लखनऊ: पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नीलकंठ तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद उत्तर प्रदेश के नेतृत्वकर्ताओं को एक बीमारी लग गई. जो सत्ता में बैठे लोग थे, उनके अंदर तुष्टीकरण का रोग लग गया. अपनी परंपराएं, अपनी संस्कृति जो कि दूसरे देशों में भी स्वीकार्य हैं, उन्हें भी यह लोग दबाते गए. अपने पर्यटन स्थल भी नजर अंदाज किए गए. उत्तर प्रदेश में पर्यटन का विकास भी ठीक से नहीं हो सका.
हर जिले में बनाया जाएगा एक पर्यटन स्थल
नीलकंठ तिवारी ने कहा कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ, लेकिन इसका विकास नहीं किया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार में आते ही अलग-अलग क्षेत्रों के विकास के लिए रणनीति तैयार की. ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए ब्रज विकास बोर्ड का गठन किया गया. काशी के विकास के लिए काशी प्राधिकरण बना. मुख्यमंत्री ने पर्यटन को विकसित करने के लिए एक विधानसभा, एक पर्यटन नीति पर काम करना शुरू किया है. हर जिले में एक पर्यटन स्थल को विकसित करने के लिए योजना तैयार की गई है. इसकी एक पुस्तिका बनाकर लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. ताकि लोग प्रकृति को लेकर जागरूक हों और लोग वहां आए.
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स्वतंत्रता से जुड़े स्थलों का भी किया जाएगा विकास
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही स्वतंत्रता से जुड़े स्थलों को भी हम लोग विकसित कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी का पांच ट्रिलियन देश की इकोनॉमी करने का जो लक्ष्य है, उसमें उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन का सहयोग कैसे करे, इसकी योजना पर हम लोग काम कर रहे हैं.
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दीपोत्सव से पूरी दुनिया में गया संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की कुर्सी संभालते ही अयोध्या को वैश्विक पटल पर पहुंचाने के लिए दीपोत्सव का आयोजन करने का निर्णय लिया. पहला दीपोत्सव ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है. दुनिया भर में इससे मैसेज गया है. विभिन्न देशों के कलाकारों ने रामलीला का मंचन किया. हमारे यहां भले ही उसकी इंडस्ट्री न बनी हो, लेकिन विदेशों में रामलीला के परिधान आधारित इंडस्ट्री स्थापित हो गई है. इससे साफ जाहिर है कि हमारी संस्कृति की स्वीकार्यता पूरी दुनिया भर में है. यह उस बात का सूचक है कि अगर हमारी संस्कृति की स्वीकार्यता वहां है तो लोग यहां आ करके देखना चाहेंगे.