लखनऊ: डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले के लिए कराई गई कई चरणों की काउंसलिंग सिर्फ खानापूर्ति बनकर रह गई है. हालत यह है कि इस काउंसलिंग से कॉलेजों को छात्र नहीं मिले. विश्वविद्यालय के स्तर पर कराई गई काउंसलिंग से सिर्फ 19000 के आसपास दाखिले हुए हैं. वहीं कॉलेजों ने सीधे दाखिले लेकर 70000 से ज्यादा सीटें भर ली है. ऐसे में एकेटीयू काउंसलिंग पर सवाल उठ रहे हैं.
विश्वविद्यालय से लगभग 763 सम्बद्ध संस्थानों में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में लगभग 1 लाख 9 हजार सीटें हैं. विश्वविद्यालय में दो तरह से प्रवेश प्रक्रिया की जाती हैं. एक काउंसलिंग के माध्यम से दूसरा सीधे प्रवेश के माध्यम से. इस बार काउंसलिंग से 19,057 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया. साथ ही लगभग 70,559 विद्यार्थियों ने सीधे प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से एडमिशन लिया.
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मीडिया प्रभारी आशीष मिश्रा ने बताया कि प्रवेश की अंतिम तिथि तक लगभग 89616 विद्यार्थियों ने प्रवेश प्राप्त किया है. कुल सीटों की तुलना में इस बार प्रवेश प्रतिशत 82.21 प्रतिशत रहा है. मीडिया प्रभारी का कहना है कि इस बार विश्वविद्यालय के सम्बद्ध संस्थानों के प्रति विद्यार्थियों का रुझान सकारात्मक रहा है. विगत वर्षों में विश्वविद्यालय द्वारा केंद्रीयकृत प्लेसमेंट और इनोवेशन जैसी सुविधाएं विद्यार्थियों को मुहैया करवाई गयी है. इससे भी विश्वविद्यालय के प्रति विद्यार्थियों का रुझान सकारात्मक हुआ है.
एकेटीयू काउंसलिंग पर सवाल
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय के स्तर पर सभी सरकारी और निजी इंजीनियरिंग मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग कराई जाती है. इस प्रक्रिया में प्रदेश के करीब 8 से 10 राज्य विश्वविद्यालय भी शामिल होते हैं. जानकारों की मानें तो सीधे दाखिले की व्यवस्था ना हो तो दो-चार कॉलेजों को छोड़कर उत्तर प्रदेश के किसी भी संस्थानों में सीटें ही ना भर पाए.
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