लखनऊ: सपा सांसद आजम खान की बहन निकहत अफलाक के रिवर बैंक कॉलोनी में आवंटित बंगले को खाली कराया जाएगा. नगर निगम ने वर्ष 2007 में किए गए आवंटन को त्रुटिपूर्ण बताते हुए बंगले का आवंटन निरस्त कर दिया है. निकहत को नोटिस जारी करते हुए रिवर बैंक कॉलोनी स्थित बंगले को खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. इसके बाद नगर निगम जबरन बंगला खाली कराएगा.
शर्तों के साथ किया गया था आवंटन
नगर निगम के प्रभारी अधिकारी की नोटिस के अनुसार, रामपुर निवासी निकहत अफलाक रामपुर के राजकीय कमल लका जूनियर हाई स्कूल में सरकारी टीचर थीं. सेवानिवृत्त होने के बाद आजम खान की बहन निकहत अफलाक के नाम से 6000 स्क्वायर फीट का बंगला नगर निगम ने आवंटित किया था. आवास संख्या जी-11 रिवर बैंक कॉलोनी के स्थान पर आवास संख्या ए-2/1 रिवर बैंक कॉलोनी का आवंटन शर्तों के साथ किया गया था.
नगर निगम ने आवंटन को बताया त्रुटिपूर्ण
आवंटन की शर्तों के अनुसार, सरकारी अधिकारी अथवा कर्मचारी को ही भवन का आवंटन किया जा सकता है. इस शर्त के तहत आवंटन के समय निकहत किसी सरकारी सेवा में नहीं थीं और न ही लखनऊ में निवास करती थीं. शासनादेशों के खिलाफ त्रुटिपूर्ण आवंटन किया गया था. इकरारनामा की शर्त संख्या आठ के तहत आवंटन निरस्त किया गया है. नोटिस तामील होने से 15 दिन में शांतिपूर्ण ढंग से सामान बाहर निकालकर भवन को नगर निगम को हस्तगत करने को कहा गया है. इसके बाद नगर निगम मकान खाली करवाने की कार्रवाई करेगा. बता दें कि रामपुर की ही एक महिला ने इस बंगले को लेकर शिकायत की थी. इस पर कार्रवाई करते हुए ही लखनऊ नगर निगम ने शासन के आदेश पर आजम खान की बहन को नोटिस जारी किया है.
आजम की बहन के जवाब को बताया तर्कहीन
इससे पहले 24 अगस्त 2020 को भी आवंटन रद्द किए जाने को लेकर लखनऊ नगर निगम ने बंगले के बाहर नोटिस चस्पा की थी. एक प्रति उनके रामपुर आवास पर भी भेजी गई थी. सात दिन के भीतर जवाब मांगा गया था. इसके बाद निकहत अफलाक ने नगर निगम को नोटिस का जवाब भेजा था. उन्होंने आरोपों को ही भ्रामक बताते हुए कहा था कि वह सुविधानुसार रिवर बैंक कॉलोनी के आवास का उपयोग करती हैं और वर्ष 2021 तक का किराया भी नगर निगम में जमा है. बिजली का बिल भी जमा हो रहा है. उसके पास अपना कोई निजी भवन नहीं है. नगर निगम के कर्मचारियों ने किन पड़ोसियों से बात की, इसका जिक्र नहीं है. यह सब नितांत भ्रामक एवं मिथ्या कथनों पर आधारित था. 76 वर्ष की होने के कारण अपने इलाज के लिए लखनऊ में ही निवास करती हूं. 31 अगस्त को निकहत के दिये गये ज़वाब को नगर निगम प्रशासन ने तर्कहीन बताया है.
इस तरह के अन्य आवंटनों पर होगी जांच
निकहत की तरफ से दिया गया जवाब सही नहीं है. जो आवंटन किया गया था वह भी गलत तरीके से किया गया था. शासनादेश के विपरित आवंटन हुआ था. इसलिए इसे निरस्त किया गया है. उस समय जिसने भी गलत आवंटन किया था, उसकी भी जांच करायी जायेगी.