लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'भाजपा सरकार की न तो नीतियां सही हैं और न नीयत'. इसका नतीजा यह है कि उत्तर प्रदेश के विकास का पहिया थम सा गया है. अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘डुप्लीकेट लोकार्पण‘ के बाद भी कैंसर अस्पताल में मरीजों को सही और सस्ता इलाज अभी भी नहीं मिल पाएगा.
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि राजधानी लखनऊ में कैंसर इंस्टीट्यूट का शिलान्यास वर्ष 2013 में समाजवादी सरकार ने किया था. सपा सरकार की सोच थी कि दिल, किडनी, लीवर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज काफी मंहगा होने से सामान्य लोगों के लिए इनका इलाज करा पाना संभव नहीं है. इसी सोच से सपा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के कैंसर अस्पताल का 20 दिसंबर 2016 को लोकार्पण किया, लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार ने ‘सपा का काम अपने नाम‘ का हास्यास्पद प्रदर्शन करते हुए 20 अक्टूबर को सीजी सिटी स्थित कैंसर अस्पताल के लोकार्पण कर दिया. इस मौके पर कैंसर अस्पताल के निर्माण के लिए वे पूर्व सरकार का कृतज्ञता पूर्वक स्मरण भी नहीं कर सके. अखिलेश ने कहा कि यह कौन सी नैतिकता है? हकीकत तो यह है कि भाजपा सरकार ने साढ़े तीन वर्षों तक कैंसर अस्पताल में मरीजों का इलाज ही नहीं होने दिया और चौथे वर्ष में ओपीडी का काम शुरू किया.
अब तक कई मरीजों का हो सकता था इलाज
अखिलेश यादव ने कहा कि सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा सरकार ने अगर पहले ही काम शुरू करा दिया होता तो न जाने कितने मरीजों का अब तक इलाज हो जाता. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में संवेदनशीलता होती तो वे साढ़े तीन सालों में यहां इलाज न पाने वाले कैंसर मरीजों की मौतों का प्रायश्चित जरूर करते. साथ ही यह भी याद करते कि उनके सत्तारूढ़ होने के बाद भी उनके गृह जनपद गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस बीमारी से हजारों बच्चों की मौत हो गई.
भाजपा सरकार में थमा विकास का पहिया
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार में प्रदेश विकास की गति पर था, लेकिन भाजपा साढ़े तीन में एक भी ऐसा काम नहीं दिखा पाई, जिस पर वह अपना दावा कर सके. समाजवादी पार्टी के कार्यों में ही हेराफेरी कर बीजेपी अपना चेहरा बचाती आ रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘डुप्लीकेट लोकार्पण‘ के बाद भी कैंसर अस्पताल में मरीजों को सही और सस्ता इलाज अभी भी नहीं मिल पाएगा. बड़ी संख्या में यहां शिक्षकों के पद खाली है और निर्माण कार्य भी अधूरा है. ऐसा लगता है कि अपनी विदाई के चंद दिन रह जाने पर भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी बची इज्जत बचाने के लिए समाजवादी सरकार के कामों पर पत्थर चिपकाने की मुहिम में जुट गए हैं, लेकिन उनकी यह चालाकी जनता की निगाह से छुपने वाली नहीं है.