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सीएम की सुरक्षा को इतना खतरा तो प्रदेश की जनता किस हाल मेंः अखिलेश यादव - लखनऊ समाचार

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सीएम योगी की सुरक्षा बढ़ाए जाने पर प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश ने कहा कि 2020 में भी सीएम योगी की सुरक्षा को इतना खतरा है, इससे प्रदेश की जनता की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है.

अखिलेश यादव का सीएम योगी पर हमला.
अखिलेश यादव का सीएम योगी पर हमला.
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Published : Oct 11, 2020, 10:01 AM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ की और ज्यादा पुख्ता की गई सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि साल 2020 में भी सीएम योगी की सुरक्षा को इतना खतरा है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की जनता किस हाल में है.

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री की तरह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा पुख्ता कर दी गई है. कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है, इसे ग्रीन बुक में भी दर्ज किया जाएगा. पीएम के सुरक्षा व्यवस्था का ब्यौरा ब्लू बुक में होता है, जिसे देखने के बाद मुख्यमंत्री की ग्रीन बुक का रिव्यू किया गया है. वैसे जब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सत्ता में आए हैं, लगातार उनकी सुरक्षा रिव्यू होती जा रही है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब साल 2020 में भी सीएम योगी की सुरक्षा को लेकर इतना खतरा है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की जनता किस हाल में है.

अनुसूचित जाति व जनजाति उत्पीड़न मामलों में 12 प्रतिशत की वृद्धि
उन्होंने कहा कि भाजपा राज में हत्या, दुष्कर्म, लूट की खबरों के साथ दिन की शुरुआत होती है और शाम होते-होते इन घटनाओं की गिनती करना मुश्किल हो जाता है. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति उत्पीड़न संबंधी कुल मामलों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के सर्वाधिक 59,853 मामले दर्ज हुए, जिसमें 18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की प्रदेश में 272 घटनाएं पुलिस रिकॉर्ड का हिस्सा बनीं. साल 2019 में बलात्कार के 3,065 मामले दर्ज हुए, लेकिन सीएम योगी अपनी सुरक्षा पर ही इतना ज्यादा चिंतित हैं कि प्रदेश की जनता की दहशत भरी जिंदगी के बारे में सोचने का उन्हें समय ही नहीं.

प्रदेश सरकार में भाजपा नेता असुरक्षित
उन्होंने कहा कि अगर ताजा घटनाओं का ही ब्यौरा लें तो भाजपा राज में भाजपाई नेता भी असुरक्षित हैं. गाजियाबाद के मुरादनगर क्षेत्र से भाजपा विधायक के मामा की निर्ममता से हत्या कर दी गई. इसी तरह आजमगढ़ में बीडीएस सदस्य को गोलीमारी गई. मऊ में युवक, इटावा में महिला, गौरीगंज (अमेठी) में बुजुर्ग का गला रेतकर हत्या कर दी गई. वहीं कन्नौज में किसान युवक और गाजियाबाद में सैलरी लूटने के बाद फैक्ट्री कर्मी की हत्याएं हुईं. इसी तरह बाराबंकी में युवक का शव फतेहपुर कस्बे में ईदगाह के पास मिला तो फतेहपुर में शिक्षिका की हत्या के बाद पुलिस ने उसका शव तीन घंटे एंबुलेंस में रखे रखा, नीचे नहीं उतारने दिया.

दुष्कर्म की घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता
दुष्कर्म की घटनाओं को भाजपा शासनकाल में अपेक्षित गंभीरता से नहीं लिया जाता है. फतेहपुर के गाजीपुर थाना क्षेत्र में किशोरी से दुष्कर्म हुआ. मैनपुरी के कुरावली थाना क्षेत्र में एक पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म हुआ, लेकिन शर्मनाक बात यह है कि बच्ची के इलाज के नाम पर गांव की पंचायत में 20 हजार रुपये आरोपियों से दिलाकर समझौता करा दिया गया. इसके अलावा अलीगढ़ के अतरौली में एक किशोरी से गैंगरेप हुआ. नोएडा में 13 वर्ष की नाबालिग को अगवा कर गैंगरेप का शिकार बनाया गया. बांदा में युवती से दुष्कर्म किया गया. इतना ही नहीं, उन्नाव में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर कार में सामूहिक दुष्कर्म के बाद लड़की को सड़क पर फेंक दिया गया.

महिला अपराधों पर सीएम योगी साधे चुप्पी
सच तो यह है कि प्रदेश में अपराधी रोजाना एक नया अध्याय गढ़ रहे हैं और तमाम वारदातों का पुलिंदा लेकर भाजपा सरकार मौन बैठी हुई है. प्रदेश में कानून व्यवस्था बेलगाम है. चारों तरफ भय और आतंक है. मुख्यमंत्री के सभी दावे झूठे साबित हुए हैं. अपराधियों के बुलंद हौसलों के आगे सरकार नतमस्तक है. पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि आखिर उत्तर प्रदेश में यह खूनी खेल कब रूकेगा? प्रदेश में महिला अपराधों पर सीएम योगी क्यों चुप्पी साधे बैठे हैं.

सपा नेता के पुत्र के निधन पर जताया शोक
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बागपत जनपद की समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता डाॅ. शालिनी राकेश के पुत्र के निधन पर गहरा शोक जताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है. उन्होंने कहा कि 22 वर्षीय बेटे की सड़क दुर्घटना में मृत्यु अत्यंत दुःखद है. उन्होंने शोक संतप्त परिवार से संवेदना जताते हुए उन्हें यह दुःख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ की और ज्यादा पुख्ता की गई सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि साल 2020 में भी सीएम योगी की सुरक्षा को इतना खतरा है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की जनता किस हाल में है.

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री की तरह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा पुख्ता कर दी गई है. कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है, इसे ग्रीन बुक में भी दर्ज किया जाएगा. पीएम के सुरक्षा व्यवस्था का ब्यौरा ब्लू बुक में होता है, जिसे देखने के बाद मुख्यमंत्री की ग्रीन बुक का रिव्यू किया गया है. वैसे जब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सत्ता में आए हैं, लगातार उनकी सुरक्षा रिव्यू होती जा रही है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब साल 2020 में भी सीएम योगी की सुरक्षा को लेकर इतना खतरा है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की जनता किस हाल में है.

अनुसूचित जाति व जनजाति उत्पीड़न मामलों में 12 प्रतिशत की वृद्धि
उन्होंने कहा कि भाजपा राज में हत्या, दुष्कर्म, लूट की खबरों के साथ दिन की शुरुआत होती है और शाम होते-होते इन घटनाओं की गिनती करना मुश्किल हो जाता है. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति उत्पीड़न संबंधी कुल मामलों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के सर्वाधिक 59,853 मामले दर्ज हुए, जिसमें 18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की प्रदेश में 272 घटनाएं पुलिस रिकॉर्ड का हिस्सा बनीं. साल 2019 में बलात्कार के 3,065 मामले दर्ज हुए, लेकिन सीएम योगी अपनी सुरक्षा पर ही इतना ज्यादा चिंतित हैं कि प्रदेश की जनता की दहशत भरी जिंदगी के बारे में सोचने का उन्हें समय ही नहीं.

प्रदेश सरकार में भाजपा नेता असुरक्षित
उन्होंने कहा कि अगर ताजा घटनाओं का ही ब्यौरा लें तो भाजपा राज में भाजपाई नेता भी असुरक्षित हैं. गाजियाबाद के मुरादनगर क्षेत्र से भाजपा विधायक के मामा की निर्ममता से हत्या कर दी गई. इसी तरह आजमगढ़ में बीडीएस सदस्य को गोलीमारी गई. मऊ में युवक, इटावा में महिला, गौरीगंज (अमेठी) में बुजुर्ग का गला रेतकर हत्या कर दी गई. वहीं कन्नौज में किसान युवक और गाजियाबाद में सैलरी लूटने के बाद फैक्ट्री कर्मी की हत्याएं हुईं. इसी तरह बाराबंकी में युवक का शव फतेहपुर कस्बे में ईदगाह के पास मिला तो फतेहपुर में शिक्षिका की हत्या के बाद पुलिस ने उसका शव तीन घंटे एंबुलेंस में रखे रखा, नीचे नहीं उतारने दिया.

दुष्कर्म की घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता
दुष्कर्म की घटनाओं को भाजपा शासनकाल में अपेक्षित गंभीरता से नहीं लिया जाता है. फतेहपुर के गाजीपुर थाना क्षेत्र में किशोरी से दुष्कर्म हुआ. मैनपुरी के कुरावली थाना क्षेत्र में एक पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म हुआ, लेकिन शर्मनाक बात यह है कि बच्ची के इलाज के नाम पर गांव की पंचायत में 20 हजार रुपये आरोपियों से दिलाकर समझौता करा दिया गया. इसके अलावा अलीगढ़ के अतरौली में एक किशोरी से गैंगरेप हुआ. नोएडा में 13 वर्ष की नाबालिग को अगवा कर गैंगरेप का शिकार बनाया गया. बांदा में युवती से दुष्कर्म किया गया. इतना ही नहीं, उन्नाव में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर कार में सामूहिक दुष्कर्म के बाद लड़की को सड़क पर फेंक दिया गया.

महिला अपराधों पर सीएम योगी साधे चुप्पी
सच तो यह है कि प्रदेश में अपराधी रोजाना एक नया अध्याय गढ़ रहे हैं और तमाम वारदातों का पुलिंदा लेकर भाजपा सरकार मौन बैठी हुई है. प्रदेश में कानून व्यवस्था बेलगाम है. चारों तरफ भय और आतंक है. मुख्यमंत्री के सभी दावे झूठे साबित हुए हैं. अपराधियों के बुलंद हौसलों के आगे सरकार नतमस्तक है. पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि आखिर उत्तर प्रदेश में यह खूनी खेल कब रूकेगा? प्रदेश में महिला अपराधों पर सीएम योगी क्यों चुप्पी साधे बैठे हैं.

सपा नेता के पुत्र के निधन पर जताया शोक
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बागपत जनपद की समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता डाॅ. शालिनी राकेश के पुत्र के निधन पर गहरा शोक जताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है. उन्होंने कहा कि 22 वर्षीय बेटे की सड़क दुर्घटना में मृत्यु अत्यंत दुःखद है. उन्होंने शोक संतप्त परिवार से संवेदना जताते हुए उन्हें यह दुःख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है.

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