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लखनऊः ड्राफ्ट हुआ तैयार, दिसंबर के पहले हफ्ते में AIMPLB करेगा पुनर्विचार याचिका दाखिल - पुनर्विचार याचिका का ड्राफ्ट तैयार

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जहां सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका न दाखिल करने फैसला किया है, वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मामले में एक बार फिर से कोर्ट में जाने का मन बना लिया है. इसके चलते कोर्ट में दाखिल करने के लिए पुनर्विचार याचिका का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी.
जफरयाब जिलानी.
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Published : Nov 26, 2019, 9:10 PM IST

लखनऊः लंबी लड़ाई के बाद अयोध्या मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद यह माना जा रहा था कि देश का सबसे विवादित भूमि विवाद का मुद्दा अब खत्म हो जाएगा. वहीं अब इसके आसार नजर नहीं आ रहे हैं, क्योंकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले में दिसंबर के पहले हफ्ते में कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल करने जा रहा है. इसकी जानकारी खुद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी जफरयाब जिलानी ने आज दी.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दाखिल करेगा पुनर्विचार याचिका.

जफरयाब जिलानी का कहना है कि इस मुल्क में सबको अपनी बात कहने का हक है. लिहाजा सुन्नी वक्फ बोर्ड कानून के द्वारा बनाई गई एक सोसाइटी है. इस पर हम कोई कमेंट करना मुनासिब नहीं समझते हैं. हालांकि जफरयाब जिलानी कहते हैं कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड पहले ही रिव्यू पिटिशन न डालने का फैसला कर चुका था. जिलानी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसले पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि आज कई कमेटियां मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ हैं और सुन्नी वक्फ बोर्ड के साथ कितनी कमेटियां हैं.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या मामले में रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं करेगा सुन्नी बोर्ड, जमीन पर फैसला टला

उन्होंने कहा कि जो लोग रिव्यू पिटिशन का विरोध कर रहे हैं, उन लोगों को चाहिए कि मुसलमानों का एक बड़ा जलसा बुलाकर मुसलमानों की इस मामले में राय ले लें. जानकारी देते हुए जफरयाब जिलानी ने बताया कि दिसंबर के पहले हफ्ते में कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की जाएगी. इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है तो वहीं इस मामले में ज्यादा कुछ न बोलते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एग्जीक्यूटिव कमिटी के मेंबर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का भी बयान सामने आया है. मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड एक आजाद ऑर्गेनाइजेशन है और उसके जो भी फैसले हैं. उस पर हम ज्यादा बोलना मुनासिब नहीं समझते.

गौरतलब है कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुस्लिम पक्षकारों में रिव्यू पिटिशन को लेकर अलग-अलग राय देखने को मिली थी. इसमें मुस्लिम फरीक रहे अयोध्या से इकबाल अंसारी और यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अदालत के फैसले पर इत्मीनान जताते हुए रिव्यू पिटिशन न दाखिल करने पर सहमति जताई है. वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सरपरस्ती में 3 मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल करने की बात कही है. इससे यह माना जा रहा है कि अयोध्या मामला अभी कुछ रोज और सुर्खियों का सबब बना रह सकता है.

लखनऊः लंबी लड़ाई के बाद अयोध्या मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद यह माना जा रहा था कि देश का सबसे विवादित भूमि विवाद का मुद्दा अब खत्म हो जाएगा. वहीं अब इसके आसार नजर नहीं आ रहे हैं, क्योंकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले में दिसंबर के पहले हफ्ते में कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल करने जा रहा है. इसकी जानकारी खुद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी जफरयाब जिलानी ने आज दी.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दाखिल करेगा पुनर्विचार याचिका.

जफरयाब जिलानी का कहना है कि इस मुल्क में सबको अपनी बात कहने का हक है. लिहाजा सुन्नी वक्फ बोर्ड कानून के द्वारा बनाई गई एक सोसाइटी है. इस पर हम कोई कमेंट करना मुनासिब नहीं समझते हैं. हालांकि जफरयाब जिलानी कहते हैं कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड पहले ही रिव्यू पिटिशन न डालने का फैसला कर चुका था. जिलानी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसले पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि आज कई कमेटियां मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ हैं और सुन्नी वक्फ बोर्ड के साथ कितनी कमेटियां हैं.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या मामले में रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं करेगा सुन्नी बोर्ड, जमीन पर फैसला टला

उन्होंने कहा कि जो लोग रिव्यू पिटिशन का विरोध कर रहे हैं, उन लोगों को चाहिए कि मुसलमानों का एक बड़ा जलसा बुलाकर मुसलमानों की इस मामले में राय ले लें. जानकारी देते हुए जफरयाब जिलानी ने बताया कि दिसंबर के पहले हफ्ते में कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की जाएगी. इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है तो वहीं इस मामले में ज्यादा कुछ न बोलते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एग्जीक्यूटिव कमिटी के मेंबर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का भी बयान सामने आया है. मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड एक आजाद ऑर्गेनाइजेशन है और उसके जो भी फैसले हैं. उस पर हम ज्यादा बोलना मुनासिब नहीं समझते.

गौरतलब है कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुस्लिम पक्षकारों में रिव्यू पिटिशन को लेकर अलग-अलग राय देखने को मिली थी. इसमें मुस्लिम फरीक रहे अयोध्या से इकबाल अंसारी और यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अदालत के फैसले पर इत्मीनान जताते हुए रिव्यू पिटिशन न दाखिल करने पर सहमति जताई है. वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सरपरस्ती में 3 मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल करने की बात कही है. इससे यह माना जा रहा है कि अयोध्या मामला अभी कुछ रोज और सुर्खियों का सबब बना रह सकता है.

Intro:अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जहां सुन्नी वक्फ बोर्ड ने रिव्यू पिटिशन ना दाखिल करने का बोर्ड की मीटिंग के दौरान फैसला किया है तो वही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मामले में एक बार फिर से कोर्ट में जाने का मन बना लिया है जिसके चलते कोर्ट में दाखिल करने के लिए रिव्यू पिटिशन का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और दिसंबर के पहले हफ्ते में ही कोर्ट में रिव्यू पिटिशन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से दाख़िल किया जायेगा।

Body:एक लंबी लड़ाई के बाद अयोध्या मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद यह माना जा रहा था कि देश का सबसे विवादित बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि का मुद्दा अब खत्म हो जाएगा लेकिन अभी इसके आसार नजर नही आते हैं क्योंकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड इस मामले में दिसंबर के पहले हफ्ते में कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल करने जा रहा है जिसकी जानकारी खुद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सेक्रेटरी जफरयाब जिलानी ने आज दी है। जफरयाब जिलानी का कहना है कि इस मुल्क में सबको अपनी बात कहने का हक है लिहाज़ा सुन्नी वक्फ बोर्ड कानून के द्वारा बनाई गई एक सोसाइटी है जिस पर हम कोई कमेंट करना मुनासिब नहीं समझते हैं हालांकि जफरयाब जिलानी कहते हैं कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड पहले ही रिव्यू पिटिशन ना डालने का फैसला कर चुका था और सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक से पहले ही यह सबको मालूम था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड रिव्यू पिटिशन नहीं दाखिल करेगा। जफरयाब जिलानी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसले पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि आज कई कमेटियां मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के साथ है और सुन्नी वक्फ बोर्ड के साथ कितनी कमेटियां है यह सवाल का विषय है, जफरयाब जिलानी ने कहा कि जो लोग रिव्यू पिटिशन का विरोध कर रहे हैं उन लोगों को चाहिए कि मुसलमानों का एक बड़ा जलसा बुलाकर मुसलमानों की इस मामले में राय ले ले जिससे यह साफ हो जाएगा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड अपनी राय से नहीं बल्कि आवाम की राय से रिव्यू पिटिशन दाखिल करने जा रहा है,ज्यादा जानकारी देते हुए जफरयाब जिलानी ने बताया कि दिसंबर के पहले हफ्ते में कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की जाएगी जिसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। तो वहीं इस मामले में ज्यादा कुछ ना बोलते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के एग्जीक्यूटिव कमिटी के मेंबर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का भी बयान सामने आया है मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड एक आज़ाद ऑर्गेनाइजेशन है और उसके जो भी फैसले हैं उस पर हम ज़्यादा बोलना मुनासिब नही समझते।

बाइट 1- जफरयाब जिलानी,सेक्रेटरी, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

बाइट 2- मौलाना ख़ालिद रशीद फरंगी महली,मेम्बर ,आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

Conclusion:गौरतलब है कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुस्लिम पक्षकारों में रिव्यू पिटिशन को लेकर अलग अलग राय देखने को मिली थी जिसमें मुस्लिम फरीक रहे अयोध्या से इक़बाल अंसारी और यूपी सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने अदालत के फैसले पर इत्मीनान जताते हुए रिव्यू पिटिशन ना दाखिल करने पर सहमति जताई है तो वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की सरपरस्ती में 3 मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल करने की बात कही है जिसे यह माना जा रहा है कि अयोध्या मामला अभी कुछ रोज और सुर्खियों का सबब बना रह सकता है।
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