लखनऊ : अलाया अपार्टमेंट हादसा मामले में निरुद्ध याजदान बिल्डर के प्रोपराइटर सायम याजदानी की जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश गौरव कुमार ने खारिज कर दिया है. सायम याजदानी को अलाया अपार्टमेंट के ढहने के परिणाम स्वरूप हुई मौतों एवं घायलों के लिए जिम्मेदार बताया गया है.
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी का तर्क था कि अलाया अपार्टमेंट के अचानक ढहने की सूचना पर 24 जनवरी 2023 को हजरतगंज पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. अदालत को बताया गया कि अपार्टमेंट का निर्माण मोहम्मद तारिक, नवाजिश एवं फहद यजदानी द्वारा संयुक्त रूप से कराया गया था. जिसमें 13 फ्लैट बेचे गए थे एवं घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया था. जमानत के विरोध में कहा गया कि इस फ्लैट को बिना मानचित्र स्वीकृत कराए बनवाया गया था. जिसके बाद अभियुक्त ने सह अभियुक्तों के साथ मिलकर फ्लैट को भिन्न भिन्न लोगों को बेचा था. बताया गया कि अपार्टमेंट हादसे में तीन लोगों की मौत हुई थी तथा 14 लोग घायल हुए थे.
उल्लेखनीय है कि इस मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से सपा विधायक शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश व भतीजे मोहम्मद तारिक को जमानत मिल चुकी है. वहीं शाहिद मंजूर और बिल्डर तथा मुख्य अभियुक्त फहद याजदानी की गिरफ़्तारी पर हाईकोर्ट पहले ही रोक लगा चुकी है. अलाया अपार्टमेंट घटना की एफआईआर 25 जनवरी को हजरतगंज कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक दयाशंकर द्विवेदी ने विधायक शाहिद मंजूर के पुत्र नवाजिश, भतीजे मोहम्मद तारिक व फाहद याजदानी के ख़िलाफ़ दर्ज कराई थी. एफआईआर में आरोप है कि अपार्टमेंट जोरदार आवाज के साथ अचानक पूरी तरह से ढह गया. जिससे चारों तरफ चीख-पुकार मच गई. अपार्टमेंट के मलबे से बचाव दल ने गंभीर रूप से चोटिल 14 लोगों को बाहर निकाला गया. बाद में इलाज के दौरान तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी. आरोप है कि अपार्टमेंट का निर्माण मोहम्मद तारिक, नवाजिश और फ़हद यज़दानी ने बिना नक़्शा पास कराए और घटिया सामग्री का प्रयोग करके कराया था. आरोप है कि बाद में इन लोगों ने 13 फ्लैट धोखाधड़ी करके लोगो को बेच दिया. मामले की विवेचना के दौरान शाहिद मंजूर का नाम भी शामिल किया गया.
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