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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, निजी स्कूलों की फीस बढ़ाने पर रोक को हटाने पर विचार करे सरकार

निजी स्कूलों की फीस बढ़ाने पर लगायी गयी रोक को हटाने पर विचार करने का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी सरकार को दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Feb 16, 2022, 10:30 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर लगाई गई रोक को हटाने पर विचार करने का आदेश राज्य सरकार को दिया. बुधवार को न्यायालय ने कहा कि 11 फरवरी को शासनादेश पारित करते हुए, स्कूलों को खोलने के निर्देश दिए गए थे, लिहाजा अब फीस वृद्धि पर लगी रोक को हटाने पर भी विचार किया जाना चाहिए.


यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अतुल राय व एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया. याचिका में सरकार के 7 जनवरी 2022 के शासनादेश को खारिज करने की मांग की गई थी. दलील दी गई कि ये शासनादेश शैक्षिक संस्थानों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहा है. बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान याचियों की ओर से दलील दी गई कि अब सरकार ने 11 फरवरी के शासनादेश के जरिए स्कूलों को खोलने का आदेश दिया है. इसका आशय है कि हम सामान्य जीवन में लौट आए हैं.

ये भी पढ़ें- मुख्तार अंसारी को एमपी एमएलए कोर्ट ने एक लाख के मुचलके पर दी जमानत, तुरंत रिहा करने का आदेश

न्यायालय ने याची पक्ष की इस दलील को सही माना. न्यायालय ने कहा कि 1 अप्रैल 2022 से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होनी है. इसके पहले निजी स्कूलों को फी स्ट्रक्चर भी प्रकाशित करना है. इसके प्रकाशन के बाद बच्चों के माता-पिता की ओर से अगर आपत्तियां आती हैं, तो उन पर भी विचार करना है. न्यायालय ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकार शुल्क वृद्धि पर लगी रोक को हटाने पर विचार करेगी. इस मामले की अगली सुनवाई अब 28 फरवरी को होगी.

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लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर लगाई गई रोक को हटाने पर विचार करने का आदेश राज्य सरकार को दिया. बुधवार को न्यायालय ने कहा कि 11 फरवरी को शासनादेश पारित करते हुए, स्कूलों को खोलने के निर्देश दिए गए थे, लिहाजा अब फीस वृद्धि पर लगी रोक को हटाने पर भी विचार किया जाना चाहिए.


यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अतुल राय व एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया. याचिका में सरकार के 7 जनवरी 2022 के शासनादेश को खारिज करने की मांग की गई थी. दलील दी गई कि ये शासनादेश शैक्षिक संस्थानों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहा है. बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान याचियों की ओर से दलील दी गई कि अब सरकार ने 11 फरवरी के शासनादेश के जरिए स्कूलों को खोलने का आदेश दिया है. इसका आशय है कि हम सामान्य जीवन में लौट आए हैं.

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न्यायालय ने याची पक्ष की इस दलील को सही माना. न्यायालय ने कहा कि 1 अप्रैल 2022 से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होनी है. इसके पहले निजी स्कूलों को फी स्ट्रक्चर भी प्रकाशित करना है. इसके प्रकाशन के बाद बच्चों के माता-पिता की ओर से अगर आपत्तियां आती हैं, तो उन पर भी विचार करना है. न्यायालय ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकार शुल्क वृद्धि पर लगी रोक को हटाने पर विचार करेगी. इस मामले की अगली सुनवाई अब 28 फरवरी को होगी.

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