लखनऊ: समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में स्वास्थ्य सेवाएं चौपट हैं. भाजपा सरकार ने कोरोना काल में जनता को अनाथ छोड़ दिया गया था. उस समय की अव्यवस्था में आज भी सुधार के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं. गरीब इलाज के अभाव में मर रहा है. भीषण गर्मी के दिनों में हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि देवरिया के सरकारी अस्पताल में दवाओं के अभाव से मरीज बेहाल हैं. कन्नौज मेडिकल कॉलेज (Kannauj Medical College) में वाटर कूलर, आरओ खराब, पानी के लिए मरीज तरस रहे हैं. कन्नौज के जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में एक भी यूनिट निगेटिव ग्रुप का ब्लड नहीं बचा है. जरूरत पड़ने पर मरीजों को खून के लिए कानपुर और लखनऊ की लम्बी दूरी तय करनी पड़ रही है. सिद्धार्थनगर में एनेस्थीसिया के डाक्टरों की कमी से उपचार बाधित हो रहा है.
आगे कहा कि आगरा मेडिकल कॉलेज में भी मरीजों की कई जांच ठप्प हैं. राजधानी लखनऊ में तमाम निर्देशों के बावजूद अस्पतालों की व्यवस्था में खास सुधार नहीं दिखाई पड़ रहा है. कहीं मरीजों को स्ट्रेचर और व्हीलचेयर नहीं मिल रही है तो कहीं डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं. कई मरीजों ने तो बाहर स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ दिया. तीमारदारों के गिड़गिड़ाने के बावजूद किसी डॉक्टर ने मरीज को न देखा और नहीं इलाज किया.
उन्होंने कहा कि यूपी में जब समाजवादी सरकार थी, तब स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का विशेष अभियान चलाया गया था. मरीजों को अस्पताल तक लाने ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा शुरू की थी. प्रसूताओं और नवजात शिशुओं को घर से अस्पताल आने-जाने के लिए 102 नंबर एंबुलेंस सेवा शुरू की गई थी. भाजपा राज में ये सेवाएं बदहाल हो गई है. भाजपा सरकार में न तो इन गाड़ियों के टायर बदले गए और नहीं एंबूलेंस सेवा का संख्या विस्तार हुआ है.
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उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा सरकार चंद पूंजीपतियों की हितैषी है. भाजपा की नीति और नीयत दोनों में खोट है. प्राइवेट महंगे नर्सिंग होम और अस्पतालों की तादाद बढ़ती जा रही है जबकि गरीब सरकारी इलाज में अव्यवस्था के शिकार हो रहे हैं. गरीब जनता परेशानी में किसी तरह जीने को मजबूर है. कोई उसको पूछने वाला नहीं है.
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