लखनऊ : 24 सितंबर को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अजय राय की नियुक्ति हुई थी. उनकी नियुक्ति के ठीक दो महीने बाद 25 नवंबर को आलाकमान ने नए अध्यक्ष की प्रदेश टीम (प्रदेश कार्यकारिणी) की घोषणा की थी. इस प्रदेश कार्यकारिणी में पार्टी ने 16 लोगों को प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी. अब इन सभी प्रदेश उपाध्यक्षों को पार्टी की तरफ से नई जिम्मेदारी देने की तैयारी की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले अपने संगठन को मजबूत करने के लिए जिलेवार कमेटी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर रही है. इसकी जिम्मेदारी इन उपाध्यक्षों को सौंपी जाएगी.
हर उपाध्यक्ष को पांच जिले का दिया जाएगा प्रभार : सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल सभी 16 उपाध्यक्षों में से 15 उपाध्यक्षों को पार्टी 55 जिलों का प्रभार देने की तैयारी कर रही है. ऐसे में पार्टी के अंदर जिले के प्रभार को लेकर उपाध्यक्षों के बीच में विशेष तौर पर किस स्थान भी शुरू हो गई है. सभी उपाध्यक्ष अपने पसंद के जिलों के प्रभार के लिए प्रदेश स्तर पर अपनी बात रखना शुरू कर चुके हैं, जिसमें कई नाम पर तो लगभग मंजूरी भी बनती दिख रही है. जैसे लखनऊ व उसके आसपास के जिलों का प्रभार शरद मिश्रा को दिए जाने की प्रबल संभावना है. इसके साथ ही हर उपाध्यक्ष के साथ महासचिवों को भी जिलों का प्रभार दिया जाएगा. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों को जल्द ही जिम्मेदारी सौंपने जा रही है. जिलों का प्रभार मिलने के बाद इन्हीं उपाध्यक्षों को अपने संबंधित जिलों में जिला इकाइयों का गठन करना होगा.
पार्टी ने इनको बनाया है प्रदेश उपाध्यक्ष |
- सोहेल अंसारी |
- विश्व विजय सिंह |
- मकसूद खान |
- संजीव दरियाबादी |
- आलोक प्रसाद |
- शरद मिश्रा |
- राहुल राय |
- राघवेंद्र सिंह |
- राजकुमार रावत |
- मनीष मिश्रा |
- सुशील पासी |
- विदित चौधरी |
- प्रेम प्रकाश अग्रवाल |
- केशव चंद्र यादव |
- रिजवान कुरैशी |
- दिनेश कुमार सिंह |
सौंपी जा सकती है यह जिम्मेदारी : गौरतलब है कि अध्यक्ष अजय राय से पहले उत्तर प्रदेश की कमान संभाल रहे पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी को प्रदेश कार्यकारिणी तो नहीं दी गई थी. इसके अलावा उन्हें छह प्रांतीय अध्यक्ष दिए गए थे. इन सभी छह प्रांतीय अध्यक्षों को उत्तर प्रदेश के करीब 13-13 जिलों का प्रभार दिया गया था. कांग्रेस पार्टी इसी फार्मूले के आधार पर अब सभी 16 प्रदेश उपाध्यक्षों को 5-5 जिलों का प्रभार सौंप कर इन जिलों में लोकसभा चुनाव से पहले सभी संगठन कमजोरी को दूर कर संगठन का स्वरूप तैयार करने की जिम्मेदारी देगी. पार्टी नेताओं का कहना है कि 'इन सभी उपाध्यक्षों को जिला आवंटन होने के बाद अगले एक से डेढ़ महीने में जिला अध्यक्ष और जिला स्तर पर बूथ लेवल कमेटी तक का गठन करना है. जिससे लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में जो भी सहयोगी दल होंगे. उनके साथ बूथ लेवल पर होने वाली बैठकों और सामंजस्य बैठाने की जिम्मेदारी इनको सौंपा जा सके.
कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने बताया कि 'सभी प्रदेश पदाधिकारी को नई जिम्मेदारी दी जानी है, अभी तक पार्टी की चली जा रही परंपराओं के अनुसार सभी उपाध्यक्षों, महासचिवों और प्रदेश सचिवों को अगले कुछ दिनों में उनकी जिम्मेदारी तय कर दी जाएगी. पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अपने संगठन को पूरी तरह से मजबूत करने की प्रक्रिया में आगे बढ़ रही है.'