लखनऊः कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए उत्तर प्रदेश में 23 जनवरी तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद करने की दिशा निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को टीम नाइन के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक में यह निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कोविड-19 प्रोटोकोल का सख्ती से अनुपालन कराने और अन्य जरूरी दिशा निर्देश भी दिए हैं. सीएम ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों में आगामी 23 जनवरी तक भौतिक रूप से पठन-पाठन स्थगित रखा जाए, केवल ऑनलाइन मोड में पढ़ाई हो. सभी जनपदों में रात्रि 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू प्रभावी है, इसे सख्ती से लागू किया जाए.
कम्युनिटी किचन का संचालन शुरू करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करा हुए कुंभ पर्व सुरक्षित रूप से सम्पन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा व्यापक प्रबन्ध किए गए हैं. राज्य सरकार के इन प्रयासों में सभी का सहयोग आवश्यक है. उन्होंने कहा कि स्नान के लिए केवल स्वस्थ व्यक्ति ही आएं. अधिक आयु वाले लोग, कोमॉर्बिड व्यक्ति तथा बच्चे न आएं. माघ मेले में कल्पवास करने वाले श्रद्धालु स्नान के लिए निर्धारित समय पर ही स्नान सम्पन्न करें. कल्पवासियों के लिए रैपिड टेस्ट की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा है कि सरकार द्वारा 15 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन दिया जा रहा है, किंतु यदि किसी के पास राशन कार्ड भी नहीं है तो उन्हें दोनों समय फूड पैकेट उपलब्ध कराए जाएं. कोविड के पिछले अनुभवों के आधार पर सामुदायिक भोजनालयों (कम्युनिटी किचन )का संचालन शुरू कराया जाए.
निगरानी समितियां घर-घर पर दस्तक दें
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए निराश्रित, अकेले रह रहे बुजुर्ग, दिव्यांगजनों पर विशेष ध्यान दिया जाए. ऐसे व्यक्ति यदि संक्रमित होते हैं तो उनके साथ अतिरिक्त संवेदनशीलता का भाव रखा जाए. पुलिस, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीम इनके समुचित इलाज, भोजन आदि की व्यवस्था जरूर करे. ठंड को देखते हुए रैन बसेरों में समुचित प्रबंध रखे जाएं. सीएम ने आगे कहा कि बारिश, ओलावृष्टि के कारण कुछ जिलों से जन-धन की क्षति होने की सूचना मिली है. राहत विभाग पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ प्रभावित लोगों से संपर्क करें और तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए. सीएम ने कहा कि निगरानी समितियां घर-घर पर दस्तक दें और संदिग्ध लोगों की पहचान करें, टेस्ट कराने के साथ मेडिकल किट उपलब्ध कराएं. इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स को पूर्णतः सक्रिय रखा जाए. होम आइसोलेशन के मरीजों हर दिन हाल-चाल पूछा जाए. जनपदीय आईसीसीसी में चिकित्सकों का पैनल तैनात करते हुए लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.
राशन पैकेट में छेड़छाड़ करने वालों पर कार्रवाई करें
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 15 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन दिया जा रहा है. कुछ राशन की दुकानों पर राशन के पैकेट के साथ छेड़छाड़ करने की शिकायत मिली है, जो स्वीकार्य नहीं है. संबंधित विभाग तत्काल कार्रवाई करें और दोषी अधिकारियों की जवाबदेही भी तय हो. वहीं, प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए स्कूल कॉलेज 23 जनवरी तक बंद रखने के दिशा निर्देश दिए हैं. इसको लेकर अलग से माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से गाइडलाइंस भी जारी होंगी.
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण और सर्दी को देखते हुए प्रदेश सरकार की तरफ से पहली बार बेसिक शिक्षा परिषद के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में विंटर वेकेशन की व्यवस्था की गई थी. आठवीं तक के इन स्कूलों को पहले 14 जनवरी तक के लिए बंद किया गया था. उसके बाद 16 जनवरी तक के लिए छुट्टी घोषित कर दी गई थी. उधर, सभी निजी स्कूलों को 16 जनवरी तक बंद करने के आदेश जारी किए गए थे.
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फीस वृद्धि ना होने के फैसले पर नाराजगी
निजी स्कूल संगठन की तरफ से फीस ना बढ़ाने को लेकर भी नाराजगी जताई गई है. संगठन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि कोरोना काल में विगत 3 वर्षों से निजी विद्यालयों की फीस नहीं बढ़ाई जा रही है.विगत 2 वर्षों में समस्त विद्यालयों की ओर से इस बात को स्वीकार भी किया गया कि कोविड-19 में कई लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है, लॉकडाउन के कारण समस्याएं उत्पन्न हुई है. लेकिन वर्तमान वर्ष में परिस्थितियां सामान्य रहीं और इस वर्ष जो कोरोना संक्रमण हो रहा है वह नियंत्रण में है और किसी को बहुत अधिक क्षति नहीं हो रही है. किसी भी प्रकार का लॉकडाउन नहीं लगाया गया है, कोई व्यापार प्रभावित नहीं है.
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