लखनऊः आबादी के हिसाब से देश की सबसे बड़ी राजधानी उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे चुनावी साल करीब आता जा रहा है, वैसे-वैसे सियासी हलचल भी बढ़ती जा रही है. इसका असर विश्वविद्यालयों में भी देखने को मिल रहा है.
युवाओं को लुभाने की कोशिश में सरकार जुटी हुई है. लिहाजा सरकारी अमला इन पर मेहरबान है. इसी क्रम में अब जोर इस बात पर भी है कि कोई भी पात्र छात्र छात्रवृत्ति से न चूके. डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने तो इसके लिए बकायदा एक पत्र भी जारी किया है.
इस बाबत कुलसचिव नंद लाल सिंह की तरफ से सभी कॉलेजों के संचालकों और प्राचार्यों को पत्र भेजा गया है. जानकारों की मानें तो इस तरह के पत्र काफी कम जारी किए जाते हैं.
यही नहीं, भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद छात्रवृत्ति की पात्रता के नियमों को इतना सख्त कर दिया गया कि बड़ी संख्या में छात्र बाहर हो गए. पत्र में कुलसचिव ने बीती दो अक्तूबर को छात्रवृत्ति वितरण समारोह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का हवाला दिया है.
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ऑनलाइन आवेदनों की संख्या है बेहद कम
पत्र में साफ लिखा है कि पिछड़े वर्ग के (अल्पसंख्यक पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को छोड़कर) सत्र 2019-20 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति के लिए आए ऑनलाइन आवेदनों की संख्या बेहद कम है. वहीं, इस संबंध में सभी शिक्षण संस्थानों को विभागीय स्तर पर समय सीमा के भीतर पात्र छात्र-छात्राओं के आवेदन कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं.
सभी संस्थान के निदेशक और प्राचार्यों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह जल्द से जल्द ऑनलाइन आवेदन सुनिश्चित करके संस्था स्तर पर प्रमाणित एवं अग्रसारित करना सुनिश्चित करें.
2.25 लाख छात्र होंगे पात्र
एकेटीयू के स्तर पर टैबलेट/स्मार्टफोन के लिए पात्र छात्र-छात्राओं का ब्योरा जुटा लिया गया है. विश्वविद्यालय में इस योजना की जिम्मेदारी संभाल रहे नोडल अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि अभी तक करीब 1.70 लाख छात्र-छात्राओं का ब्योरा सामने आया है. प्रथम सेमेस्टर में अभी दाखिले की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में अगर इन्हें भी जोड़ लिया जाए तो यह संख्या करीब 2.25 लाख तक पहुंचेगी. इसमें, विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं शामिल हैं.