लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की ऑफलाइन सेमेस्टर परीक्षाओं का विरोध करना नेशनल स्टूडेंट्स यूनियर ऑफ इंडिया (NSUI) के कार्यकर्ताओं पर भारी पड़ गया. उन्हें इस विरोध की कीमत पांच घंटे हवालात में रहकर चुकानी पड़ी.
शुक्रवार दोपहर में जब पुलिस ने इनको मोबाइल लौटाए, तब यह मामला खुलकर सामने आया. NSUI का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की आवाज दबाने का प्रयास कर रहा है.
उत्तर प्रदेश में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) सबसे बड़ा तकनीकी विश्वविद्यालय है. करीब 763 इंजीनियरिंग और दूसरे तकनीकी पाठ्यक्रम संचालित करने वाले कॉलेज इससे जुड़े हुए हैं. 2.26 लाख छात्र-छात्राएं हैं.
इनकी सेमेस्टर परीक्षाएं आगामी दिसंबर के अंतिम सप्ताह से शुरू हो रहीं हैं. इन परीक्षाओं को लेकर छात्रों में नाराजगी है. विश्वविद्यालय के छात्रों की ओर से बकायदा सोशल मीडिया पर #AKTU, #AKTUONLINEEXAM के नाम से विरोध अभियान चलाया जा रहा है.
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इनकी मांग है कि विश्वविद्यालय ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूर्व में ऑनलाइन परीक्षाएं कराई हैं. वर्तमान में स्थितियां ठीक नहीं हैं. नया वेरिएंट ओमीक्रॉन असर दिखा रहा है. ऐसे में इस बार की सेमेस्टर परीक्षाएं भी ऑनलाइन ही कराई जाएं.
छात्रों की इस मांग को लेकर NSUI समर्थन में उतर आया. नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने एकेटीयू के छात्रों के समर्थन में एकेटीयू चलो अभियान की घोषणा कर दी है. एनएसयूआई यूपी सेंट्रल के प्रदेश महासचिव आर्यन मिश्र की तरफ से जारी कार्यक्रम के तहत छात्रों से गुरुवार सुबह 11:00 बजे एकेटीयू पहुंचने की अपील की गई थी.
बता दें कि गुरुवार को विश्वविद्यालय का 19वां दीक्षांत समारोह था. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इस समारोह की अध्यक्षता कर रहीं थीं. इसी दौरान NSUI के बैनर तले कुछ छात्र व कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे. हालांकि, पुलिस बल ने इन्हें विश्वविद्यालय के गेट के पास पहुंचने से पहले ही हिरासत में ले लिया.
एनएसयूआई यूपी सेंट्रल के प्रदेश महासचिव आर्यन मिश्र ने बताया कि करीब 17 छात्रों और कार्यकर्ताओं को गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे हिरासत में ले लिया गया था. पांच से छह घंटे तक उन्हें हवालात में रखा गया.
बाद में महानगर में उनका मेडिकल कराया गया. देर रात धारा-151 में उनका चालान किया गया. रात करीब 11 बजे तक वह थाने के चक्कर लगाते रहे. शुक्रवार दोपहर में जाकर उनके मोबाइल फोन वापस किए गए. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों में कई लखनऊ विश्वविद्यालय के भी छात्र थे. इन सबके चलते उनकी परीक्षा भी छूट गई.