए दीपोत्सव का आयोजन करने का निर्णय लिया. पहला दीपोत्सव ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है. दुनिया भर में इससे मैसेज गया है. विभिन्न देशों के कलाकारों ने रामलीला का मंचन किया. हमारे यहां भले ही उसकी इंडस्ट्री न बनी हो, लेकिन विदेशों में रामलीला के परिधान आधारित इंडस्ट्री स्थापित हो गई है. इससे साफ जाहिर है कि हमारी संस्कृति की स्वीकार्यता पूरी दुनिया भर में है. यह उस बात का सूचक है कि अगर हमारी संस्कृति की स्वीकार्यता वहां है तो लोग यहां आ करके देखना चाहेंगे.

Intro:नोट- इस स्क्रिप्ट का वीडियो कैमरा मैन धीरज ने एफटीपी से भेजा है। जिसका स्लग-
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लखनऊ। पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार नीलकंठ तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद उत्तर प्रदेश के नेतृत्व कर्ताओं को एक बीमारी लग गई। जो राज्य सत्ता में बैठे लोग थे उनके अंदर तुष्टीकरण का रोग लग गया। अपनी परंपराएं, अपनी संस्कृति जोकि दूसरे देशों में भी स्वीकार्य हैं, उन्हें भी यह लोग दबाते गए। अपने स्थल भी नजर अंदाज किए गए। पर्यटन को लेकर के उत्तर प्रदेश बहुत धनी होने के बावजूद उस स्तर पर पर्यटन का विकास नहीं हो सका।


Body:पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि यूपी में इतनी संभावनाओं के होते हुए भी यह उस स्तर पर विकसित नहीं हो पाया। भगवान राम की जन्मभूमि, भगवान कृष्ण की जन्मभूमि यहीं है। भगवान राम और कृष्ण के विभिन्न लीला और कलाओं का स्थल है। बाबा विश्वनाथ काशी में विराजित हैं। काशी के बारे में कहा जाता है विश्व की सबसे प्राचीनतम जीवित नगरी है। मां गंगा के घाट हैं। काशी के कंकड़ कंकड़ में शंकर हैं। काशी में द्वादश ज्योतिर्लिंग है। द्वादशा सूर्य हैं। भैरव बाबा हैं। सभी मंदिर हैं। चारों धाम है। ऐसे ही तमाम मंदिर काशी में विराजित हैं। इन मंदिरों को लेकर एक विशेष योजना बन सकती थी लेकिन पिछली सरकारों ने इस भय के कारण काम ही नहीं किया कि कोई एक विशेष वर्ग उनसे नाराज हो जाएगा।

भगवान राम का जन्म अयोध्या में। अयोध्या का विकास नहीं किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार में आते ही अलग अलग क्षेत्रों के विकास के लिए रणनीति तैयार की। ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए ब्रज विकास बोर्ड का गठन किया है। अयोध्या के लिए भी और काशी विकास के विकास के लिए काशी प्राधिकरण बना। मुख्यमंत्री ने पर्यटन को विकसित करने के लिए एक विधानसभा एक पर्यटन नीति पर काम करना शुरू किया है। इसके साथ ही वन डिस्टिक वन डेस्टिनेशन। हर जिले में एक पर्यटन स्थल को विकसित करने के लिए योजना तैयार की गई है। इसकी एक पुस्तिका बनाकर के लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। समाज में पहुंचाया जाए ताकि लोग प्रकृति को लेकर जागरूक हों और लोग वहां आएं। इसके साथ ही स्वतंत्रता से जुड़े स्थलों को भी हम लोग विकसित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी का पांच ट्रिलियन देश की इकोनॉमी करने का जो लक्ष्य है उसमें उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन का सहयोग कैसे करे, इसकी योजना पर हम लोग काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की कुर्सी संभालते ही अयोध्या को वैश्विक पटल पर पहुंचाने के लिए दीपोत्सव का आयोजन करने का निर्णय लिया। पहला दीपोत्सव ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है। दुनिया भर में इससे मैसेज गया है। विभिन्न देशों के कलाकारों ने रामलीला का मंचन किया। हमारे यहां भले ही उसकी इंडस्ट्री ना बनी हो लेकिन विदेशों में रामलीला के परिधान आधारित इंडस्ट्री स्थापित हो गई है। इससे साफ जाहिर है कि हमारी संस्कृति की स्वीकार्यता पूरी दुनिया भर में है। यह उस बात का सूचक है कि अगर हमारी संस्कृति की स्वीकार्यता वहां है तो लोग यहां आ करके देखना चाहेंगे।


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