लखनऊ: मोहर्रम के मौके पर रघुराज प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह को घर में नजरबंद कर दिया गया. साथ ही उनके ऊपर कई धाराओं में एफआईआर भी दर्ज की गई. इस मामले में रघुराज प्रताप सिंह के करीबी और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह बेहद नाराज नजर आ रहे हैं.
अक्षय प्रताप सिंह ने सवाल किया कि जब उदय प्रताप घर में नजरबंद थे तो फिर 144 के उल्लंघन की धारा कैसे लगाई जा सकती है. अक्षय ने कहा कि वह एफआईआर के खिलाफ डीएम और शासन को ज्ञापन सौंपेंगे और ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे.
इस वजह से किया नजरबंद
दरअसल, कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह मोहर्रम के दिन परंपरागत तरीके से हाईवे के किनारे एक भंडारे का आयोजन करते हैं. यहां पर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जाता है. एक ही दिन मोहर्रम और हनुमान चालीसा के पाठ को लेकर विवाद की संभावनाएं बनी रहती हैं. लिहाजा हर बार मुहर्रम के मौके पर जिला प्रशासन दोनों आयोजनों को लेकर संवेदनशील रहता है.
समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान हुआ था आयोजन
समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान भव्य तरीके से हनुमान चालीसा और भंडारे का आयोजन किया गया था. राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते भले ही रघुराज प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी से अलग हो गए हों, लेकिन सपा में जो उनका रसूक था, वह भाजपा सरकार के दौरान देखने को नहीं मिल रहा है.
समीकरण को देखें तो लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी से अलग हुए रघुराज प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक बनाई थी. जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और भाजपा के गठबंधन को लेकर चर्चाएं भी खूब हुईं, लेकिन गठबंधन नहीं हो सका. रघुराज प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी से प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
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उदय प्रताप सिंह 85 वर्ष के बुजुर्ग हैं और मेरे लिए पिता तुल्य हैं. उनके सम्मान के लिए हम संघर्ष करेंगे. उनके ऊपर गलत एफआईआर दर्ज की गई है. जिला प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए भंडारा और हनुमान चालीसा नहीं होने दिया. अगर कार्रवाई करनी ही थी तो दोनों तरफ से करते.
-अक्षय प्रताप सिंह, एमएलसी