लखनऊः पंचायत चुनाव के दोरान ड्यूटी पर रहे शिक्षक और कर्मचारियों के मौत का मामला अब सियासी हो चला है. शिक्षक संघ ने ड्यूटी के दौरान 1621 शिक्षक और कर्मचारियों के मौत की सूची सार्वजिनिक कर सरकार से मुआवजे की मांग कर रही है, वहीं बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने ड्यूटी के दौरान सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत की बात कही है. मंत्री के बयान के बाद इस सियासत तेज हो गई है. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर तीखा हमला बोला है.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार जिस तरह से प्रदेश के शिक्षकों और शिक्षा मित्रों के प्रति तिरस्कार पूर्ण रवैया अपना रही है, इससे शिक्षक व शिक्षामित्र समाज पूरी तरह से आक्रोशित है. अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में शिक्षकों की मौत हुई है और प्रदेश सरकार अपने आंकड़ों में मृत शिक्षकों की संख्या सिर्फ 3 बता रही है. भाजपा सरकार शिक्षक संघ की 1621 मृतकों की सूची को मुआवजे का मान न देकर शिक्षकों का अपमान कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव में बड़ी संख्या में शिक्षकों की मौत हुई और प्रदेश सरकार शिक्षकों की कम मौत बताकर शिक्षकों को अपमानित करने का काम कर रही है जोकि बहुत दुखद है.
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हर मोर्चे पर विफल रही योगी सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरह से विफल साबित हो रही है. 4 वर्षों में इन्होंने विकास के कोई कार्य नहीं किए. ना तो अस्पतालों का निर्माण कराया ना वेंटीलेटर का निर्माण कराया. यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई. इस सरकार ने समाजवादी पार्टी के सरकार के कामों को अपने नाम का बताकर ढिंढोरा पीटने का काम किया. आज जिलों में हत्याएं हो रही हैं, श्मशान घाट पर शव जलाने के लिए जगह नहीं है, इससे दुखद और क्या हो सकता है.
बताते चलें कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार केंद्र और प्रदेश सरकार पर हमलावर रहते हैं. कभी कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर कभी कोरोना के मुद्दे पर.इस बार पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ी संख्या में शिक्षकों की हुई मौत के मामले पर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है.