लखनऊ: यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर पिछड़ा और दलित वर्ग के संविधान में दिए गए आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पिछड़े वर्ग से आते हैं, लेकिन जब उनके समाज के लोग उनसे बात करने जाते हैं तो बात करने के बजाए उपमुख्यमंत्री उन्हें पिटवाते हैं. लाठी चार्ज कराते हैं और लहूलुहान करते हैं. कांग्रेस पार्टी इनके हक की लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी और इन्हें न्याय दिलाएगी.
कांग्रेसी लड़ेगी अभ्यर्थियों की लड़ाई
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि "यूपी में बेरोजगारों के साथ यह सरकार धोखा कर रही है. जब-जब नौजवान सड़कों पर रोजगार की बात करता हैं सरकार लाठी-डंडों से पीटती है, लहूलुहान करती है, उन पर मुकदमें लादती है. ओबीसी और दलित वर्ग को यह सरकार संविधान के तहत दिए गए आरक्षण का भी लाभ नहीं दे रही है." इशारों-इशारों में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अपने को पिछड़ों के नेता कहते हैं, लेकिन शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी जब उनसे बात करने गए तो उपमुख्यमंत्री ने बात करने के बजाय उन्हें लहूलुहान करा दिया. उनका सिर फोड़ दिया गया. लाठीचार्ज में अभ्यर्थी राहुल मौर्य का सिर फूट गया. उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक आश्वासन के अलावा कुछ भी नही दिया. कांग्रेस पिछड़ा और दलित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने के लिए उनकी लड़ाई सड़कों पर लड़ेगी. उनके लिए संघर्ष करेगी."
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'आरक्षण घोटाला कर रही सरकार'
पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज यादव ने भी पिछड़ों और दलित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय न मिलने को लेकर सरकार को घेरा. अभ्यर्थी नीलू यादव ने आरोप लगाया कि "सरकार ने शिक्षक भर्ती में आरक्षण का लाभ नहीं दिया. यह सरकार आरक्षण घोटाला कर रही है. यह ठीक नहीं है. सरकार हमें न्याय दे, नहीं तो हम 2022 में सरकार के साथ अन्याय करेंगे." मीडिया संयोजक अशोक सिंह ने भी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार पर हमला किया.
इन मांगों को जल्द पूरा करें सरकार
शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले पर अमरेंद्र सिंह ने कहा कि ओबीसी वर्ग को 27 फीसद और दलित अभ्यर्थियों को 21 फीसद आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत के स्थान पर उनके कोटे में 3.6 प्रतिशत आरक्षण क्यों? 69000 शिक्षक भर्ती में दलित वर्ग को 21 प्रतिशत के स्थान पर उनके कोटे में 16.6 प्रतिशत आरक्षण क्यों? आरोप लगाया कि आरक्षण नियमावली बेसिक शिक्षा विभाग 1994 का सही ढंग से पालन न होने की वजह से लगभग 15000 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी चयन से वंचित हो गए हैं. उन्होंने मांग की है कि संविधान प्रदत्त आरक्षण का अधिकार 27 प्रतिशत और 21 प्रतिशत पूरा किया जाए.