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किसानों को बर्बाद करने पर तुली है भाजपा सरकार: अखिलेश यादव - कृषि अध्यादेश

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया बिल किसान विरोधी है. यह किसानों के साथ बड़ी साजिश है. कृषि और किसान ही कठिन समय में देश की अर्थव्यवस्था संभालता था, लेकिन अब खेती पर बड़े उद्योगपतियों की नजर है, जिससे किसान मजदूर बन कर रह जाएगा.

अखिलेश यादव
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Published : Sep 20, 2020, 12:26 AM IST

लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार की नीतियां किसान और नौजवान विरोधी हैं. भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली है. यह सरकार खेती को अमीरों के हाथों गिरवी करने के लिए शोषणकारी विधेयक लायी है. ये खेतों से किसानों का मालिकाना हक छीनने का षड्यंत्र है. इससे एमएसपी (MSP) सुनिश्चित करने वाली मंडियां धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी. भविष्य में किसानों की उपज का उचित दाम भी छिन जाएगा और वह अपनी ही जमीन पर मजदूर बन कर रह जाएगा.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जब से सत्ता में आयी है, उसने अपनी नीतियों और कार्यों से किसान को त्रस्त कर रखा है. अभी धान की फसल में यूरिया और अन्य उर्वरक डालने के लिए किसान मारा-मारा फिर रहा था. यूरिया खाद की जमकर कालाबाजारी हुई. किसान को मंहगे दामों पर यूरिया खरीदनी पड़ी. गन्ना किसानों की परेशानी जस की तस है. नया पेराई सत्र आने वाला है, लेकिन पिछले सत्र का 15 हजार करोड़ रुपये बकाया है. गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर सरकार चुप्पी साध लेती है. सरकार और मिल मालिकों की सांठगांठ से गन्ना किसान संकट में हैं. इसी तरह से भाजपा नौजवानों को लगातार धोखा दे रही है.

यह भी पढ़ेंः-5 साल की संविदा पर नियुक्ति और 50 साल पर रिटायरमेंट महज अफवाहः डिप्टी सीएम

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में प्रदेश और देश में महंगाई आसमान छू रही है. कोरोना काल में हर व्यक्ति आर्थिक संकट से जूझ रहा है, लोगों की जेब खाली है, ऐसे में खाने-पीने की चीजों व सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि ने जनता के सामने नया संकट पैदा कर दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियां लोक कल्याणकारी नहीं हैं.

लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार की नीतियां किसान और नौजवान विरोधी हैं. भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली है. यह सरकार खेती को अमीरों के हाथों गिरवी करने के लिए शोषणकारी विधेयक लायी है. ये खेतों से किसानों का मालिकाना हक छीनने का षड्यंत्र है. इससे एमएसपी (MSP) सुनिश्चित करने वाली मंडियां धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी. भविष्य में किसानों की उपज का उचित दाम भी छिन जाएगा और वह अपनी ही जमीन पर मजदूर बन कर रह जाएगा.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जब से सत्ता में आयी है, उसने अपनी नीतियों और कार्यों से किसान को त्रस्त कर रखा है. अभी धान की फसल में यूरिया और अन्य उर्वरक डालने के लिए किसान मारा-मारा फिर रहा था. यूरिया खाद की जमकर कालाबाजारी हुई. किसान को मंहगे दामों पर यूरिया खरीदनी पड़ी. गन्ना किसानों की परेशानी जस की तस है. नया पेराई सत्र आने वाला है, लेकिन पिछले सत्र का 15 हजार करोड़ रुपये बकाया है. गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर सरकार चुप्पी साध लेती है. सरकार और मिल मालिकों की सांठगांठ से गन्ना किसान संकट में हैं. इसी तरह से भाजपा नौजवानों को लगातार धोखा दे रही है.

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अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में प्रदेश और देश में महंगाई आसमान छू रही है. कोरोना काल में हर व्यक्ति आर्थिक संकट से जूझ रहा है, लोगों की जेब खाली है, ऐसे में खाने-पीने की चीजों व सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि ने जनता के सामने नया संकट पैदा कर दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियां लोक कल्याणकारी नहीं हैं.

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