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उदय प्रताप सिंह पर FIR पर बोले अक्षय प्रताप सिंह, 'सम्मान के लिए करेंगे संघर्ष' - रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैयाक

कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह के ऊपर दर्ज की गई एफआईआर पर एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. अक्षय प्रताप ने कहा कि ये पूरी तरह से गलत है. यह एफआईआर अधिकारियों के मनमाने रवैए को दर्शाता है.

एफआईआर पर अक्षय प्रताप सिंह ने प्रतिक्रिया दी
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Published : Sep 13, 2019, 9:16 AM IST

लखनऊ: मोहर्रम के मौके पर रघुराज प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह को घर में नजरबंद कर दिया गया. साथ ही उनके ऊपर कई धाराओं में एफआईआर भी दर्ज की गई. इस मामले में रघुराज प्रताप सिंह के करीबी और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह बेहद नाराज नजर आ रहे हैं.

एफआईआर पर अक्षय प्रताप सिंह ने प्रतिक्रिया दी.

अक्षय प्रताप सिंह ने सवाल किया कि जब उदय प्रताप घर में नजरबंद थे तो फिर 144 के उल्लंघन की धारा कैसे लगाई जा सकती है. अक्षय ने कहा कि वह एफआईआर के खिलाफ डीएम और शासन को ज्ञापन सौंपेंगे और ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे.

इस वजह से किया नजरबंद
दरअसल, कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह मोहर्रम के दिन परंपरागत तरीके से हाईवे के किनारे एक भंडारे का आयोजन करते हैं. यहां पर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जाता है. एक ही दिन मोहर्रम और हनुमान चालीसा के पाठ को लेकर विवाद की संभावनाएं बनी रहती हैं. लिहाजा हर बार मुहर्रम के मौके पर जिला प्रशासन दोनों आयोजनों को लेकर संवेदनशील रहता है.

समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान हुआ था आयोजन
समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान भव्य तरीके से हनुमान चालीसा और भंडारे का आयोजन किया गया था. राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते भले ही रघुराज प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी से अलग हो गए हों, लेकिन सपा में जो उनका रसूक था, वह भाजपा सरकार के दौरान देखने को नहीं मिल रहा है.

समीकरण को देखें तो लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी से अलग हुए रघुराज प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक बनाई थी. जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और भाजपा के गठबंधन को लेकर चर्चाएं भी खूब हुईं, लेकिन गठबंधन नहीं हो सका. रघुराज प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी से प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

इसे भी पढ़ें:-1 महीने में हटाए जाएंगे 4 हजार फर्जी शिक्षक: सतीश द्विवेदी

उदय प्रताप सिंह 85 वर्ष के बुजुर्ग हैं और मेरे लिए पिता तुल्य हैं. उनके सम्मान के लिए हम संघर्ष करेंगे. उनके ऊपर गलत एफआईआर दर्ज की गई है. जिला प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए भंडारा और हनुमान चालीसा नहीं होने दिया. अगर कार्रवाई करनी ही थी तो दोनों तरफ से करते.
-अक्षय प्रताप सिंह, एमएलसी

लखनऊ: मोहर्रम के मौके पर रघुराज प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह को घर में नजरबंद कर दिया गया. साथ ही उनके ऊपर कई धाराओं में एफआईआर भी दर्ज की गई. इस मामले में रघुराज प्रताप सिंह के करीबी और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह बेहद नाराज नजर आ रहे हैं.

एफआईआर पर अक्षय प्रताप सिंह ने प्रतिक्रिया दी.

अक्षय प्रताप सिंह ने सवाल किया कि जब उदय प्रताप घर में नजरबंद थे तो फिर 144 के उल्लंघन की धारा कैसे लगाई जा सकती है. अक्षय ने कहा कि वह एफआईआर के खिलाफ डीएम और शासन को ज्ञापन सौंपेंगे और ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे.

इस वजह से किया नजरबंद
दरअसल, कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह मोहर्रम के दिन परंपरागत तरीके से हाईवे के किनारे एक भंडारे का आयोजन करते हैं. यहां पर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जाता है. एक ही दिन मोहर्रम और हनुमान चालीसा के पाठ को लेकर विवाद की संभावनाएं बनी रहती हैं. लिहाजा हर बार मुहर्रम के मौके पर जिला प्रशासन दोनों आयोजनों को लेकर संवेदनशील रहता है.

समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान हुआ था आयोजन
समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान भव्य तरीके से हनुमान चालीसा और भंडारे का आयोजन किया गया था. राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते भले ही रघुराज प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी से अलग हो गए हों, लेकिन सपा में जो उनका रसूक था, वह भाजपा सरकार के दौरान देखने को नहीं मिल रहा है.

समीकरण को देखें तो लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी से अलग हुए रघुराज प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक बनाई थी. जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और भाजपा के गठबंधन को लेकर चर्चाएं भी खूब हुईं, लेकिन गठबंधन नहीं हो सका. रघुराज प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी से प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

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उदय प्रताप सिंह 85 वर्ष के बुजुर्ग हैं और मेरे लिए पिता तुल्य हैं. उनके सम्मान के लिए हम संघर्ष करेंगे. उनके ऊपर गलत एफआईआर दर्ज की गई है. जिला प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए भंडारा और हनुमान चालीसा नहीं होने दिया. अगर कार्रवाई करनी ही थी तो दोनों तरफ से करते.
-अक्षय प्रताप सिंह, एमएलसी

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लखनऊ। मोहर्रम के मौके पर रघुराज प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह की हाउस अरेस्टिन के बाद कई धाराओं में एफआईआर दर्ज होने के मामले पर रघुराज प्रताप सिंह के करीबी अक्षय प्रताप सिंह नाराज नजर आ रहे हैं। अक्षय प्रताप सिंह का कहना है की उदय प्रताप सिंह के ऊपर दर्ज की गई f.i.r. पूरी तारा से गलत है। यह एफ आई आर अधिकारियों के मनमाने रवैए को दर्शाता है। इस दौरान अक्षय प्रताप सिंह ने सवाल किया कि जब उदय प्रताप जी की हाउस अरेस्ट्स थे तो फिर धारा 144 के उल्लंघन की धारा कैसे लगाई जा सकती है।
ईटीवी से खास बातचीत में अक्षय प्रताप सिंह ने कहा कि वह उदय प्रताप सिंह के खिलाफ की गई एफ आई आर के खिलाफ डीएम व शासन को ज्ञापन सौंपेंगे और ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेंगे।


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रघुराज प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह मोहर्रम के दिन परंपरागत तरीके से हाईवे के किनारे एक भंडारे का आयोजन करते हैं जहां पर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है एक ही दिन मोहर्रम व हनुमान चालीसा के पाठ को लेकर विवाद की संभावनाएं रहती हैं लिहाजा हर बार मुहर्रम के मौके पर जिला प्रशासन दोनों आयोजनों को लेकर संवेदनशील रहता है।
अक्षय प्रताप सिंह के अनुसार इस बार जहां मुहर्रम के मौके पर भंडारे का आयोजन उदय प्रताप को नहीं करने दिया गया वहीं उन्हें हाउस अरेस्ट किया गया। हाउस अरेस्ट करने के बाद उदय प्रताप सिंह पर कई गंभीर धाराओं पर मुकदमा भी दर्ज किया गया जिसको लेकर पूर्व सांसद व रघुराज प्रताप सिंह के करीबी अक्षय प्रताप सिंह जिला प्रशासन व सरकार से नाराज चल रहे हैं।


ईटीवी से खास बातचीत में अक्षय प्रताप सिंह ने कहा कि उदय प्रताप सिंह 85 वर्ष के बुजुर्ग है और मेरे लिए पिता तुल्य हैं उनके सम्मान के लिए हम संघर्ष करेंगे उनके ऊपर गलत एफ आई आर दर्ज की गई है जिला प्रशासन ने एकतरफा कार्यवाही करते हुए भंडारा व हनुमान चालीसा नहीं होने दिया अगर कार्यवाही करनी ही थी तो दोनों तरफ से कार्यवाही करते। एक तरफा कार्यवाही करते हुए जिला प्रशासन ने मनमाना रवैया दिखाया है जिसके खिलाफ मै व हमारी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक विरोध दर्ज कराती है।


समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान हुआ था आयोजन


भले ही रघुराज प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी बनाने के बाद समाजवादी पार्टी से दूरियां बना ली हो लेकिन समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान भव्य तरीके से हनुमान चालीसा वा भंडारे का आयोजन किया गया था राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते भले ही रघुराज प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी से अलग हो गए हो लेकिन समाजवादी पार्टी में जो उनका रसूक था वह भाजपा सरकार के दौरान देखने को नहीं मिल रहा है। समीकरण को देखें तो लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी से अलग हुए रघुराज प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक बनाई थी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक भाजपा के गठबंधन को लेकर चर्चाएं भी खूब हुई लेकिन गठबंधन नहीं हो सका रघुराज प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी से प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारे थे।




Conclusion:संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26
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