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एंबुलेंस कर्मियों का धरना : शुक्रवार को 3500 और कर्मी बर्खास्त, शनिवार से शुरू हो रही नई भर्ती

सेवा प्रदाता कंपनी जीवीकेईएमआरआई स्टेट हेड टीवीएस रेड्डी के मुताबिक ड्यूटी ज्वॉइन न करने वाले लगभग 3500 और कर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. ऐसे में अब तक 4200 से अधिक कर्मी नौकरी से निकाले जा चुके हैं.

शुक्रवार को 3500 और कर्मी बर्खास्त, शनिवार से शुरू हो रही नई भर्ती
शुक्रवार को 3500 और कर्मी बर्खास्त, शनिवार से शुरू हो रही नई भर्ती
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Published : Jul 30, 2021, 6:59 PM IST

Updated : Jul 30, 2021, 9:52 PM IST

लखनऊ : यूपी में एंबुलेंस सेवा पांचवें दिन भी पटरी से उतरी रही. उधर, राजधानी में आंदोलनरत हजारों कर्मियों का हुजूम उमड़ा. इसी बीच शासन प्रशासन की ओर से आंदोलनरत कर्मियों को रात दस बजे तक ड्यूटी ज्वाइन करने का अल्टीमेटम दिया गया था. अनसुनी करने पर सेवा प्रदाता कंपनी ने 3500 और कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया. वहीं, शनिवार से जिलों में नई भर्तियां शुरू होंगी. आंदोलन के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने आत्महत्या का प्रयास किया जिसे पुलिस उठा ले गई.

राजधानी के वृंदावन योजना ट्रामा-टू के पास पांचवें दिन भी एंबुलेंस कर्मियों का प्रदर्शन जारी रहा. इस दौरान प्रदेशभर से हजारों कर्मी जुटे. पहले 750 हड़ताली कर्मियों को बर्खास्त किया गया. शेष कर्मियों को गुरुवार रात दस बजे तक ड्यूटी ज्वाइन करने का अल्टीमेटम दिया गया. सेवा प्रदाता कंपनी जीवीकेईएमआरआई स्टेट हेड टीवीएस रेड्डी के मुताबिक ड्यूटी ज्वॉइन न करने वाले लगभग 3500 और कर्मी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया.


ऐसे में अब तक 4200 से अधिक कर्मी नौकरी से निकाले जा चुके हैं. शनिवार से जिलों से नई भर्तियां शुरू होंगी. इसके लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है. साथ ही पहले से ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके दूसरे राज्यों से भी कर्मी कॉल कर बुलाए गए हैं.

यह भी पढ़ें : ..तो क्या जनता दरबार में इस रणनीति के सहारे चुनावी वैतरणी पार कर जाएगी भाजपा ?

नौ हजार कर्मी जुटने का दावा

जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108 -102 एंबुलेंस संघ के पदाधिकारियों का धरना अभी जारी है. मीडिया प्रभारी शादाब के मुताबिक धरना में विभिन्न जनपदों से करीब नौ हजार कर्मी शामिल हुए. कंपनी व सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही मांगों को जल्द पूरा करने को लेकर आवाज उठाई.

मरीजों पर रही आफत

राज्य में तीन तरह की एंबुलेंस सेवा संचालित हैं. इसमें 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा के 2200 वाहन हैं. इससे रोज औसतन 9500 मरीज अस्पताल शिफ्ट किए जाते हैं. वहीं, गर्भवती, प्रसूता, बनवजात को अस्पताल पहुंचाने के लिए 102 एंबुलेंस सेवा है. इसके राज्यभर में 2270 वाहन संचालित हैं. इस एंबुलेंस से रोज औसतन 9500 मरीज जाते हैं.

गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस 75 जनपदों में 250 तैनात की गई हैं. इससे 500 के करीब मरीजों की मदद की जाती रही. इन सभी एंबुलेंस के संचालन की बागडोर निजी कंपनी के पास है.

टीवीएस रेड्डी के मुताबिक 52 जनपदों में एंबुलेंस शुरू हो गयी है. दो अगस्त तक सभी जिलों में सेवा शुरू हो जाएगी. अभी 23 जिलों में सेवाएं बाधित हैं. ऐसे में हजारों मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. वहीं लखनऊ में किशोरी की मौत पर चालक के खिलाफ एफआईआर होगी.

लखनऊ : यूपी में एंबुलेंस सेवा पांचवें दिन भी पटरी से उतरी रही. उधर, राजधानी में आंदोलनरत हजारों कर्मियों का हुजूम उमड़ा. इसी बीच शासन प्रशासन की ओर से आंदोलनरत कर्मियों को रात दस बजे तक ड्यूटी ज्वाइन करने का अल्टीमेटम दिया गया था. अनसुनी करने पर सेवा प्रदाता कंपनी ने 3500 और कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया. वहीं, शनिवार से जिलों में नई भर्तियां शुरू होंगी. आंदोलन के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने आत्महत्या का प्रयास किया जिसे पुलिस उठा ले गई.

राजधानी के वृंदावन योजना ट्रामा-टू के पास पांचवें दिन भी एंबुलेंस कर्मियों का प्रदर्शन जारी रहा. इस दौरान प्रदेशभर से हजारों कर्मी जुटे. पहले 750 हड़ताली कर्मियों को बर्खास्त किया गया. शेष कर्मियों को गुरुवार रात दस बजे तक ड्यूटी ज्वाइन करने का अल्टीमेटम दिया गया. सेवा प्रदाता कंपनी जीवीकेईएमआरआई स्टेट हेड टीवीएस रेड्डी के मुताबिक ड्यूटी ज्वॉइन न करने वाले लगभग 3500 और कर्मी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया.


ऐसे में अब तक 4200 से अधिक कर्मी नौकरी से निकाले जा चुके हैं. शनिवार से जिलों से नई भर्तियां शुरू होंगी. इसके लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है. साथ ही पहले से ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके दूसरे राज्यों से भी कर्मी कॉल कर बुलाए गए हैं.

यह भी पढ़ें : ..तो क्या जनता दरबार में इस रणनीति के सहारे चुनावी वैतरणी पार कर जाएगी भाजपा ?

नौ हजार कर्मी जुटने का दावा

जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108 -102 एंबुलेंस संघ के पदाधिकारियों का धरना अभी जारी है. मीडिया प्रभारी शादाब के मुताबिक धरना में विभिन्न जनपदों से करीब नौ हजार कर्मी शामिल हुए. कंपनी व सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही मांगों को जल्द पूरा करने को लेकर आवाज उठाई.

मरीजों पर रही आफत

राज्य में तीन तरह की एंबुलेंस सेवा संचालित हैं. इसमें 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा के 2200 वाहन हैं. इससे रोज औसतन 9500 मरीज अस्पताल शिफ्ट किए जाते हैं. वहीं, गर्भवती, प्रसूता, बनवजात को अस्पताल पहुंचाने के लिए 102 एंबुलेंस सेवा है. इसके राज्यभर में 2270 वाहन संचालित हैं. इस एंबुलेंस से रोज औसतन 9500 मरीज जाते हैं.

गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस 75 जनपदों में 250 तैनात की गई हैं. इससे 500 के करीब मरीजों की मदद की जाती रही. इन सभी एंबुलेंस के संचालन की बागडोर निजी कंपनी के पास है.

टीवीएस रेड्डी के मुताबिक 52 जनपदों में एंबुलेंस शुरू हो गयी है. दो अगस्त तक सभी जिलों में सेवा शुरू हो जाएगी. अभी 23 जिलों में सेवाएं बाधित हैं. ऐसे में हजारों मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. वहीं लखनऊ में किशोरी की मौत पर चालक के खिलाफ एफआईआर होगी.

Last Updated : Jul 30, 2021, 9:52 PM IST
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