लखनऊ: स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी भी कोरोना संदिग्ध व्यक्ति को किसी जगह से अस्पताल तक लेकर आने के दौरान 108 एंबुलेंस के ड्राइवर टेक्नीशियन और गाड़ी के सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रखा जाता है.
उत्तर प्रदेश में जीवीके ईएमआरआई एंबुलेंस के स्टेट हेड एनवी किशोर नायडू ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान मरीजों के लिए सभी जिलों में एंबुलेंस आरक्षित की गई है. सभी एंबुलेंस में मास्क, दस्ताने और गाउन समेत पीपीई जैसे उपकरणों का इंतजाम किया गया है.
यह उपकरण एंबुलेंस के साथ जुड़े प्रत्येक कर्मचारी को मुहैया करवाए गए हैं. प्रत्येक एंबुलेंस में कोरोना संदिग्ध मरीज को अस्पताल छोड़ने के बाद पीपीई किट और अन्य उपकरणों को डिस्पोज करके एंबुलेंस को सैनिटाइज किया जाता है. नए मरीज के पास पहुंचने से पहले नई पीपीई किट ड्राइवर और टेक्नीशियन पहनते हैं. यह पी.पी.ई किट सीएमओ मुहैया करवा रही है.
उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना मरीजों के लिए उत्तर प्रदेश में 426 एंबुलेंस अब तक आरक्षित की गई हैं. वही लखनऊ में 11 एंबुलेंस कोरोना वायरस से संदिग्ध और संक्रमित व्यक्तियों के लिए चल रही हैं. प्रदेश भर में अब तक 3100 से भी अधिक कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों को अस्पताल ले जाया गया है.
लखनऊ में कोरोना वायरस के संदिग्ध व्यक्तियों को अस्पताल ले जाने वाले एंबुलेंस के ड्राइवर जीरेंद्र सिंह कहते हैं कि हमारी ड्यूटी एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र में लगाई गई है पर हम पूरे लखनऊ भर में कहीं भी जरूरत पड़ने पर कोरोना संदिग्ध व्यक्ति को अस्पताल तक लेकर जाते है. उन्होंने बताया कि मरीज को लेने जाने से पहले हम अपनी पूरी किट पहनते हैं और मरीज को छोड़ने के बाद ब्लीच से गाड़ी की सफाई होती है.
एंबुलेंस में दो ड्राइवर और दो टेक्निशियंस लगाए गए हैं, जिनकी 12 घंटे की शिफ्ट होती है. जीरेंद्र सिंह के साथ शिफ्ट कर रहे आसिम खान कहते हैं कि किसी भी मरीज को अस्पताल छोड़ने के साथ ही हम किट भी सही ढंग से डिस्पोज कर देते हैं और प्रति मरीज हमारी किट बदली जाती है ताकि संक्रमण का खतरा न रहे. एंबुलेंस के टेक्नीशियन और ड्राइवर को पर्सनल प्रिवेंशन किट के साथ-साथ सैनिटाइजर और अतिरिक्त मास्क आदि भी दिए गए हैं ताकि उन्हें या उनके आसपास के किसी भी व्यक्ति को कोरोनावायरस का खतरा न हो.