लखनऊः सूबे के आगामी चुनाव के लिए पूरे दमखम से जुटे सपा के राष्ट्रीय़ अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का साथ देने के लिए अब उनकी पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) भी फिर से मैदान में आ रही हैं. अखिलेश और डिंपल की यह जोड़ी आने वाले चुनाव में क्या 'सियासी चमत्कार' करेगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन एक बात तय है कि मौजूदा समय में यह जोड़ी यूपी की सबसे सशक्त राजनीतिक जोड़ी है. चलिए जानते हैं इस जोड़ी की लव से लेकर पर्सनल लाइफ के बारे में. किस तरह इन दोनों का प्यार परवान चढ़ा और किस तरह पारिवारिक विरोध के बावजूद यह जोड़ी सात जन्मों के बंधन में बंधी.
वरिष्ठ पत्रकार सुनीता ऐरन की किताब 'अखिलेश यादव - बदलाव की लहर' किताब में इसका जिक्र मिलता है. उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि अखिलेश यादव ने राजस्थान मिलिट्री स्कूल धौलपुर से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की, जबकि मैसूर के एस. जे. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से उन्होंने स्नातक किया.
अखिलेश यादव जब महज 21 वर्ष के थे तब उनकी मुलाकात 17 वर्ष की डिंपल यादव से एक दोस्त के घर पर हुईं थीं. पहले दोनों में दोस्ती हुई. फिर धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई. अखिलेश और डिंपल अक्सर दोस्त से मिलने का बहाना बनाकर डेटिंग करने लगे. दोनों का छुपछुप कर यह प्रेम चार साल तक चला था. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद अखिलेश यादव ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी से मास्टर्स डिग्री लेने सिडनी चले गए. आस्ट्रेलिया में पढ़ाई के दौरान अखिलेश डिंपल को गुलाबी खत भेजते रहे.
डिंपल उत्तराखंड के लेफ्टिनेंट कर्नल एससी रावत की बेटी हैं. पहाड़ में उस वक्त अलग राज्य की मांग चल रही थी. इस वजह से उनके घर के लोग मुलायम के सख्त खिलाफ थे. अखिलेश जब पढ़ाई करके घर लौटे तो उन्हें यह मालूम चला. उधर, मुलायम सिंह यादव को जब यह बात मालूम चली तो वह भी बेटे को लेकर चिंता में पड़ गए. अखिलेश को यह मालूम पड़ा कि पिता शादी के खिलाफ हैं तो ऐसे में वह दादी को मनाने में जुट गए.
उन्होंने दादी को डिंपल से शादी के लिए किसी तरह राजी कर लिया और खुद भी डिंपल से शादी की जिद पर अड़ गए. आखिरकार मुलायम सिंह यादव को बेटे की इच्छा के आगे झुकना पड़ा. 24 नवंबर 1999 में डिंपल और अखिलेश विवाह सूत्र में बंध गए. अखिलेश यादव और डिंपल यादव की जोड़ी आज राजनीति की सबसे सशक्त जोड़ियों में एक मानी जाती है.
अखिलेश और डिंपल के तीन बच्चे हैं. उनके नाम अदिति, टीना और अर्जुन हैं. इस जोड़ी की लोकप्रियता यूपी में काफी है. सबसे कम उम्र में सूबे के मुखिया की गद्दी संभालने का अनुभव रखने वाले अखिलेश यादव के साथ डिंपल यादव भी कन्नौज से दो बार सांसद रह चुकीं हैं. अब तो दोनों का राजनीतिक अनुभव भी काफी हो गया है.
अखिलेश की बातों को आगे बढ़ातीं हैं डिंपल
राम मनोहर लोहिया को आदर्श मानने वाली डिंपल यादव हमेशा अपने पति अखिलेश यादव की बातों को आगे बढ़ातीं हैं. अखिलेश यादव जहां अपने चिरपरिचित चुटीले अंदाज के साथ व्यंग्यात्मक लहजे में विरोधियों को चित करने के लिए जाने जाते हैं तो वहीं डिंपल यादव सौम्यता और शालीनता के साथ उनकी बातों को जनता के बीच पहुंचाने के लिए जानी जातीं हैं. डिपंल के भाषण काफी गंभीर होते हैं. अब देखना है इस बार के चुनावी संग्राम में यह जोड़ी जनता को कितना प्रभावित करती है.
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